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लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों की कीमत में उछाल, दुकानदारों को हो रहा नुकसान

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Published : Sep 24, 2020, 5:26 PM IST

रांची में इन दिनों सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गई है, जिसके कारण सब्जी का रेट आसमान छू रहा है. हरी सब्जी का बाजार भाव दोगुना बढ़ गया है.

hike in the price of vegetable at ranchi, लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों की कीमत में उछाल
सब्जी विक्रेता

रांचीः कभी प्याज की आसमान छूती कीमत तो कभी आलू और टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम लोगों के सब्जी का जायका बिगाड़ कर रख दिया है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगे सब्जियां बर्बाद हो गई है, जिसके कारण सब्जी का रेट आसमान छू रहा है. हरी सब्जी का बाजार भाव दोगुना बढ़ गया है. 10 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 40 रुपये बिक रहा है.

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महंगी हुई सब्जियां

हरी सब्जियों की कीमतों में उछाल होने से सबसे ज्यादा आम लोगों के जेब में प्रभाव पड़ता है क्योंकि सब्जी के उछाल होने से लोगों की जरूरत है तो वहीं रह जाती है. लेकिन कम सब्जी में ज्यादा पैसे चुकाने पड़ जाते हैं जिसके कारण सब्जी के जायके के साथ-साथ उनके जेब का भी जायका बिगड़ जाता है. सब्जी खरीददार बताते हैं कि कोई भी सब्जी 50 रुपए से नीचे नहीं दिख रहा है. हरी धनिया पत्ते की बात करें, लहसुन की बात करें, अदरक की बात करें या फिर टमाटर की बात करें जितने भी हरी सब्जियां हैं सभी सिर्फ आसमान से बात कर रहे हैं. इन दिनों घरों का पूरा जायका बिगड़ कर रह गया है.

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दूसरी तरफ सब्जी विक्रेता ने बताया कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण एक फसल पूरा बर्बाद हो गया, जिसके कारण सब्जी मिल नहीं रहा है और सब्जी बाजार में नहीं आने के कारण तमाम सब्जियों के रेट बढ़ गई है. दूसरी तरफ झारखंड के सटे बिहार में भी बाढ़ आ गया है जिसके कारण कमोबेश की सब्जी पड़ोसी राज्य बिहार में भेजी जा रही है. यही कारण है कि तमाम सब्जियों का रेट आसमान छू रहा है और यह हालत अभी कुछ दिन यही रहेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि सब्जी के रेट बढ़ने से हम विक्रेताओं को नुकसान होता है, क्योंकि लोग जब कीमत कम रहती है तब 1 से 2 केजी जरूरत की चीज लेकर जाते हैं, लेकिन जब वही कीमत में उछाल होती है तो 1-2 केजी लेने वाले ग्राहक एक पाव और आधा केजी ही लेकर जाते हैं. सब्जी बेचने में भी ग्राहक से किचकिच करना पड़ता है.

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