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Kuno Palpur Sanctuary अफ्रीकन चीतों को भारत लाने का काउंटडाउन शुरू, 17 सितंबर को हवाई मार्ग से श्योपुर आएंगे 8 चीते

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Published : Sep 12, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Sep 12, 2022, 5:33 PM IST

kuno national park
कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि अफ्रीकन चीतों को मालवाहक विमान से दक्षिणी अफ्रीकी देश नामीबिया से राजस्थान के जयपुर लाया जाएगा और एक हेलीकॉप्टर 17 सितंबर की सुबह उन्हें कुनो-पालपुर लाएगा. 70 साल बाद देश की धरती पर चीतों की दहाड़ सुनाई देगी. इसके लिए व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं और अंतिम चरण की तैयारियां नामीबिया से लेकर भारत में की जा रही हैं. African cheetahs in Kuno, MP Cheeta Project

भोपाल। मध्य प्रदेश में चीतों की वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने सोमवार को बताया कि ''आठ चीतों को 17 सितंबर की सुबह हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (KNP) लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी उसी दिन उन्हें चीता रि-इंट्रोडक्शन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विशेष रुप बनाए गए बाड़ों में छोड़ेंगे. पार्क में 6 छोटे बाड़े स्थापित किए गए हैं''.

चीतों को ले जाने में हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल: यह पूछे जाने पर कि चीतों को ले जाने के लिए कितने हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा, इस पर जेएस चौहान ने कहा कि ''यह इस उद्देश्य के लिए तैनात विमानों के प्रकार पर निर्भर करेगा. यदि एक छोटा विमान तैनात किया जाता है, तो जयपुर से कुनो-पालपुर में बड़ी बिल्ली की तरह दिखने वाले खूबसूरत चीतों को स्थानांतरित करने के लिए दो उड़ानें भरी जाएंगी. यह केंद्र और रक्षा मंत्रालय द्वारा तय किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उसी दिन चीतों को बाड़ों में छोड़ देंगे''.

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कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान

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6 छोटे बाड़े स्थापित: अधिकारी ने कहा कि "'हमने जानवरों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित करने के दौरान आवश्यक कानूनी आदेश के अनुसार 6 छोटे संगरोध बाड़े स्थापित किए हैं. प्रोटोकॉल के अनुसार, जानवरों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में जाने से पहले और बाद में एक-एक महीने के लिए क्वारंटाइन करने की जरूरत है. केएनपी में फिर से शामिल किए जाने वाले चीतों की उम्र के बारे में पूछे जाने पर जेएस चौहान ने कहा कि उनके पास जानकारी नहीं है, क्योंकि केंद्र के अधिकारी नामीबिया के अधिकारियों के साथ इस पर बातचीत कर रहे हैं.

1952 में विलुप्त घोषित की थी चीते की प्रजाति: देश में अंतिम अफ्रीकन चीते की मृत्यु 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो वर्तमान छत्तीसगढ़ में है. कोरिया पहले मध्य प्रदेश का हिस्सा था. इस प्रजाति को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित किया गया था. भारत में अफ्रीकी चीता परिचय परियोजना की कल्पना 2009 में की गई थी. अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल नवंबर तक केएनपी में बड़ी बिल्ली को पेश करने की योजना को COVID​-19 महामारी के कारण झटका लगा था.
African cheetahs in Kuno, MP Cheeta Project, 8 Cheetahs will brought by air to kuno

Last Updated :Sep 12, 2022, 5:33 PM IST
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