भोपाल। विश्व जल दिवस के मौके पर मंत्रालय में अधिकारियों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलाभिषेक अभियान पूर्व में लगातार चल रहा था. कोरोना की वजह से यह अभियान रुक गया था, जिसे फिर गति देने की जरूरत है. जल की उपयोगिता हम सब जानते हैं. वर्षा जल को हम कैसे सुरक्षित कर पाएं, इसके लिए हमें हरसंभव उपाय करने होंगे. उन्होंने कहा कि यह काम बिना लोगों को साथ लिए संभव नहीं हो सकेगा.
पहले की गतिविधियों की समीक्षा होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी बचाने के लिए आने वाले समय में पहले चलाई गईं गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी. प्रदेश में हर घर को नल से जल मिल सके, इसके लिए प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिंचाई का रकबा 43 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना है. इस सबके लिए हमें पानी की जरूरत है.
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इस साल 15 जून तक चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलाभिषेक कार्यक्रम फिर से शुरू होगा. यह कार्यक्रम अप्रैल-मई में पूरी रफ्तार से चलेगा. इस मुहिम को 15 जून तक चलाया जाएगा. इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. लोगों को बारिश का पानी सहेजने को लेकर जागरूक किया जाएगा. जनभागीदारी से जन संरक्षण का अभियान छेड़ा जाएगा. इसमें जन अभियान परिषद की भूमिका यह होगी कि वह लोगों और एनजीओ को इस अभियान से जोड़ें. इस दौरान जन सहयोग से नवीन जल संरचनाएं निर्मित की जाएंगी. सीएम ने कहा कि प्रदेश में पानी बचाने के लिए कई सालों से अभियान चल रहा है. भूजल स्तर बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टर के साथ ही कई और जल संरचनाएं बनाई गई हैं. (Jalabhishek campaign in Madhya Pradesh)