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Corona Third Wave सरकार की तैयारियों में आई तेजी लगभग 24 हजार बेड तैयार, ऑक्सीजन प्लांट्स भी चालू

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Published : Jan 4, 2022, 10:05 PM IST

24 thousand bed reserve in mp
मध्य प्रदेश सरकार ने 24 हजार बेड तैयार किए

प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी(mp corona update) है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यह मान चुके हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ने से पहले स्वास्थ्य विभाग (third wave arrangements of health department)और चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी तैयारियां पूरी करने में जुटे हैं.

भोपाल। प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी(mp corona update) है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यह मान चुके हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ने से पहले स्वास्थ्य विभाग (third wave arrangements of health-department)और चिकित्सा शिक्षा विभाग सभी तैयारियां पूरी करने में जुटे हैं. सीएम ने भी मंगलवार को कई विभागों की समीक्षा कर उन्हें कॉर्डिनेशन करने को कहा है. ईटीवी भारत ने जाना कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की स्तर पर क्या तैयारियां की गई हैं.

मध्य प्रदेश सरकार ने 24 हजार बेड तैयार किए

प्रदेश भर में 23 हजार 991 बेड तैयार
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटा हुआ है.

- कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश में 23 हजार 991 बेड तैयार किए जा रहे हैं.

- इनमें से 890 बेड सिर्फ बच्चों के लिए (पीआईसीयू बेड) होंगे.

- इसके अलावा 190 ऑक्सीजन प्लांटो कि मॉक ड्रिल भी शुरू कर दी गई है. जिसमें प्लांट की वर्किंग एफिशिएंशी, प्रोडक्शन क्वालिटी और ऑक्सीजन की प्योरिटी चेक की जा रही है.

- जिला अस्पतालों में 41 आईसीयू यूनिट बनाई जा रही हैं. जिसमें से 18 का काम पूरा हो चुका है. बाकी का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा.

- जिला अस्पतालों में 650 से अधिक बेड होंगे. भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में 920 बिस्तरों का कोविड अस्पताल तैयार किया गया है.

- हमीदिया में बच्चों के लिए 90 बिस्तरों का अत्याधुनिक ICU भी तैयार किया गया है.

- इसके अलावा 100 बेड रेस्पेरटरी इंस्टीट्यूट में होंगे.


तीसरी लहर के लिए उपलब्ध बेड की स्थिति
चिकित्सा शिक्षा विभाग- 3337 ऑक्सीजन बेड, 3353 आईसीयू/एचडीयू बेड, 380 पीआईसीयू कुल -7070 बेड
स्वास्थ्य विभाग -15080 ऑक्सीजन बेड, 1331 आईसीयू/एचडीयू, 510 पीआईसीयू, कुल 16921. इसके अलावा जिला अस्पतालों में तैयार किए बेड को मिलाकर स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग मिलाकर 18417+ 4684+ 890 = 23991 बेड तैयार किए गए हैं.

ऑक्सीजन प्लांट्स की लगातार हो रही मॉकड्रिल
तीसरी लहर के कहर से पहले 190 में से ज्यादातर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर लिए गए हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है मॉकड्रिल कर प्लांट्स की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने इसको लेकर सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारी और कलेक्टरों से भी चर्चा की है. मंत्री सारंग ने प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाया है कि ऑक्सीजन की कमी नही आने दी जाएगी. प्लांट्स की टेस्टिंग कर ऑक्सीजन की प्यूरिटी और प्लांट्स की प्रोडक्शन क्षमता भी देखी जा रही है.

मप्र में इन विभागों के सहयोग से लगे है ऑक्सीजन प्लांट्स
सीएम रिलीफ फंड - 09+ 04= 13
स्टेट पीडब्ल्यूडी - 04
पीएम केयर्स - 72+ 16= 88
केन्द्र सरकार के विभिन्न विभाग - (कोल,रेल, गैस मंत्रालय) 22+ 4= 26
सीएसआर - 30+ 06 =36
विधायक/सांसद, जनसहयोग - 21+ 02= 23 कुल 190

थोड़े इंतजार के बाद प्रदेश में ही होगी जिनोम सीक्वेंसिंग
कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए अभी दिल्ली सैंपल भेजे जाते हैं. जिसकी रिपोर्ट 4 से 5 दिन बाद आती है, ऐसे में इसकी मशीन अगर मध्य प्रदेश में लगती हैं तो मरीजों को 5 से 6 घंटे के अंदर ही रिपोर्ट मिल जाएगी. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इन मशीनों की मांग की है. उम्मीद है कि जनवरी में ही ये मशीनें भोपाल आ जाएंगी. इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा.

टेस्टिंग भी बढ़ाई गई
सरकार का दावा है तीसरी लहर के खतरे के बीच लोगों की आरटीपीसीआर और टेस्टिंग बढ़ाई गई है. प्रदेश में रोजाना 60 से 70 हजार लोगों की टेस्टिंग कराई जा रही है. वही अगर एक व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री जानने के लिए 30 लोगों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है.

तैयार की जा रही है हर जिले की प्लानिंग रिपोर्ट
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है की सरकार ने कोविड से बचाव के लिए हर जिले से प्लानिंग रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. इसके तहत गवर्नमेंट के साथ ही प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों की पूरी जानकारी और वहां मौजूद संसाधनों की एक रिपोर्ट कलेक्टरों को तैयार करनी है. इसके माध्यम से सरकार को जिले में मौजूद चिकित्सा सुविधाओं की पूरी जानकारी मिल जाएगी. ऐसे में तीसरी लहर के दौरान अगर कोई मरीज सरकारी के बजाए प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराता है तो उसे वहां भी सारी सुविधाएं और उचित इलाज मिल सकेगा.

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