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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की जमानत याचिका पर 4 मार्च को हो सकती है सुनवाई

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Published : Mar 2, 2022, 8:42 PM IST

Updated : Mar 2, 2022, 11:12 PM IST

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झारखंड हाईकोर्ट में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है. उनके वकील ने लालू की उम्र, बीमारी और आधी से अधिक सजा पूरी कर लेने को बेल का आधार बनाया है.

रांची/पटना: चारा घोटाला (Fodder Scam Case) से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद से वह जेल में हैं. हालांकि स्वास्थ्य कारणों से रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. इस बीच उनकी ओर से झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है. लालू के वकील देवार्षी मंडल ने जमानत याचिका को कोर्ट से विशेष श्रेणी में शामिल कर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था. इस याचिका में उनकी उम्र और बीमारियों का हवाला दिया गया है.

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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की जमानत याचिका में उनके अधिवक्ता की ओर से उनकी बढ़ती उम्र (73 साल), 17 बीमारियों का हवाला देने के साथ-साथ चारा घोटाले के मामले में आधी से अधिक सजा जेल में काट लेने को आधार बनाया गया है. लालू के परिवार और पार्टी के लोगों को उम्मीद है कि 4 तारीख को उनको बेल मिल जाएगी और वे घर में होली मना पाएंगे.

अधिवक्ता धीरज कुमार

पहला केस- चाईबासा कोषागार, 37.7 करोड़ का घोटाला: चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों पर चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

दूसरा केस- देवघर कोषागार, 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

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तीसरा केस- चाईबासा कोषागार, 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

चौथा केस- दुमका कोषागार, 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी: डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है. यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया, जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो. यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है. इस मामले में अब लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

Last Updated :Mar 2, 2022, 11:12 PM IST
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