ETV Bharat / bharat

गृह मंत्रालय ने जेल से बाहर निकलने वाले कैदियों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनाने को कहा

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 14, 2023, 7:28 AM IST

Ensure that prisoners who are granted prison leave wear electronic tracking devices MHA to States
गृह मंत्रालय का परोल पर जेल से बाहर निकलने वाले कैदियों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनाने की सलाह

आदर्श जेल और सुधार सेवा अधिनियम, 2023 के तहत गृह मंत्रालय ने पैरोल और फरलो (छुट्टी) पर जाने वाले कैदियों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनाने के लिए कहा है. इससे कैदियों के भागने की स्थिति में उसे तुरंत पकड़ा जा सकता है.prisoners wear electronic tracking devices

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे उन कैदियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनना सुनिश्चित करें जिन्हें जेल से छुट्टी दी गई है. ताकि कैदियों की गतिविधियों की निगरानी कर सकें. ऐसे कैदियों की आवाजाही और गतिविधियों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनने की इच्छा की शर्त पर कैदियों को जेल की छुट्टी दी जा सकती है.

गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ एक संचार में कहा, कैदी द्वारा किसी भी उल्लंघन पर जेल की छुट्टी रद्द कर दी जाएगी. साथ ही भविष्य में दी जाने वाली किसी भी जेल छुट्टी से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, जैसा कि नियमों के तहत निर्धारित किया जा सकता है. दरअसल, यह सुझाव विभिन्न हितधारकों और विषय विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किए गए 'आदर्श कारागार और सुधार सेवा अधिनियम, 2023' में दिया गया था.

गृह मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों और विषय विशेषज्ञों के परामर्श से एक व्यापक 'आदर्श जेल और सुधार सेवा अधिनियम, 2023' को अंतिम रूप दिया है. मई में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह मसौदा कुशल जेल प्रबंधन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को समर्थन देने के अपने निरंतर प्रयास के तहत, इसे प्रसारित किया है.

मॉडल जेल और सुधार सेवा अधिनियम, 2023 की प्रति सोमवार को मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि उच्च जोखिम वाले कैदियों, आदतन अपराधियों और दुर्दांत अपराधियों की आपराधिक गतिविधियों से समाज की रक्षा के लिए सभी उचित उपाय करना जेल और सुधार सेवा निदेशालय और राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के पुलिस विभाग की जिम्मेदारी होगी.

मंत्रालय ने कहा,'कैदी द्वारा किए गए अपराध के विवरण, उपलब्ध पृष्ठभूमि रिकॉर्ड, इतिहास टिकट इत्यादि के आधार पर कैदियों को उपयुक्त रूप से वर्गीकृत किया जाएगा. उनकी प्रवृत्ति और अन्य कैदियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता का आकलन किया जाएगा. उन्हें अलग बैरक/कोठरियों में रखा जाएगा. जैसा भी उचित हो सके.'

इसमें कहा गया है कि समाज और पीड़ितों की सुरक्षा की दृष्टि से उच्च जोखिम वाले कैदी, कठोर अपराधी और आदतन अपराधी सामान्य तौर पर पैरोल, फर्लो या किसी भी प्रकार की जेल छुट्टी के हकदार नहीं होंगे. मंत्रालय ने कहा कि जेलों और सुधार संस्थानों को संगठित अपराध और कैद के दौरान जारी आपराधिक गतिविधियों की निगरानी सुनिश्चित करनी होगी. इसके तहत गिरोह की गतिविधि, गवाहों को डराना आदि रोकने के लिए ऐसे कैदियों पर विशेष निगरानी रखनी होगी.

ये भी पढ़ें- गृह मंत्रालय ने मैतेई चरमपंथी समूहों पर प्रतिबंध लगाया

राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस विभाग की खुफिया विंग, 'मॉडल कारागार और सुधार सेवा अधिनियम, 2023 में कहा गया है कि गतिशील सुरक्षा सुनिश्चित करने, जेलों से भागने, आपराधिक गतिविधियों की घटनाओं को रोकने के लिए लिए कैदियों की निगरानी और सुधार सेवाओं द्वारा समन्वय में किया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि सुरक्षा में किसी भी तरह की सांठगांठ और लापरवाही को रोकने के लिए जेल और ऐसे संवेदनशील बैरकों में तैनात अन्य सुरक्षा कर्मचारियों को समय-समय पर बदला जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.