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झारखंड में कम बारिश ने बढ़ाई सरकार की चिंता, कृषि मंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ की बात

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Published : Jul 21, 2022, 10:04 PM IST

Updated : Jul 22, 2022, 10:58 AM IST

झारखंड में इस साल मानसून अब तक कमजोर रहा है और बारिश 51 फीसदी तक कम हुई है. इस मामले में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने जानकारी दी है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों से राज्य फसल बीमा योजना के तहत लाभ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन की भी अपील की है.

less rain in jharkhand
less rain in jharkhand

रांची: झारखंड के साथ इस साल मानसून ने अभी तक दगाबाजी ही की है. राज्य में अब तक सामान्य से 51% कम बारिश हुई है, जिसकी वजह से राज्य में 10% से भी कम रोपनी हुई है, जबकि 65% बिचड़ा किसानों ने लगाया गया था. सुखाड़ की दहलीज पर पहुंचे झारखंड के अलग-अलग जिलों के हालात को जानने के लिए राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीसी से अलग अलग जिलों की स्थिति का जायजा लिया.

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कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यभर में 10 प्रतिशत से कम बुआई हुई है, वहीं पाकुड़ जिले में यह करीब 15 फीसदी है जो काफी चिंताजनक है. कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में राज्य फसल बीमा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है और किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए निबंधन करें. कृषिमंत्री ने कहा कि बटाईदारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि पलामू के जनप्रतिनिधियों ने पलामू को सुखाड़ग्रस्त घोषित करने की मांग की थी, इसलिए पलामू की स्थिति जानने के लिए कृषि निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है जो पलामू का दौरा कर रिपोर्ट देगी.

देखें वीडियो
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने जानकारी दी कि झारखंड में कम बारिश से स्थिति चिंताजनक होती जा रही है, विशेषज्ञों ने कहा है कि अगले एक सप्ताह तक राज्य में बारिश की स्थिति यह तय करेगा कि आगे हालात कैसे होंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि अगर अब बारिश हो भी तब भी धान की उपज पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में सरकार ने राज्य फसल राहत योजना के लिए निबंधन शुरू कर दिया है. झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत फसल उपज का 30 से 50 फीसदी तक क्षति होने पर तीन हजार प्रति एकड़ के हिसाब से अधिकतम 15 हजार और 50 फीसदी से अधिक का नुकसान पर चार हजार प्रति एकड़ के हिसाब से अधिकतम 20 हजार तक का मुआवजा DBT के माध्यम से किसानों के खाते में डालेगी. बादल पत्रलेख ने बताया कि राज्य के 20 हजार CSC पर किसान 40 रुपये खर्च कर निबंधन करा सकते हैं जबकि http://jrfry.jharkhand.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण और आवेदन कर सकते हैं. खरीफ फसल के लिए निबंधन और आवेदन शुरू हो गया है और यह 15 सितंबर तक चलेगा.
Last Updated : Jul 22, 2022, 10:58 AM IST
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