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झारखंड में सरकारी बीएड कॉलेज का हाल: प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों के भरोसे पा रहे प्रशिक्षण

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 26, 2023, 9:15 PM IST

झारखंड में सरकारी बीएड कॉलेज की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है. आलम ऐसा है कि इन कॉलेजों के पास ना तो अपना शिक्षक है और ना ही कर्मचारी. यहां एडमिशन लिए अभ्यर्थी प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों के भरोसे प्रशिक्षण पा रहे हैं. Bad condition of government BEd colleges in Jharkhand.
Shortage of teachers and staff in government BEd colleges of Jharkhand
झारखंड में सरकारी बीएड कॉलेज की बदहाल स्थिति

झारखंड में सरकारी बीएड कॉलेज की बदहाल स्थिति पर रिपोर्ट

रांचीः झारखंड सरकार द्वारा संचालित बीएड कॉलेजों का खस्ताहाल है. हालत यह है कि इन कॉलेजों को ना तो अपना शिक्षक है और ना ही कोई थर्ड ग्रेड स्टाफ. ऐसे में उधारी पर शिक्षक के भरोसे हर साल गुरुजी बनने की अहर्ता राज्य सरकार द्वारा प्रदान कर दी जाती है. राज्य सरकार द्वारा राज्य में चार सरकारी बीएड कॉलेज वर्तमान समय में संचालित की जा रही है.

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जिसमें रांची के राजकीय बॉयज B.Ed कॉलेज कांके और राजकीय गर्ल्स B.Ed कॉलेज बरियातू शामिल है. इसके अलावा राजकीय B.Ed कॉलेज हजारीबाग और राजकीय B.Ed कॉलेज देवघर का हाल भी ऐसा ही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो कमोबेश इन सभी बीएड कॉलेज की स्थिति एक जैसी ही है. यहां हर सत्र में 100 विद्यार्थियों के लिए सीट निर्धारित है लेकिन पढ़ाई के नाम पर सबकुछ भगवान भरोसे है.

राज्य सरकार द्वारा 4 सरकारी बीएड कॉलेज संचालित हैं. राजकीय बॉयज B.Ed कॉलेज कांके, राजकीय गर्ल्स B.Ed कॉलेज बरियातू, राजकीय B.Ed कॉलेज हजारीबाग और राजकीय B.Ed कॉलेज देवघर शामिल हैं. इन सभी सरकारी बीएड कॉलेजों में शिक्षकों के साथ साथ कर्मचारियों की भारी कमी है. यहां प्रभारी प्राचार्य से लेकर शिक्षक तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित हैं. आलम ऐसा है कि शिक्षा विभाग ने क्षेत्रीय शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को यहां प्राचार्य प्रतिनियुक्त किया है. ऐसे में इन सरकारी बीएड कॉलेज में पढ़ाई भगवान भरोसे पर ही है.

झारखंड में सरकारी बीएड कॉलेज का हाल
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कमियों से जूझता बीएड कॉलेजः शिक्षकों की कमी के कारण इन बीएड कॉलेजों में पढ़ाई का हाल बेहाल है. राजधानी के बीचोंबीच स्थित राजकीय गर्ल्स बीएड कॉलेज बरियातू की बात करें तो यहां की स्थिति और भी दयनीय है. यहां शिक्षकों के प्राचार्य और शिक्षक मिलाकर 16 पद सृजित हैं, जिनमें चार शिक्षक कार्यरत हैं वो प्रतिनियुक्ति पर हैं. यानी कॉलेज के पास ना तो अपना प्राचार्य है और ना ही कोई शिक्षक. गैर शैक्षणिक कर्मचारी की बात करें तो यहां 12 पद सृजित हैं, जिसपर एक भी कार्यरत नहीं हैं. यानी सभी के सभी पद खाली हैं. कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य प्रीति पांडे के अनुसार विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की कवायद की जा रही है. उम्मीद है कि जल्द ही कॉलेज में कुछ और शिक्षक आ जाएंगे. फिलहाल इतने ही स्टाफ के भरोसे बेहतर शैक्षिक व्यवस्था की जा रही है.

बीएड कॉलेज में नियुक्ति को लेकर पेंचः राज्य के सरकारी बीएड कॉलेज विश्वविद्यालय के देखरेख में संचालित करने का निर्णय लिया गया है, मगर इसमें जो भी नियुक्तियां होंगी वह राज्य सरकार जेपीएससी के माध्यम से करेगी. राज्य सरकार की उच्च शिक्षा विभाग एनसीटीई गाइडलाइन के अनुसार सृजित पदों के अनुसार शिक्षकों की बहाली की तैयारी में है. एनसीटीई के अनुसार बीएड कॉलेज में प्राचार्य के साथ 15 शिक्षकों के पद निर्धारित हैं. जानकारी के मुताबिक इन पदों पर नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा हरी झंडी अब तक नहीं मिली है. ऐसे में विभाग सरकार की अनुमति के इंतजार में है. ऐसे में संसाधनों के अभाव में शैक्षणिक माहौल पर असर पड़ना स्वभाविक है. इसके बाबजूद ये बीएड कॉलेज भगवान भरोसे चल रहे हैं.

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