Gwalior Court News: 70 फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता HC के आदेश पर निरस्त, विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट

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Published : Jun 29, 2022, 7:34 PM IST

Recognition of 70 fake nursing colleges canceled

ग्वालियर में निर्धारित मानकों को पूरा न करने के चलते हाईकोर्ट ने 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है. हाईकोर्ट ने एक जांच कमेटी गठित करते हुए 200 से ज्यादा कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है. (Gwalior Court News) (Recognition of 70 fake nursing colleges canceled)

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल में तय मानकों को पूरा न करते हुए फर्जी तरीके से चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं.(70 fake nursing colleges canceled on order of High Court in Gwalior)

70 कॉलेजों में अनियमितता की शिकायत: याचिकाकर्ता हरिओम ने अधिवक्ता उमेश बोहरे के माध्यम से अंचल में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं को लेकर याचिका दायर की थी, जिसके बाद ग्वालियर हाईकोर्ट ने एक जांच कमेटी गठित की थी. इसमें यह निर्देश दिए थे कि 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की जांच कराए जाने के निर्देश दिए थे. प्राथमिक जांच में 70 कॉलेजों में तय मानकों को पूरा न करने के मामले में अनियमितता पाई गई, जिसमें हाईकोर्ट ने 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने के आदेश दिए हैं. (Gwalior Court News)

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70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त: जांच कमेटी के बाद अंचल की सभी 270 कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया था, और एक जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी. इस बीच हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसलिंग से भी एक रिपोर्ट मांगी थी उसे भी हाई कोर्ट में पेश किया गया. इस रिपोर्ट के आधार पर ही इन 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने के निर्देश दिए हैं. याचिका के माध्यम से कहा गया था कि अगर इन नर्सिंग कॉलेज को बंद नहीं किया गया तो अप्रशिक्षित हेल्थ वर्कर सामने आएंगे. इससे कहीं ना कहीं मानव जीवन पर भी खतरा हो सकता है. साथ ही याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की है जिन कॉलेजों की मान्यता निरस्त की है उन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की मार्कशीट भी रद्द की जाए.

यह है पूरा मामला: इस मामले में भिंड निवासी हरिओम ने वर्ष 2021 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने उमेश कुमार बोहरे ने तर्क दिया कि अंचल में नर्सिंग कॉलेजों को नियम विरुद्ध मान्यता दी गई है. ये कॉलेज तय मानकों को पूरा नहीं करते. उनके पास न अस्पताल हैं, न बेड की व्यवस्था है कई कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे हैं. इनकी मान्यता निरस्त की जाए. इस पर नर्सिंग काउंसिल की ओर से तर्क दिया गया कि पिछले व वर्तमान सत्र में 271 कालेजों काे मान्यता दी गई है. मान्यता देने से पहले पूरे नियमों को परखा गया था. इसके बाद कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि कॉलेजों की वास्तविक स्थिति पता करें, इसके लिए आयोग बनाया जाए. आयोग के सदस्य कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे. हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया. जिसके बाद हाई कोर्ट को जांच के लिए फिर से कमेटी बनाने का आदेश दिया था. इस आदेश पर नर्सिंग काउंसिल ने 30 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई .कमेटी ने अंचल में संचालित 200 कॉलेजों का निरीक्षण किया. जिसकी रिपोर्ट नर्सिंग काउंसिल ने हाईकोर्ट को पेश की थी. रिपोर्ट के आधार पर 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी गई है.

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