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झारखंड हाईकोर्ट के तीन एडिशनल जज होंगे स्थाई, केंद्र से मंजूरी के बाद होगी नियुक्ति

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Published : Nov 21, 2019, 8:18 AM IST

झारखंड हाईकोर्ट को जल्द ही तीन स्थाई जज मिलेंगे. कॉलेजियम ने इसे लेकर तीन एडिशनल जजों को स्थाई करने की अुनशंसा कर दी है. केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी.

झारखंड हाई कोर्ट के तीन एडिशनल जज को बनाया गया स्थाई जज

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के तीन एडिशनल जज को स्थाई जज बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने एडिशनल जज जस्टिस राजेश शंकर, जस्टिस अनुभा रावत और जस्टिस कैलाश प्रसाद देव को स्थाई जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है. यह अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी गई है. केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद तीनों जजों को स्थाई जज की शपथ दिलाई जाएगी. 2 साल पहले इन्हें एडिशनल जज बनाया गया था.

2011 से 17 तक रहे सरकारी वकील
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार में हुआ था. उनके पिता का नाम बिंदेश्वर सिंह है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदिरी प्रोजेक्ट स्कूल रांची में हुई थी. वे रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई किए थे. संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए थे. दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित, सांख्यिकी ऑनर्स किया. उसके बाद साल 1990-93 में यहीं से लॉ की डिग्री प्राप्त की. डिग्री मिलने के बाद 1994 में वे तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. 1996 में झारखंड हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे और साल 2011 से 17 तक सरकारी वकील रहे.

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जनहित के कई मामलों में जुड़े रहे न्याय मित्र के तौर पर
झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत की शुरुआती पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई. यहीं से इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया. उन्होंने लॉ की पढ़ाई फिर यहीं से की और 1995 में वे पटना हाईकोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस करने लगी. हाईकोर्ट में भारत सरकार की वकील रही. कई बैंकों के पैनल में वकील थी. वे झालसा बोर्ड की सदस्य भी थी. वे जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़ी रहीं.

सीबीआई के रह चुके हैं अधिवक्ता
वहीं, झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले की बरनी बाग मोहल्ले में 1967 में हुआ था. उनके पिता सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डीजीपी रहे थे. बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पदक से नवाजा गया था. इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी. इसके बाद मुंगेर, भागलपुर और पटना में आगे की पढ़ाई हुई. दिल्ली में लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. उसके बाद वे पटना हाईकोर्ट चले गए. झारखंड हाईकोर्ट बनने के बाद वे रांची आ गए. वे सरकार के विभिन्न विभागों और सीबीआई के अधिवक्ता रह चुके हैं.

Intro:रांची

झारखंड हाई कोर्ट के दिन एडिशनल जज को स्थाई एक जज बनाया गया है सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एडिशनल जज जस्टिस राजेश शंकर जस्टिस अनुभा रावत और जस्टिस कैलाश प्रसाद देव को स्थाई जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की है उक्त अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी गई है केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद तीनों जजों को स्थाई जज की शपथ दिलाई जाएगी 2 साल पहले इन्हें एडिशनल जज बनाया गया था


Body:1)झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार का जन्म बिहार में हुआ था इनके पिता का नाम बिंदेश्वर सिंह है इनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकिदिरी प्रोजेक्ट स्कूल रांची में हुई थे जस्टिस राजेश शंकर ने रांची के रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई की आगे के पढ़ाई के लिए यह दिल्ली चले गए हैं दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित सांख्यिकी ऑनर्स किया जिसके बाद वर्ष 1990- 93 में यहीं से लॉ की डिग्री प्राप्त कर ली डिग्री की मिलने के बाद 1994 में इन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया 1996 में झारखंड हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे वर्ष 2011 से 17 तक सरकारी वकील रहे

2)झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत की शुरुआती पढ़ाई रांची स्थित गुरुनानक स्कूल में हुई यही से इन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी में ऑनर्स किया उन्होंने लॉ की पढ़ाई यहीं से की और 1995 मैं यह पटना हाई कोर्ट के रांची बेंच में प्रैक्टिस करने लगी हाईकोर्ट में भारत सरकार की वकील रही कई बैंकों के पैनल में वकील थी जस्टिस अनुभा रावत झालसा बोर्ड की सदस्य भी थी उन्होंने जनहित के कई मामलों में न्याय मित्र के तौर पर जुड़े रहे

3)झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का जन्म देवघर जिले की बरनी बाग मोहल्ले में 19 67 में हुआ था इनके पिता स्वर्गीय सत्येंद्र प्रसाद देव संयुक्त बिहार में डी जे पी रहे बेहतर सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुलिस पद से नवाजा गया था इनकी प्रारंभिक पढ़ाई देवघर में हुई थी इसके बाद मुंगेर भागलपुर और पटना में आगे की पढ़ाई हुई दिल्ली में लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 1996 में देवघर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस आराम की इसके बाद वह पटना हाईकोर्ट चले गए झारखंडहाईकोर्ट बनने के बाद यह रांची आ गए और सरकार के विभिन्न विभागों व सीबीआई के अधिवक्ता रह चुके हैं


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