रांचीः झारखंड में सरकार की योजना आम लोगों तक पहुंचे. इसको लेकर राज्य सराकर ने आपकी सरकार, आपकी द्वार कार्यक्रम चलाया. इस कार्यक्रम की तर्ज पर रांची पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए योजना बनाई है. इस योजना के तहत टाइगर और पीसीआर के जवान अपने अपने इलाकों में सक्रिय-असक्रिय अपराधियों के घर तक पहुंचकर उनकी मॉनिटरिंग करेंगे.
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राजधानी में सक्रिय और अपराध की दुनिया छोड़ चुके पुराने हिस्ट्रीशीटर पर नजर रखने के लिए यह योजना तैयार की गई है. इसको लेकर स्पेशल फोर टीम की ओर से मिली इनपुट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. राजधानी में स्पेशल फोर नाम की एक टीम को जिम्मेदारी दी गई है कि सिर्फ रांची के अपराधियों पर नजर रखे. यह टीम अपने क्षेत्र के सक्रिय अपराधियों की सूची तैयार कर रही है. इस सूची में जेल से निकलने वाले वैसे अपराधी भी शामिल हैं जो आदतन अपराधी रहा है. डाटा तैयार होने के बाद यह क्षेत्र में तैनात टाइगर और पीसीआर जवानों को दिया जाएगा. इसके बाद पीसीआर के जवान अपराधियों के घर जाकर सप्ताह में दो बार उनका वेरिफिकेशन करेंगे.
रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि राजधानी में एक सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि एक क्लिक में अपराधी की सभी जानकारी मिल सके. टाइगर और पीसीआर के जवानों की ओर से अपराधियों के घर जाकर उनकी जानकारी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपराधी पूरे दिन घर से बाहर है या फिर क्या उनके घर पर संदिग्ध लोगों का आना जाना है. इसकी सूचना गुप्त तरीके से अपराधियों के घरों के आसपास रहने वाले लोगों से की जाएगी. इस सूचना को बताने वाले लोगों की पूरी जानकारी गुप्त ही रखे जाएंगे. उन्होंने कहा कि अपराधी किसी घटना को अंजाम देता है या फिर किसी साजिश में शामिल होता है तो उनकी गिरफ्तारी की संभावना बहुत ज्यादा रहेगी.
रांची में तेज तर्रार पुलिस अफसरों की एक नई टीम बनाई गई है. जिसे स्पेशल फोर टीम का नाम दिया गया है. स्पेसल टीम राजधानी में सक्रिय अपराधियों का डोजियर तैयार कर रही है. इसमें अपराधियों के जमानतदारों तक के नाम शामिल किए जा रहे हैं. इसके साथ ही संपत्ति मूलक अपराध जैसे डकैती, लूट, वाहन और मोबाइल की चोरी और चोरी के सामान की खरीद करने वालों की सूची भी तैयार की जा रही है. इसके अलावा संगठित अपराध, शातिर गैंग के सारे अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है. सूची में छोटे संगठित गैंग के कितने अपराधी जेल में बंद हैं, कितने सजायाफ्ता या विचाराधीन हैं. इसकी भी जानकारी स्पेशल टीम इकट्ठा कर रही है. वहीं, अलग अलग तरह की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह को चिन्हित किया जा रहा है, ताकि कार्रवाई करने में सहूलियत हो सके.