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बंधु तिर्की आदिवासियों की आवाज है, उनके खिलाफ मनगढ़ंत शिकायत बर्दाश्त नहीं: पड़हा राजा

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Published : Jun 18, 2023, 11:29 AM IST

Updated : Jun 18, 2023, 12:04 PM IST

Tribal organizations meeting
Tribal organizations meeting

आदिवासी संगठनों ने बंधु तिर्की के समर्थन में एक बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बंधु तिर्की उनकी और पूरे आदिवासियों की आवाज हैं. उनके खिलाफ कोई कुछ भी बोलेगा, वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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रांची: जिला के बेड़ो प्रखंड मुख्यालय में पिछले दिनों बंधु तिर्की पर लगे आरोप को लेकर कई आदिवासी संगठन के लोगों ने बैठक की. इस बैठक में पड़हा समिति के लोगों ने उनका समर्थन किया.

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बैठक में 12 पड़हा राजा प्रो करमा उरांव ने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान बंधु तिर्की ने मांडर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासियों और मूलवासियों को अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना सिखाया और मार्ग दर्शन किया. बंधु तिर्की की राजनीतिक कार्यप्रणाली और उनके काम करने के अंदाज के साथ ही भावनात्मक रूप से आदिवासियों के साथ उनका जुड़ाव है. इसी के कारण ही आज लाखों आदिवासी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है और वे पहले के मुकाबले ज्यादा जागरूक हुए हैं. उनके खिलाफ झूठी-मनगढ़ंत शिकायत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

'आदिवासी अब जागरूक हो गये हैं': वहीं बैठक में मौजूद जिला परिषद सदस्य बेरोनिका उरांव ने कहा कि वैसे तो पूरे झारखंड लेकिन विशेष रूप से मांडर, बेड़ो और चान्हो के आदिवासी अब जागरूक हो गये हैं. अब यह बिल्कुल सही समय है कि इन्हें ठगने, इनके साथ जालसाजी कर पैसे की अवैध उगाही करने वाले पर जांच कर कार्रवाई हो.

वहीं सात पड़हा संरक्षक पंचु मिंज ने कहा कि बंधु तिर्की पर आरोप लगाने वाले लोगों को पहले यह बताना चाहिये कि देवराज भगत और मुकेश कौन है. आदिवासी के पवित्र सरना स्थल के सौंदर्यीकरण, मसना स्थल की घेराबंदी और धूमकुरिया निर्माण के लिये किन लोगों ने कितने पैसे की उगाही की है. इसे जानने का अधिकार भी मांडर, बेड़ो और चान्हो के आम ग्रामीणों को है.

'आदिवासियों के भोलेपन का फायदा उठाया गया': आदिवासी लोहरा समाज अध्यक्ष सोमरा लोहरा ने कहा कि लंबे समय से आदिवासियों और मूलवासियों के भोलेपन का बहुत बुरे तरीके से फायदा उठाया गया और इसका खामियाजा केवल और केवल आदिवासियों और मूलवासियों को ही उठाना पड़ा है. पड़हा समाज के संजय कच्छप ने कहा कि, जब तक दोषी तत्वों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती और गरीब आदिवासियों से वसूले गए रकम को वापस नहीं किया जाता है. तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. बैठक में कई आदिवासी संगठन के अगुआ और बुद्धिजीवी शामिल थे.

दरअसल, बंधु तिर्की पर आरोप है कि 10 जून को उन्होंने अपने आवास पर एक सरकारी कर्मचारी, जिसका नाम महादेव उरांव है, उसकी पिटाई की है. इसके बाद अलग-अलग जगहों पर बंधु तिर्की का विरोध हो रहा है और पड़हा समाज के लोग उनका पुतला फूंक रहे हैं. इसी मामले में इन आदिवासी संगठनों ने बंधु तिर्की का समर्थन किया है.

Last Updated :Jun 18, 2023, 12:04 PM IST
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