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Sahibganj Illegal Mining: अवैध खनन का मास्टरमाइंड है पंकज मिश्रा, बिना इजाजत एक पत्थर भी नहीं होता इधर से उधर

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Published : Jul 11, 2023, 5:50 PM IST

Sahibganj Illegal Mining
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झारखंड के साहिबगंज में अवैध खनन का पंकज मिश्रा मास्टरमाइंड निकला. ईडी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. इस क्षेत्र में बिना पंकज मिश्रा की सहमति के खनन संभव नहीं था.

रांची: बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के सारे करीबी एक-एक कर सलाखों के पीछे पहुंचते जा रहे हैं. जैसे-जैसे वे सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं वैसे-वैसे पंकज मिश्रा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आ रहे हैं. ईडी के खुलासे यह बताते हैं कि साहिबगंज में अगर किसी को भी माइनिंग करनी हो चाहे वह वैध हो या अवैध बिना पंकज मिश्रा के इजाजत के सम्भव ही नहीं था. वैध और अवैध दोनों तरह के खनन करने वाले जब तक पंकज मिश्रा को उसका कमीशन नहीं पहुंचाते थे तब तक खनन का काम शुरू नहीं होता था.

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हर खनन काम मे पंकज का कमीशन: साहिबगंज में अवैध खनन के खेल में मास्टरमाइंड बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने बैंक खातों और नकदी में कमीशन के तौर पर करोड़ों रुपये की वसूली की थी. पंकज मिश्रा के करीबी कृष्णा साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत ईडी की गिरफ्त में हैं. तीनों ने रिमांड पर ईडी को यह साफ साफ बताया है कि अवैध खनन के मास्टरमाइंड पंकज मिश्रा ही है. ईडी ने साहिबगंज में अवैध खनन केस में गिरफ्तार कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत और टिंकल भगत से पूछताछ की थी.

तीनों को आमने-सामने बिठाकर ईडी ने पूछताछ की और तथ्य जुटाए. तीनों ने पंकज मिश्रा के संरक्षण में अवैध खनन करने और कमीशन के तौर पर मोटी राशि देने की बात कबूली है. पंकज मिश्रा के बारे में तीनों ने स्वीकार किया है कि उसकी राजनीतिक रसूख के बिना साहिबगंज में पत्थर कारोबार करना नामुमकिन था. पंकज मिश्रा ही तय किया करता था कि किसे विभाग से लाइसेंस मिलेगा, किसे नहीं. ईडी ने कोर्ट को भी बताया है कि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा और कृष्णा साहा के बीच बैंक खातों के जरिए भी लेन देन थी, जो भी पैसे का लेन देन हुआ सभी खनन के कमीशन के थे.

कब कितने पैसे लिए पंकज मिश्रा ने: पंकज मिश्रा के बैंक खाता 23420100000444 में 26 और 29 मार्च 2021 को 5-5 लाख रुपये डाले गए थे. वहीं कृष्णा कुमार साहा ने खुद कबूल किया है कि साहिबगंज में पत्थर कारोबार करने के बदले पंकज मिश्रा ने नगद 25-30 लाख रुपये कमीशन के तौर पर लिए थे. ऐसे में ईडी ने कृष्णा कुमार साहा को भी पीएमएलए 2002 की धारा 3 के तहत आरोपी बनाया है. ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि कृष्णा कुमार साहा ने अपने नाम पर दो दर्जन से अधिक बैंक खाते खोल रहे थे, इन खातों की पड़ताल के दौरान ईडी ने पाया कि तकरीबन 19 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग इन खातों के जरिए हुई है. अपने सहयोगियों और रिश्तेदारों के बैंक खातों के जरिए भी मनी लॉन्ड्रिंग की गई. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि अवैध खनन की पुष्टि कृष्णा कुमार साहा की अर्जित राशि से भी हुई है.

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पंकज के एचडीएफसी खाते में भगवान ने डलवाए 4.87 करोड़: ईडी ने पंकज मिश्रा के एचडीएफसी बैंक के खाते की स्क्रूटनी की तब पाया कि भगवान भगत ने पंकज के खाते में कुल 4.87 करोड़ रुपये डलवाए थे. खाता खोलने के वक्त एक लाख रुपये पहले भगवान भगत ने पंकज मिश्रा को दिए. इसके बाद उसने 10 लाख रुपये शुरूआत में डाले. अवैध खनन से अर्जित मनी लॉन्ड्रिंग की राशि पंकज मिश्रा के खातों में भगवान भगत के द्वारा डलवाए जाते थे.

पंकज के इशारे पर भगवान भगत करवाता था अवैध खनन: साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा मास्टरमाइंड था, तो वहीं भगवान भगत और टिंकल भगत उसके इशारे पर ही काम करते थे. बगैर माइनिंग कंसेंट दोनों के द्वारा कई एकड़ भूमि पर अवैध खनन किए गए. ईडी ने जांच में पाया है कि आरोपी टिंकल भगत के द्वारा बंगला सकरूगढ़ में प्लाट संख्या 60 व 61 में 3.18 एकड़ भूमि में अवैध खनन किया जाता था. बगैर कंसेंट टू ऑपरेट यहां से 301510 टन पत्थर निकाले गए थे. टिंकल भगत ने मारक्सी स्टोन वर्क्स के नाम पर भी भूतहा मौजा में प्लाट नंबर 76, 77, 78,89 में अवैध खनन किया. यहां भी .86 एकड़ जमीन से 2247696 सीएफटी पत्थर अवैध तरीके से निकाले गए. टिंकल ने कमीशन के तौर पर पंकज मिश्रा को 40 लाख के करीब कैश दिए थे.

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