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Gwalior Rajpath ग्वालियर की "राजपथ"रोड पर मचा बवाल, नाम बदलने की उठी मांग, कांग्रेस का आरोप सिंधिया को खुश करने के लिए रखा नाम

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Published : Sep 9, 2022, 7:23 PM IST

Rajpath road name
राजपथ का नाम बदलने की मांग

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल के सामने बनी सड़क का नाम कुछ दिन पहले ही राजपथ किया गया था. कांग्रेस का आरोप है कि ग्वालियर के महाराज कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुश करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने इस सड़क का नाम राजपथ रख दिया है. कांग्रेस की मांग है कि अगर दिल्ली के राजपथ का नाम बदला जा सकता है, तो ग्वालियर स्थित राजपथ रोड का नाम भी बदला जाना चाहिए. Gwalior Rajpath, Gwalior road, jyotiraditya scindia

ग्वालियर। देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ मार्ग का नाम बदले जाने के बाद अब ग्वालियर की राजपथ रोड सुर्खियों में आ गई है. यही कारण है कि सिंधिया के शहर ग्वालियर में 'राजपथ रोड' को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसका भी नाम बदले जाने को लेकर आवाज उठने लगी है. इसे लेकर अब शहर के कई समाजसेवी और कांग्रेस भी सोशल मीडिया पर आवाज उठाने लगी है. इनकी मांग है कि ग्वालियर की राजपथ रोड का भी नाम जल्द से जल्द बदलना चाहिए ,अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह इसको लेकर आंदोलन करेंगे.

राजपथ का नाम बदलने की मांग

सिंधिया को खुश करने को बदला नाम: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल के सामने बनी सड़क का नाम कुछ दिन पहले ही राजपथ किया गया था. कांग्रेस का आरोप है कि ग्वालियर के महाराज कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुश करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने इस सड़क का नाम राजपथ रख दिया है. कांग्रेस की मांग है कि अगर दिल्ली के राजपथ का नाम बदला जा सकता है, तो ग्वालियर स्थित राजपथ रोड का नाम भी बदला जाना चाहिए. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो शहर में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा.

300 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है राजपथ: दिल्ली के राजपथ (कर्तव्यपथ) की तर्ज पर सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर में भी राजपथ रोड का निर्माण किया गया है. यह राजपथ रोड कुल 15 किलोमीटर की है और इस 15 किलोमीटर की रोड बनाने में 300 करोड रुपए खर्च हुए हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही इस रोड को लेकर दावा है कि यह देश की सबसे बेहतरीन रोड में गिनी जायेगी. ग्वालियर में बन रही यह राजपथ रोड को अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है. इस रोड के दोनों तरफ गार्डन,वाटरफॉल, लोगों के बैठने के लिए स्मार्ट कुर्सी के साथ-साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके साथ ही इस राजपथ रोड के निर्माण में गुलाबी पत्थर का उपयोग किया जा रहा है. यह राजपथ रोड सिंधिया महल जयविलास पैलेस के सामने से होकर गुजरती है. इसी राजपथ रोड पर सिंधिया का महल, उनकी कुलदेवी का मंदिर और सिंधिया परिवार के राजाओं की छतरियां भी मौजूद हैं.

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सिंधिया के महल से कुलदेवी के मंदिर तक जाता है रास्ता: माना जाता है कि रियासत कालीन समय में सिंधिया राजपरिवार के लोग जयविलास पैलेस से निकलकर इसी रोड से अपनी कुलदेवी मांढरे की माता मंदिर पर पूजा करने जाते थे. इस कारण इस रोड़ का नाम राजपथ कर दिया गया है, लेकिन इस रोड नाम को लेकर की शुरूआत से ही काफी सियासत हो रही है. कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भी इसके नाम को लेकर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि स्मार्ट सिटी के तहत इस सड़क का नाम कैसे रख दिया समझ से परे है. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों ने तथाकथित महाराज को खुश करने के लिए इस सड़क का नाम राजपथ रखा है.

सोशल मीडिया पर की पोस्ट: इस मामले को लेकर शहर की समाजसेवी सुधीर सप्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि अगर दिल्ली के राजपथ रोड का नाम बदल दिया है तो ग्वालियर में स्थित राजपथ और रोड का नाम भी बदलना चाहिए. उन्होंने ग्वालियर महापौर से निवेदन किया है कि इस मामले को लेकर तुरंत निगम का विशेष सत्र बुलाकर गुलामी के इस प्रतीक को बदलना चाहिए, क्योंकि यह राजपथ नाम गुलामी की छाप छोड़ता है. कांग्रेस भी एक बार फिर से इस मामले में कूद पड़ी है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में स्थित राजपथ मार्ग का नाम बदलते हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके ही मंत्री ग्वालियर में अपने महल के सामने वाली सड़क का नाम राजपथ रखवा रहे हैं. प्रधानमंत्री को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ग्वालियर स्थित राजपथ का नाम बदले जाने को लेकर शहर में आंदोलन खड़ा करेगी.

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