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Bhopal Tiger in Cage आखिरकार 13 दिन बाद पिंजरे में कैद हुआ बाघ, मैनिट में आतंक बना हुआ था टाइगर, जाने कैसे फंसा पिंजरे में

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Published : Oct 16, 2022, 6:28 PM IST

Updated : Oct 16, 2022, 7:06 PM IST

bhopal tiger in cage
आखिरकार 13 दिन बाद पिंजरे में कैद हुआ बाघ

जंगल सफारी में बाघ को देखने के लिए लोग बड़ी आसानी से पहुंच जाते हैं. इतना ही नहीं उसके वीडियो और फोटोग्राफ भी लेने से नहीं चूकते. जब यही बाघ इंसानों के रियाहशी इलाके में घुस आता तो सीन पूरा बदल जाता है. अब लोग उसकी फोटो लेने के बजाय खुद घर और कमरों में कैद हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में जंगल का राजा इंसानों के लिए आतंक बन जाता है. बहरहाल अच्छी खबर यह है कि पिछले 13 दिनों से मैनिट परिसर में घूम रहे बाघ को अंततः वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया है. इसके बाद राजधानी, खासकर मैनिट में लोगों ने राहत की सांस ली है. (bhopal tiger in cage) (bhopal finally after 13 days tiger in cage) (bhopal tiger became a terror in manit)

भोपाल। राजधानी भोपाल के मैनिट परिसर में पिछले 13 दिनों से घूम रहा बाघ आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया. बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने मैनिट परिसर में अलग-अलग स्थानों पर तीन पिंजरे लगाए थे. पिंजरे में बाघ को ललचाने के लिए बकरा बांधा गया. बाघ इसे खाने के लिए जैसे ही पिजरे में दाखिल हुआ उसमें कैद हो गया. वन विभाग के मंडल अधिकारी आलोक पाठक के मुताबिक बाघ को पकड़ लिया गया है, उसे जल्द ही जंगल में छोड़ दिया जाएगा. (bhopal tiger in cage) (bhopal finally after 13 days tiger in cage)

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पिछले 13 दिनों से आतंक बना था बाघः मैनिट में बाघ करीबन 13 दिनों से घूम रहा था. जिसके बाद मैनिट में स्टूडेट्स को हॉस्टल से न निकलने की सलाह दी गई थी. ऑनलाइन क्लासेस चलाई जा रही थी. बाद में मैनिट में छुट्टी कर दी गई थी. पिछले 13 दिनों के दौरान बाघ इलाके में लगातार शिकार कर रहा था. 13 दिनों के दौरान बाघ ने मैनिट परिसर में 5 गायों पर हमला किया था. इसमें से 3 गायों की मौत हो गई थी. हालांकि बाद में वन विभाग ने मैनिट परिसर में घूम रही गायों को बाहर निकाला था. लगातार बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही थी. (bhopal tiger became a terror in manit)

लगाए गए थे कैमरे और पिंजरेः बाघ की निगरानी के लिए मैनिट परिसर में कई स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे. कैमरे में बाघ कैद भी हुआ था. इसके बाद से टाइगर की तलाश की जा रही थी. बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए थे. ऐसे ही एक पिंजरे में बाघ फंस गया. मैनिट करीबन 650 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें से 100 एकड़ वन क्षेत्र हैं, जहां घना जंगल है. यह क्षेत्र कलियासोत डैम से सटा हुआ है. यही वजह है कि कलियासोत के जंगलों से होते हुए बाघ मैनिट परिसर में दाखिल हो गया. बाघ के पकड़े जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है. (bhopal how tiger trapped in the cage)

Last Updated :Oct 16, 2022, 7:06 PM IST
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