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Bhopal: बड़ी झील की लहरों पर फिर दौड़ा क्रूज़, लेक प्रिंसेस क्रूज का पुन: संचालन प्रारंभ

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Published : Sep 27, 2022, 10:59 PM IST

मध्य प्रदेश में विश्‍व पर्यटन दिवस के मौके पर राजधानी भोपाल की बड़ी झील में राज्‍य पर्यटन विकास निगम और बोट क्‍लब के प्रयास से लेक प्रिन्‍सेस का अपरलेक आज पुन: संचालन निगम के अध्‍यक्ष विनोद गोंटिया एवं निगम के प्रबंध संचालक एस.विश्‍वनाथन की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया. जिससे प्रदेश के पर्यटन को पुन: बढ़ाया जा सकेगा.

Cruise again ran on waves of big lake
बड़ी झील की लहरों पर फिर दौड़ा क्रूज

भोपाल। विश्‍व पर्यटन दिवस के अवसर पर मध्‍यप्रेश पर्यटन विकास निगम की इकाई बोट क्‍लब भोपाल पर संचालित क्रूज बोट लेक प्रिन्‍सेस का अपरलेक आज पुन: संचालन निगम के अध्‍यक्ष विनोद गोंटिया एवं निगम के प्रबंध संचालक एस.विश्‍वनाथन की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया. यह क्रूज बोट पिछले 15 वर्षो से बड़ी झील में संचालित किया जा रहा था, जोकि भोपाल की शान एवं पर्यटकों के प्रमुख आर्कषण का केन्‍द्र है.

तूफान के कारण क्रूज बोट क्षतिग्रस्त: गत माह में आये साइक्‍लोनिक तूफान, (इससे पूर्व इतनी तेज गति का तूफान पिछले 50 वर्षों में आज तक नहीं आया था, जिसमें हवा की गति 100 से 120 कि.मी. तक हो गई थी) के कारण क्रूज बोट क्षतिग्रस्‍त हो गया था. तूफान के दौरान जलक्रीड़ा शाखा एवं बोटक्‍लब कर्मचारियों के द्वारा क्रूज बोट को इस तूफान में भी बहुत ही कठिन प्रयत्‍नों से किनारे लगाकर बचाया गया. बोटक्‍लब कर्मचारियों की मेहनत की से क्रूज बोट में आंशिक पानी ही भरा और क्रूज बोट 45 डिग्री के कोण पर प्‍लेटफार्म में स्थिर हो गयी थी, इसी कारण उसको बचाया जा सका अन्‍यथा क्रूज बोट के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्‍त या तालाब के बीच में जाकर डूबने की संभावना थी.

क्रूज बोट की आंतरिक साज सज्‍जा हुई खराब: तूफान के खत्‍म होने के तीसरे दिन ही आंशिक रूप से डूबी हुई क्रूज को हैदराबाद एवं विशाखापट्नम से आये विशेषज्ञ दल के द्वारा रिकवर किया गया एवं यह पाया गया कि क्रूज बोट में किसी भी प्रकार की टूट-फूट नहीं हुई थी. पानी भर जाने के कारण क्रूज बोट की आंतरिक साज सज्‍जा खराब हो गई थी एवं इंजन एवं जनरेटर इत्‍यादि आंशिक प्रभावित हो गये थे, जिन्‍हें मरम्मत करके ठीक किया जाना आवश्‍यक था.

क्रूज बोट को बचाना बोटक्लब के लिए बड़ी उपलब्धि: तूफान की भीषण परिस्थितियों में बड़े बड़े शिप भी डूब जाते हैं और उनकी रिकवरी लगभग असंभव होती है. क्रूज बोट का पूरी तरह से बच जाना एवं स्‍ट्रक्‍चर में किसी भी प्रकार की क्षति न होना एवं क्रूज बोट को रिकवर कर लेना बोटक्‍लब के लिये एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इस क्रूज बोट के आकार का कोई अन्‍य शिप भी यदि पानी में डूब जाता है, तो उसको दुबारा चालू करने में एवं उसकी सुरक्षा के सारे उपकरणों को सुधारने में कम से कम 4 से 5 माह का समय लगता है.

क्रूज बोट से चलने से पर्यटन में बढ़ोत्तरी: मध्य प्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम की यांत्रिकी शाखा तथा बोटक्‍लब स्‍टाफ के द्वारा युद्व स्‍तर पर कार्य करके क्रूज बोट की आंतरिक साज-सज्‍जा, इंजन तथा जनरेटर एवं सभी सुरक्षा उपकरणों को पूर्ण रूप से सुधारकर क्रूज बोट आज फिर से शुरु किया गया, जोकि पर्यटन विकास निगम के लिये गर्व की बात है. भोपाल की गरिमा लेक प्रिन्‍सेस का पुन: चालन होने से अपरलेक में पर्यटन को पुन: बढ़ाया जा सकेगा एवं जलक्रीड़ा गतिविधियों को प्रगति मिलेगी.

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