ETV Bharat / state

Jharkhand Health News: सरकार के एक आदेश की कीमत चुका रहे हैं डॉक्टर, काम करने के बावजूद कट जाता है वेतन

author img

By

Published : Feb 27, 2023, 10:03 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 10:49 PM IST

झारखंड के सरकारी डॉक्टर राज्य सरकार के एक आदेश से काफी परेशान हैं. सरकार का आदेश है कि बायोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस बनाए वरना वेतन में कट जाएगा. सभी डॉक्टर एक सुर से यह आदेश वापसे लेने की मांग कर रहे हैं.

design image
डिजाइन इमेज

देखें वीडियो

रांची: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो वो दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है. एक तरफ पहले से ही राज्य भर के डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे थे कि इसी बीच सरकार की तरफ से जारी किए गए एक आदेश ने इनकी फिर से परेशानी बढ़ा दी है. वो परेशानी है बायोमेट्रिक अटेंडेंस.

दरअसल राज्य सरकार की तरफ से सरकारी डॉक्टरों के लिए यह आदेश जारी किया गया है कि उन्हें अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम के द्वारा ही बनानी होगी. यदि उनकी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज नहीं होगी तो उस दिन का वेतन संबंधित डॉक्टरों का काट लिया जाएगा. अब ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे डॉक्टरों के लिए यह मुसीबत हो गई है कि आखिर वह बायोमेट्रिक पर अपना अटेंडेंस कैसे बनाएंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगी हुई है. वहीं जो डॉक्टर फील्ड में काम कर रहे हैं उनके लिए भी बायोमेट्रिक मशीन में उपस्थिति दर्ज कराना मुश्किल हो रहा है.

झासा के अध्यक्ष डॉ पी.पी साह बताते हैं कि जिस प्रकार से पुलिस को आपातकालीन सेवा में रखा गया है, उसी प्रकार डॉक्टरों को आपातकालीन सेवा में रखा जाए. जब पुलिस विभाग के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य नहीं किया गया है तो फिर स्वास्थ्य विभाग के लोगों के लिए यह व्यवस्था क्यों लागू की गई है. झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के सचिव डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह बताते हैं कि बायोमेट्रिक सिस्टम से यदि डॉक्टरों की हाजिरी बनाई भी जा रही है तो इसे वेतन से ना जोड़ा जाए, क्योंकि कई बार इंटरनेट नहीं रहने के कारण या फिर सर्वर डाउन होने की वजह से लोग बायोमेट्रिक मशीन पर अटेंडेंस नहीं बना पाते हैं. ऐसे में उनका वेतन नहीं बनता है और जब आखिरी महीना आता है तो अपने वेतन से कटे पैसे पाने के लिए चिकित्सकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

रांची सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बिमलेश बताते हैं कि बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अटेंडेंस बनाने में डॉक्टरों का कोई विरोध नहीं है. लेकिन जिस प्रकार से डॉक्टरों के वेतन को मशीन से लिंक कर दिया गया है, ऐसे में कई बार डॉक्टर इमरजेंसी के दौरान अटेंडेंस नहीं बना पाते हैं और यदि उसी दौरान व्यस्तता बढ़ जाती है तो कई बार अटेंडेंस बनाना डॉक्टर भूल जाते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का वेतन काट लिया जा रहा है. राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और उन्होंने जो आदेश जारी किया है उसे वापस लेना चाहिए.

आईएमए रांची के अध्यक्ष डॉक्टर शंभू प्रसाद बताते हैं कि राज्य सरकार यदि चाहती है कि सभी डॉक्टरों को बायेमेट्रिक पर बने अटेंडेंस के आधार पर ही वेतन देना है तो सरकार को पहले तकनीकी विभाग से बात कर बायोमेट्रिक सिस्टम को दुरुस्त करना चाहिए. क्योंकि आज भी राज्य के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर इंटरनेट अच्छे तरीके से काम नहीं करते लेकिन वहां पर प्रतिदिन डॉक्टर जाकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं.

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ बी एम के सिन्हा ने बताया कि चिकित्सकों की सेवा चौबीसों घंटे और 365 दिन की होती है. ऐसे में मशीन पर बनाए गए अटेंडेंस के आधार पर उनको वेतन देना यह गलत है, क्योंकि डॉक्टर जब मरीजों की सेवा करते हैं तो वह भूल जाते हैं कि उन्हें कब अस्पताल से जाना है और उन्हें कितनी देर ड्यूटी करनी है बस वह मरीज को बचाने के लक्ष्य में अस्पताल में घंटों घंटो तक रुके रहते हैं. लेकिन जिस प्रकार से झारखंड सरकार ने डॉक्टरों को समय के आधार पर काम करने के लिए बाध्य किया है यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

सभी डॉक्टरों ने एक स्वर में राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि सबसे पहले राज्य सरकार अपने आदेश को वापस ले और बायोमेट्रिक सिस्टम पर बने अटेंडेंस के आधार पर वेतन देने का आदेश को निरस्त करे. बता दें कि पिछले वर्ष के दिसंबर महीने में स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव जय किशोर प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि जिन चिकित्सकों की हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन पर नहीं बनेगी उनका वेतन काट लिया जाएगा.

संयुक्त सचिव के उस आदेश को देखते हुए राज्य के सिविल सर्जनों ने कई चिकित्सकों का वेतन रोक दिया है. जिस वजह से चिकित्सकों को काफी परेशानी हो रही है. काम करने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है. सरकारी चिकित्सक और स्वास्थ्य संगठनों ने स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के सचिव को पत्र के माध्यम ने मांग की है कि इस आदेश को वापस ले, अन्यथा आने वाले समय में राज्य भर के कई डॉक्टरों को वेतन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. जो कहीं ना कहीं राज्य के गरीब एवं लाचार मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पाने में प्रभावित कर सकता है.

Last Updated :Feb 27, 2023, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.