भोपाल। प्रदेश में धीरे-धीरे बढ़ता कोरोना अब गंभीर होता जा रहा है. कोविड-19 से संक्रमित लोगों को होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है, जबकि उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी खोजा जा रहा है. लेकिन प्रदेश में एक बात चिंता का विषय बनती जा रही है. मध्य प्रदेश में फिलहाल 993 वेंटिलेटर उपलब्ध है, लेकिन बताया जा रहा है कि अगर कोरोना का खतरा बढ़ता है तो वेंटिलेटर बढ़ाने की जरुरत भी पढ़ेगी.
प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमित लोगों की संख्या और संभावित जरूरतों को देखते हुए सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज, निजी हॉस्पिटल में आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. अभी प्रदेश में कुल बेड फैसिलिटी 29 हजार 914 है, जिसमें से 9 हजार 492 आइसोलेशन बेड चिन्हिंत किए गए हैं. जबकि प्रदेश में इस वक्त 1 हजार 598 बेड है. इसी तरह 993 वेंटिलेटर है जिनकी संख्या जरुरत के हिसाब से कम है.
हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश में अभी कोरोना महामारी काफी हद कंट्रोल में है. वेंटिलेटर की जरूरत बहुत गंभीर मरीज को ही होती है. जबकि अभी तक अधिकांश पेशेंट आइसोलेशन में ही ठीक होकर निकले हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो वेंटिलेटर की संख्या पर्याप्त है. लेकिन अगर प्रदेश में मरीज बढ़ते हैं तो वेंटिलेटर भी बढ़ाए जाने की जरुरत होगी.
प्रदेश में जल्द शुरू होंगी पांच और टेस्टिंग लैब
कोरोना प्रदेश के 11 जिलो में दस्तक दे चुका है. जिसके चलते कोविड-19 की टेस्टिंग की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के मुताबिक प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग किट, पीपीई किट और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है. अभी कोरोना की टेस्टिंग क्षमता 500 है, जिसे अगले सात दिनों में बढ़ाकर 1 हजार किया जाएगा. जबिक पांच नई टेस्टिंग लैब भी जल्द शुरू की जाएंगी. अभी भोपाल के एम्स, गांधी मेडिकल कॉलेज, बीएमएचआरसी, एनआईआरटीएच जबलपुर, डीआरडीई ग्वालियर और इंदौर मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 की जांच हो रही है.
जल्द आएगी 1 लाख 72 हजार पीपीई किट
कोरोना पेशेंट के इलाज करने वाले डॉक्टर और स्टाफ के उपयोग के लिए जल्द ही प्रदेश में 1 लाख 72 हजार पीपीई किट आएगी. इसके खरीदी जाने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है. प्रदेश में अभी 18 हजार 911 पीपीई किट है, जिसमें से 10 हजार 884 उपयोग की जा चुकी हैं, ऐसे में जल्द से जल्द और पीपीई किट की जरुरत है.