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शिक्षकों की कमी से जूझ रहा विश्वविद्यालय, कब होगा स्थायी समाधान!

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Published : Jul 16, 2021, 3:56 PM IST

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झारखंड शिक्षा विभाग

झारखंड में शिक्षकों की भारी कमी (Shortage of Teachers) है. इस ओर झारखंड उच्च शिक्षा विभाग (Jharkhand Higher Education Department) का कोई ध्यान नहीं है. हालांकि इन दिनों वोकेशनल कोर्स (Vocational Course) के पांच विषयों के लिए रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है. वहीं पहले से अनुबंध पर बहाल शिक्षक लगातार स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. राज्य भर के विश्वविद्यालयों में 2700 से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त है.

रांची: आरयू समेत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्थाई शिक्षकों की घोर कमी (Shortage of Teachers) है. उसके बावजूद इस ओर अब तक राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग (Jharkhand Higher Education Department) और जेपीएससी का ध्यान नहीं गया है. अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक सरकार से लगातार स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. हालांकि इन दिनों वोकेशनल कोर्स (Vocational Course) के पांच विषयों के लिए रांची विश्वविद्यालय (Ranchi University) में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है.

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राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन के अलावा विद्यार्थियों के कई कार्यों पर इसका असर पड़ रहा है. एक लंबे समय से राज्य में शिक्षक नियुक्ति की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. चाहे विश्वविद्यालय स्तर के शिक्षक हो या फिर स्कूली स्तर के शिक्षक, राज्य में लगातार शिक्षक नियुक्ति को लेकर आंदोलन हो रहे हैं.

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अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति


इन दिनों शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए वोकेशनल कोर्स के अंतर्गत पांच विषयों के लिए रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. कुल 34 शिक्षकों की नियुक्ति इस पैनल में किया जाना है. इससे पहले राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुल 900 से अधिक अनुबंध पर घंटी आधारित शिक्षक कार्यरत हैं. इन शिक्षकों को भी ना तो समय पर मानदेय मिल रहा है और ना ही उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान ही मिल रहा है. जबकि ये शिक्षक स्थाई शिक्षक से बढ़कर अपनी सेवा देते हैं.



राज्य में 2700 शिक्षकों के पद रिक्त

यूजीसी के सभी नियमों का पालन करते हुए अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. इन शिक्षकों से पिछले कई सरकारों ने यह वादा भी किया था कि उन्हें आने वाले समय में स्थाई कर दिया जाएगा, लेकिन इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. राज्य भर के विश्वविद्यालयों में 2700 से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त है. इसके बावजूद स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है. केवल काम चलाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालयों ने अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है.

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सरकार को बढ़ाना है शिक्षकों के स्थायीकरण की दिशा में कदम
रांची विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि सरकार को शिक्षकों के स्थायीकरण की दिशा में कदम बढ़ाना है, सरकार जो भी निर्णय लेगी उस पर विश्वविद्यालय प्रबंधन अमल करेगी. वहीं अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक लगातार स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. अगर उन्हें नियमित कर दिया जाए तो कुछ हद तक शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकता है.

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