- पीएम मोदी का लाल किले से 82 मिनट तक का संबोधन, जानिए अब तक के भाषणों का समय
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2022 पर लाल किले से 82 मिनट तक लोगों को संबोधित करते हुए रिकॉर्ड बनाया. इससे पहले उन्होंने सबसे लंबा भाषण साल 2016 में दिया था.
- आजादी के अमृत महोत्सव पर सीएम की सौगात, जानिए क्या है सीएम सारथी योजना
आजादी के अमृत महोत्सव पर झारखंड के युवाओं को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ी सौगात (gift to people of Jharkhand) दी है. रांची के मोरहाबादी मैदान से सीएम हेमंत सोरेन ने स्वतंत्रता दिवस पर सीएम सारथी योजना शुरू करने की (CM Sarathi Scheme) घोषणा की. यह योजना 15 नवंबर से लागू की जाएगी.
- स्वतंत्रता दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन ने दी बधाई, गिनाईं झारखंड सरकार की उपलब्धियां और चुनौतियां
15 अगस्त पर सोमवार को पूरा झारखंड जश्न में डूब गया. पूरे राज्य में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इस बीच रांची के ऐतिहासिक मोरहाबाद मैदान में सीएम हेमंत सोरेन ने ध्वजारोहण किया और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी. बाद में उन्होंने झारखंड के लोगों को बधाई दी और झारखंड सरकार की उपलब्धियां गिनाईं.
- पीएम मोदी बोले, विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया भी करेगी
देश आज आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं.
- स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर जश्न में डूबा झारखंड, सीएम हेमंत सोरेन मोरहाबादी मैदान में करेंगे ध्वजारोहण
स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर झारखंड जश्न में डूबा हुआ है. बहरहाल सीएम हेमंत सोरेन 15 अगस्त सोमवार को सुबह 8.55 बजे मोरहाबादी मैदान में ध्वजारोहण करेंगे.
- Independence Day 2022 पहली बार स्वदेशी गन से दी गई सलामी, जानें स्वतंत्रता दिवस की खास बातें
लाल किले पर पहुंचते ही पीएम को तीनों सेनाओं की टुकड़ियां गार्ड ऑफ ऑनर दिया. ठीक 7 बजकर 30 मिनट पर पीएम मोदी ने लाल किले पर ध्वजारोहण किया.
- 75th anniversary of independence, झारखंड की धरती से मिली आजादी को नई दिशा
देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. झारखंड की मिट्टी से वीर सपूत सिदो कान्हू के नेतृत्व में 1855 की हूल क्रांति हुई. यहीं से 1895 में भगवान बिरसा मुंडा ने उलगुलान का नारा दिया और यहीं से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत की आजादी की ओर एक कदम बढ़ाया.
- पारंपरिक हथियारों के दम पर अंग्रेजी हुकूमत को झुकने पर कर दिया था मजबूर, आदिवासियों से कांपते थे ब्रिटिशर्स
देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इसके तहत हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया जा रहा है. देश को आजाद करवाने के लिए लाखों सपूतों ने अपना बलिदाल दिया है. झारखंड के आदिवासियों का भी इसमें विशेष योगदान है. आदिवासी तीर-धनुष जैसे परंपरागत हथियार चलाने में माहिर थे और अंग्रेज तोप और बंदूकों से लैस होने के बावजूद उनसे थर-थर कांपते थे.
- आजादी की जंग में नगाड़े का था अहम योगदान, पत्तों से भेजते थे संदेश
freedom struggle के दौरान संदेश पहुंचाने का तरीका अनूठा हुआ करता था. झारखंड में आदिवासी समुदाय अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल स्वतंत्रता की लड़ाई में सूचना पहुंचाने के लिए करते थे.
- Azadi ka Amrit Mahotsav, आजादी की लड़ाई के गुमनाम सिपाही हैं टाना भगत, महात्मा गांधी के हैं सच्चे अनुयायी
पूरा देश Azadi ka Amrit Mahotsav मना रहा है. आजादी के लिए जान देने वाले भारत मां के वीर सपूतों की लंबी फेहरिस्त है. स्वतंत्रता के लिए प्राण गंवाने वाले ऐसे योद्धाओं को हम इतिहास में पढ़ते भी हैं लेकिन ऐसे कई सिपाही हैं जिन्हें इतिहास के पन्नों में कम जगह मिली है. ऐसे ही गुमनाम सिपाही हैं टाना भगत. Tana Bhagat महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी हैं.