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MP में शीतलहर और पाला से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका

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Published : Dec 21, 2021, 12:19 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 2:35 PM IST

MP में शीतलहर और पाला का फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है (Cold wave damage crops in central India). कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों को शीतलहर और पाला से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है. किसान कल्याण तथा कृषि विकास के संयुक्त संचालक बी.एल.बिलैया ने किसानों को सलाह दी है कि पाला से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करें. (MP cold weather hits normal life)

Damage crops due to cold wave and frost in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में शीतलहर और पाला से फसलों को नुकसान

भोपाल। मध्य प्रदेश में शीतलहर और पाला (MP cold weather hits normal life) का फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है. कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों केा शीतलहर और पाला से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है (dense fog condition in MP). राज्य मे बीते कुछ दिनों से शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है. सतना, रीवा, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सिवनी, टीकमगढ़, बैतूल, इंदौर, धार, खंडवा, खरगोन, रतलाम, दतिया, गुना में शीतलहर तो उमरिया, खजुराहो, सागर, भोपाल, रायसेन में तीव्र शीतलहर का असर है. इसके चलते फसलों को नुकसान हो रहा है. कई स्थानों पर तो पाला भी गिरा है, यह स्थिति किसानों की समस्या बढ़ाने वाली है.

पाला से बचाव के लिए हल्की सिंचाई करें

किसान कल्याण तथा कृषि विकास के संयुक्त संचालक बी.एल.बिलैया ने किसानों को सलाह दी है कि पाला से बचाव के लिए फसलों में हल्की सिंचाई करें. पर्याप्त नमी होने से फसलों में नुकसान की संभावना कम होती है. पाला होने की स्थिति में शाम के समय खेत की मेड़ पर धुआँ करें. सिंचाई शाम-रात्रि के समय करें इसके अलावा सल्फर का दो मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या पाला लगने के तुरंत बाद यानी अगले दिन प्रात: काल ग्लूकोन डी 10 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें.

पाले के प्रभाव से पौधों की कोशिकाओं में जल संचार प्रभावित होता है

संयुक्त संचालक बिलैया ने बताया कि सर्दी के मौसम में पानी का जमाव हो जाता है जिससे कोशिकायें फट जाती है एवं पौधे की पत्तियां सूख जाती है, परिणास्वरूप फसलों में भारी क्षति हो जाती है. पाला से पौधों तथा फसलों पर प्रभाव पाले के प्रभाव से पौधों की कोशिकाओं में जल संचार प्रभावित होता है. प्रभावित फसल अथवा पौधे का बहुभाग सूख जाता है जिससे रोग एवं कीट का प्रकोप बढ़ जाता है. पाले के प्रभाव से फल और फूल नष्ट हो जाते है, पाले के प्रभाव से सब्जियां अधिक प्रभावित होती है एवं पूर्णत: नष्ट हो जाती है.

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इनपुट - आईएएनएस (Cold wave damage crops in central India)

Last Updated : Dec 21, 2021, 2:35 PM IST
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