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कम बारिश से टूटी किसानों की उम्मीद, धान का बिचड़ा किया मवेशियों के हवाले, अब सरकार से आस

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Published : Jul 23, 2022, 3:24 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 4:46 PM IST

Farmers handed over paddy to cattle
Farmers handed over paddy to cattle

झारखंड में कम बारिश से किसान परेशान हैं, वहीं साहिबगंज में किसानों (Farmers in Sahibganj) की उम्मीद टूट गई है. मायूस किसानों ने धान का बिचड़ा मवेशियों के हवाले कर दिया है. किसानों की मानें तो अब बारिश हो भी जाए तो फसल नहीं हो पाएगी.

साहिबगंज: सावन का महीना शुरू हो चुका है लेकिन, बारिश का कहीं अता-पता नहीं है. किसानों की उम्मीद और सब्र का बांध टूटता जा रहा है. किसान मायूस होकर अपने खेत को देख रहे हैं. धान के लिए बोए गए बिचड़े अधिक ताप से सूख गए हैं. बोरियो प्रखंड स्थित कृषि विभाग के आसपास लगभग 10 हजार हेक्टर जमीन इस बार बारिश के अभाव में परती रह गई है. सिर्फ बोरियो ही नहीं यह हाल लगभग सभी प्रखंडों का है.

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मवेशियों के हवाले कर दिए धान के बिचड़े: किसानों ने अंत में तंग आकर निकले हुए धान का बिचड़ा मवेशियों के हवाले कर दिया है, क्योंकि अब धान नहीं होने वाला है. किसान सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं. बीस साल पहले इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई थी. कृषि विभाग के एक आंकड़े के अनुसार 19 जुलाई 2021 तक 48 प्रतिशत, 19 जुलाई 2020 तक 78 प्रतिशत और 19 जुलाई 2019 तक 28 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी थी लेकिन, इस बार इससे अधिक दिनों के रोपनी नहीं हो सकी है.

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किसान ने कहा सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर दे सरकार: एक किसान ने कहा कि साहिबगंज जिला प्रशासन को यहां के इलाके को सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए. रोहिणी नक्षत्र में थोड़ा बहुत पानी हुआ था तो हम जैसे किसानों ने बाउगी धान बोया था और कुछ किसानों ने बिचड़ा के लिए बीज बोया था. उसके बाद पानी का दर्शन तक नहीं हुआ. हर दिन तेज धूप निकलने से छिटपुट निकला हुआ पौधा सूखने लगा है. अब बारिश हो जाए तो भी कुछ नहीं हो सकता है इसलिए, हम किसानों ने अपने मवेशियों को खेत में छोड़ दिया है ताकि खेत साफ हो सके.

अब सरकार से आस: वहीं एक महिला किसान ने कहा कि वर्षा नहीं होने से अकाल की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. बीस साल के बाद ऐसी स्थिति आयी है. इस समय हमलोग खेती करने में व्यस्त रहते थे. खाना खाने की सुध नहीं रहती थी. अभी तक खेत में धान के बड़े बड़े पौधे हो जाते थे लेकिन, कुदरत के आगे कौन क्या कर सकता है. इस बार हम किसान का परिवार चलाना मुश्किल हो चुका है. धान बेचकर हम किसान अपनी बेटी की शादी, बच्चों की पढ़ाई लिखाई सहित अपनी जीविका चलाते थे लेकिन, इस बार सरकार मदद करेगी तभी हम सुरक्षित रह पाएगें. वरना भीख मांगने की स्थिति में पहुंच जाएंगे.

उपायुक्त को सौंपी जाएगी सर्वे रिपोर्ट: सहायक कृषि पदाधिकारी विष्णुदेव मंडल ने कहा कि बारिश नहीं होने से स्थिति निश्चित रूप से गंभीर हो चुकी है. किसान की पीड़ा हम समझ रहे हैं. अभी तक बारिश नहीं होने से खरीफ फसल नहीं हुई है. एक बार सभी प्रखंड का सर्वे कर इसकी रिपोर्ट जिला कृषि पदाधिकारी और उपायुक्त को सौंप दी जाएगी. ताकि भविष्य में किसी प्रकार की सुविधा मिले तो किसानों को पहले मिल सके. जिला में 49 हेक्टयर जमीन पर खरीफ फसल होती है, जो वर्षा पर निर्भर है और इस बार बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है.

Last Updated :Jul 23, 2022, 4:46 PM IST
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