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ईएनपीओ शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के बहिष्कार के फैसले पर कायम - Nagaland elections

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By IANS

Published : May 17, 2024, 9:38 PM IST

Nagaland Urban Local Bodies Elections, ईएपीओ ने नागालैंड सरकार की स्थानीय निकायों का चुनाव बहिष्कार नहीं करने की अपील को खारिज कर दिया है. यह जानकारी ईएनपीओ सचिव डब्ल्यू मनवांग कोन्याक ने दी. पढ़िए पूरी खबर...

ENPO to abstain from Nagaland urban local bodies' elections too
ईएनपीओ शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के बहिष्कार के फैसले पर कायम (IANS)

कोहिमा : ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) ने शुक्रवार को नागालैंड सरकार की अपील को खारिज करते हुए 26 जून को होने वाले शहरी स्थानीय निकाय (ULB) चुनावों के बहिष्कार के अपने फैसले पर कायम रहने की बात कही. ईएनपीओ सचिव डब्ल्यू मनवांग कोन्याक ने कहा कि उन्हें कोई लिखित अपील नहीं मिली है, उन्होंने केवल मीडिया में देखा है कि राज्य सरकार ने यूएलबी चुनावों का बहिष्कार न करने की अपील की है.

कोन्याक ने आईएएनएस से कहा, 'हमें अपने संगठन के निर्णय के अनुसार चलना होगा, हम यूएलबी चुनावों में भाग नहीं लेंगे.' मुख्यमंत्री नेफियू रियो की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के बाद, नागालैंड सरकार ने गुरुवार को ईएनपीओ से यूएलबी चुनावों का बहिष्कार नहीं करने का आग्रह किया. राज्य सरकार के प्रवक्ता व संसदीय कार्य मंत्री के.जी. केन्ये ने कहा कि सरकार ने ईएनपीओ और उसके घटक निकायों से यूएलबी चुनावों में भाग लेने की अपील की है.

उन्होंने कहा, यूएलबी चुनाव स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर नागरिकों के विकास और उत्थान को सुविधाजनक बनाने के लिए है. केन्ये ने कहा कि यूएलबी में महिला आरक्षण से जुड़ी लंबी लड़ाई के बाद, राज्य सरकार जनता के व्यापक हित में यूएलबी चुनाव कराएगी. उन्होंने कहा कि यूएलबी चुनावों को ईएनपीओ के लिए सीमांत नागालैंड क्षेत्र पर अपनी मांगों के लिए नाराजगी और विरोध दर्ज कराने के साधन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.

गौरतलब है कि ईएनपीओ 2010 से एक अलग 'फ्रंटियर नागालैंड टेरिटरी' या छह पूर्वी नागालैंड जिलों - किफिरे, लॉन्गलेंग, मोन, नोक्लाक, शामतोर और तुएनसांग को मिलाकर एक अलग राज्य की मांग कर रहा है. इसने अपनी मांग के समर्थन में 19 अप्रैल को नागालैंड के एकमात्र लोकसभा सीट के लिए हुए चुनाव का भी बहिष्कार किया. ईएनपीओ सचिव ने कहा कि उन्होंने पहले ही राज्य चुनाव आयोग (SEC) को सूचित कर दिया है कि छह जिलों के लोग यूएलबी चुनावों में मतदान नहीं करेंगे. इसमें तीन नगर पालिका और 36 नगर परिषद शामिल हैं.

कोन्याक ने कहा कि ईएनपीओ ने 19 मार्च को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर कहा था कि 'फ्रंटियर नागालैंड टेरिटरी (FNT) बनाने में देरी के कारण क्षेत्र के लोग किसी भी केंद्रीय और राज्य चुनाव में भाग नहीं लेंगे, नागा नेता ने कहा, 'हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कई बाहर हमारी मांगों पर ध्यान देनेे की अपील की, लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया.' ईएनपीओ एक अलग 'फ्रंटियर नागालैंड टेरिटरी' की मांग कर रहा है जिसमें छह पूर्वी जिले शामिल हैं. इन जिलों में सात पिछड़ी जनजातियां - चांग, खियामनियुंगन, कोन्याक, फोम, तिखिर, संगतम और यिमखिउंग रहते हैं. ईएनपीओ और उसके सहयोगियों ने पिछले साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के बहिष्कार का आह्वान किया था, लेकिन बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद इसे वापस ले लिया था.

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