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झारखंड में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी, केन्द्रीय टीम ने राज्य सरकार के साथ की हाई लेवल बैठक

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Published : Jan 19, 2023, 4:58 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 9:01 PM IST

Union Minister Gajendra Singh Shekhawat meeting with CM Hemant Soren
सीएम, केंद्रीय मंत्री और झारखंड के मंत्री

पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना की रफ्तार झारखंड में बहुत धीमी है. यहां अभ तक 29 प्रतिशत घरों में तक ही नल से जल पहुंच पाया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस योजना को लेकर रांची में सीएम हेमंत सोरेन के साथ बैठक की. झारखंड सरकार ने उन्हें योजना की धीमी रफ्तार के कारण भी बताए.

केंद्रीय मंत्री और झारखंड के मंत्री का बयान

रांची: झारखंड में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट जल नल योजना की धीमी रफ्तार से चिंतित केन्द्र सरकार की उच्च स्तरीय टीम ने गुरुवार को राज्य सरकार के साथ एक अहम बैठक की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में हुई इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावे केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव विनी महाजन, स्वच्छ भारत मिशन के ज्वाइंट डायरेक्टर, जल जीवन मिशन के निदेशक समेत कई अधिकारी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- झारखंड में हर घर नल जल योजना की समीक्षा, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में बैठक

प्रोजेक्ट भवन में हुई इस समीक्षा बैठक में पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के अलावे विभागीय सचिव मौजूद थे. समीक्षा के दौरान केन्द्रीय टीम के समक्ष राज्य सरकार ने धीमी प्रगति की वजह अन्य राज्यों की तूलना में झारखंड की भौगोलिक स्थिति अलग होना बताया. झारखंड में इस योजना के तहत अब तक 66 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य था जिसमें से करीब 29% तक पुरा हुआ है.


मार्च 2024 तक हर घर तक जल पह़ुंचाने का है लक्ष्य: केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 17% घरों में नल से जल की सुविधा थी आज देशभर में करीब 57% यानी करीब 11 करोड़ के आंकड़े को हम छुने वाले हैं. झारखंड में कुल 66 लाख घरों में कनेक्शन देने हैं जिसमें 29% पर हम पहुंचे हैं. शेष बचे हुए घरों में से 15 लाख घरों में काम चल रहा है. 2 लाख घरों में टेंडर हो चुके हैं. शेष बचे हुए 13 लाख घरों में टेंडर होना बांकी है.

नहीं मिलेगा समय विस्तार: उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि झारखंड में भी तेजी से यह काम पुरा हो. उन्होंने कहा कि इस योजना को समय विस्तार देने पर विचार करने की नौबत नहीं आई है, क्योंकि हमारे पास अभी भी सवा साल बचे हुए हैं. गौरतलब है कि 31 मार्च 2024 तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य लेकर केंद्र सरकार चल रही है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड की भौगोलिक स्थिति थोड़ी अलग है. इन जटिलताओं के कारण तेजी से कार्य को पूरा करने में वक्त लग रहा है. लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम लक्ष्य को ससमय पूरा करने में जरूर सफल होंगे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से चल रहे हर घर जल नल योजना की धीमी रफ्तार के लिए झारखंड की भौगोलिक कारण बताया है. प्रोजेक्ट भवन में भारत सरकार के साथ हुई समीक्षा बैठक को सकारात्मक बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष सारी बातें रखी गई हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विस्तार से इसकी समीक्षा की है जिस दौरान राज्य की ओर से सारी बातें रखी गई हैं. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि आगे और तेजी से काम किया जायेगा जिसके लिए बैठक में कार्ययोजना बनाई गई हैं.


दुर्गम क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है चुनौती: केन्द्र और राज्य सरकार के 50-50 फीसदी भागीदारी पर शुरू की गई इस योजना को समयबद्ध ढंग से पूरा करने में झारखंड पिछड़ रहा है. इसके पीछे मुख्य वजह राज्य का भौगोलिक कारण बताया जा रहा है. जलक्षेत्र के अभाव के कारण धनबाद, पलामू, पाकुड़ जैसे जिलों में विभाग को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावे पठारी और पहाड़ी इलाकों में छोटे छोटे टोला में रह रहे लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. राज्य में जल नल योजना की धीमी रफ्तार पर राज्यपाल रमेश बैस ने भी पिछले दिनों चिंता जताते हुए राज्य सरकार से इसमें तेजी लाने को कहा था.

Last Updated :Jan 19, 2023, 9:01 PM IST
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