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बड़े अफसरों का मौखिक निर्देश नहीं मानेंगे जूनियर पुलिस अफसर, एसोसिएशन ने किया आगाह

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Published : Jul 24, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 10:20 PM IST

झारखंड पुलिस में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर अफसरों और जूनियर पुलिस अफसरों के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है. झारखंड पुलिस एसोसिएशन राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को पुलिसकर्मियों को सीआरपीसी नियम-नियमावली के तहत की कार्य करने का आदेश दिया है, अगर कोई वरीय अधिकारी गलत आदेश देता है या उसपर दबाव बनाता है तो उन्हें चिंहित कर उसपर कार्रवाई की जाएगी.

senior and junior officers face to face on phone tapping case in jharkhand
senior and junior officers face to face on phone tapping case in jharkhand

रांची: झारखंड पुलिस में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर अफसरों और जूनियर पुलिस अफसरों के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है. झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने डीजीपी एमवी राव से मुलाकात के बाद सभी जिलों के जूनियर पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह बड़े पुलिस पदाधिकारियों के मौखिक और अवैध आदेश को ना मानें.

senior and junior officers face to face on phone tapping case in jharkhand
झारखंड पुलिस मुख्यालय
सीआरपीसी नियम-नियमावली के तहत करें काम

इस मामले को लेकर झारखंड पुलिस एसोसिएसन के अध्य्क्ष योगेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर बीजेपी ने भी एसोसिएशन के सदस्यों को यह निर्देश दिया है कि वह बिना लिखित कोई भी आदेश ना मानें. जिसके बाद पुलिस एसोसिएशन ने जिलों के थानों, अंचल और वरीय पदाधिकारियों के कार्यालय में काम करने वाले पुलिसकर्मियों को दिए संदेश में कहा है कि सीआरपीसी नियम-नियमावली के तहत ही कोई काम करें. कोई भी बड़े से बड़ा पदाधिकारी अगर नियम के विपरित या अवैध तरीके से आदेश देते है तो उस आदेश को नहीं मानना है. पुलिस एसोसिएशन ने निर्देश दिया है कि बावजूद इसके अगर कोई वरीय अधिकारी इस मामले में दबाव बनाता है तो सीधे एसोसिएशन को बताएं.

एसोसिएशन एफआईआर को लेकर जता चुका है विरोध
फोन टैपिंग मामले में सीआईडी के तात्कालीन टेक्निकल सेल प्रभारी अजय कुमार साहू पर एफआईआर का विरोध पुलिस एसोसिशन की ओर से किया जा रहा है. पुलिस एसोसिएशन का तर्क है कि इस मामले में अगर विभागीय कामकाज के दौरान गलती हुई है तो विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए ना कि थाने में एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि फोन टैपिंग के मामले में सीआईडी के डीएसपी रंजीत लकड़ा के बयान पर डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.

सरयू राय की शिकायत पर हुई थी जांच
सरयू राय ने रघुवर दास के कार्यकाल के दौरान अपने फोन की टैपिंग का आरोप लगाया था. उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री और डीजीपी से पत्राचार भी किया था. सरयू राय की शिकायत के बाद सीआईडी ने मामले की जांच की थी. जांच में सरयू राय का दूसरे किसी राजनीतिज्ञ के फोन टैपिंग की बात गलत निकली, लेकिन सीआईडी ने जांच में एक थानेदार, एक जेएसआई और एक सिपाही के नंबर की टैपिंग की बात पायी गई. निचले स्तर के पुलिसकर्मियों का फोन टैप क्यों हुआ इस विषय में सीआईडी ने इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू से स्पष्टीकरण नहीं पूछा, सीधे एफआईआर की कार्रवाई की गई.

Last Updated :Jul 24, 2020, 10:20 PM IST

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