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केंद्र देती थी मुर्गीखाना, हम देंगे इंसानों वाला आवास, कोडरमा में बोले सीएम हेमंत- चुनाव आने वाला है, रहें होशियार

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 5, 2023, 4:45 PM IST

CM Hemant Soren in Koderma. कोडरमा में सीएम हेमंत सोरेन आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र देती थी मुर्गीखाना और हम इंसानों वाला आवास देंगे. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने राज्य को पिछड़ा बना दिया. चुनाव आने वाला है इसलिए होशियार रहें.

CM Hemant Soren in Koderma
CM Hemant Soren in Koderma

रांची/कोडरमा: कुछ षड्यंत्रकारी ऐन केन प्रकारेण झूठ-सच बोलकर आपकी आंखों में धूल डालने का काम करते हैं. अभी चुनाव आने वाला हैं. तरह-तरह से झूठ बोले जाएंगे. जब कोई बड़ा आदमी बोलता है तो हम गरीबों को सच लगने लगता है. अपनी आंखों की पट्टी को खोलें. कोडरमा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने एक ओर सरकार की योजनाओं से हो रहे फायदे गिनाए तो दूसरी ओर केंद्र और पूर्व की सरकारों पर जमकर निशाना साधा.

  • मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आने-जाने के लिए योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बुजुर्गों, आंदोलनकारियों, छात्र-छात्राओं, विधवा महिला, दिव्यांग आदि को किराया नहीं देना पड़ेगा। अपने ग्रामीण क्षेत्रों को हम शहरी क्षेत्रों के बराबर… pic.twitter.com/8pCQ4hpNd9

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि आज जितना बड़ा आदमी, उतना बड़ा झूठ. ये प्रचलन हो गया है. सीमावर्ती क्षेत्र बिहार में जाकर देख लें. वहां क्या हाल है. झारखंड बने 23 साल हो गये. कुछ समय बाद 25 साल का हो जाएगा. अब तक इस राज्य का सिर्फ खून चूसा गया, ताकतवर बनाने की कोई कोशिश नहीं हुई. इसलिए हर दिन हमारी नजर हमारी जड़ों पर है. पिछड़ेपन को मिटाना हमारी प्राथमिकता है.

केंद्र देती थी मुर्गीखाना, हम देंगे इंसानों वाला आवास: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जिन गरीबों को आवास मिलना था, उन्हें केंद्र ने नहीं दिया. नाक रगड़ते रह गये. इसलिए अबुआ आवास के नाम से अपनी योजना शुरु की. भारत सरकार से भी अच्छा आवास देंगे. केंद्र सरकार मुर्गी खाना देती थी. हम तीन कमरे का इंसानों वाला आवास देंगे. जबतक गांव मजबूत नहीं होगा, तबतक राज्य मजबूत नहीं होगा.

  • अपने आप को अगड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी ने वर्षों यहां राज किया और झारखण्ड को जानबूझकर पिछड़ा किया। पूर्व की सरकारों ने आर्थिक, शैक्षणिक, और सामाजिक रूप से लोगों को अधिकारों से वंचित रखने का काम किया।
    पूर्व में हमारी राज्य की बेटियों को गरीबी के कारण स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर… pic.twitter.com/t2snqpGfTF

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने बना दिया पिछड़ा: मुख्यमंत्री ने फिर सावित्री बाई फूले योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बेटियां हमारे राज्य की धरोहर हैं. देश के सबसे पिछड़े राज्य में झारखंड है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वालों ने इस राज्य को चलाया है लेकिन इसको सबसे पिछड़ा राज्य बना दिया. इसका मतलब हेडमास्टर ठीक नहीं था. पहली की सरकारों का फंडा था कि अगर आप मजबूत हो जाएंगे, तो हक और अधिकार की मांग करेंगे. हमारी सरकार बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी.

डीवीसी के अत्याचार से दिलाएंगे मुक्ति: मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी का बकाया निकलता है तो कई जिलों की बिजली काट देते हैं. लेकिन हमारा बकाया नहीं देते. अजीब मामला है. इसलिए हमने भी कमर कस लिया है. इन जिलों में अपना ट्रांसमिशन लाइन लगाना शुरु कर दिया है. डीवीसी एरिया में राज्य सरकार अपनी बिजली पहुंचाएगी. अपना बिजली अपने पास रखो भाई, उसको अचार के बोयाम में रखो और खा लो. कोडरमा में अभ्रक के नाम पर ढिबरा निकला है. कुछ लोग आए थे. समस्या का निदान निकालने की कोशिश की. लेकिन कुछ षड्यंत्राकारियों ने बड़ी चतुराई से हमारी व्यवस्था पर पानी फेरने का काम शुरु कर दिया. अब हवा उड़ा दिया कि इस अभ्रक में यूरेनियम के तत्व पाए जाते हैं. कुछ शैतानी लोग कोडरमा जिला के अभ्रक खदान का निदान नहीं चाहते हैं. दो नंबर के जरिए अपनी जेब भरना चाहते हैं. हम इसका रास्ता निकाल लेंगे. यहां के अभ्रक व्यवसाय को पैरों पर खड़ा करेंगे. 1932 के आधार पर नियोजन नीति बनाते हैं तो कोर्ट कचहरी में भेज देता है. हमारे कानून को लागू नहीं होने देते. इसकी वजह से नौकरियों में बाहर से लोग आ जाते हैं. ये लड़ाई खत्म नहीं होगी.

  • रोटी, कपड़ा के बाद हमें लाखों लोगों के लिए आवास देने की ओर बढ़े। केंद्र सरकार से हमने आग्रह किया मगर हमारी एक नहीं सुनी गयी। केंद्र सरकार द्वारा दिए आवास बहुत छोटे होते हैं इसलिये अबुआ आवास के अंतर्गत लोगों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए 3 कमरों का आवास दिया जा रहा है।
    ग्रामीण… pic.twitter.com/pOnu2V0svo

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बकाया मांगने पर दिखाया जाता है झुनझुना: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के कोयले से देश जगमगाता है. लेकिन हमारे गांव अंधेरे में डूबे रहते हैं. केंद्र पर हमारा 1.36 लाख करोड़ बकाया है. लेकिन ये नहीं देते. क्या अपना अधिकार मांगना गलत है. जिस दिन एकमुश्त यह पैसा मिल जाता तो राज्य के माथे पर लगा पिछड़ापन हट जाता. ये पैसा मिला होता तो 12 सौ वाला गैस सिलेंडर 500 रुपए में देते. वो पैसा मिला होता तो नौजवानों को 10-10 लाख रुपए स्वरोजगार के लिए देते. वो पैसे मिलता तो लाखों एकड़ खेत तक पानी पहुंचाते. हमारी सात पीढ़ी बैठकर खा सकती थी. लेकिन सिर्फ झुनझुना दिखाया और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने लगे.

हर जरुरतमंद को मिल रहा है पेंशन: सीएम ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर आपकी समस्याएं सुलझायी जा रही हैं. सीना ठोककर कह सकते हैं कि शिविर का नतीजा है कि सभी बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांगों को पेंशन मिल रहा है. जिस बुजुर्ग को पेंशन नहीं मिलता है, उनको बेटा-बेटी भी घर से बाहर कर देता है. पेंशन वाले काउंटर में गिने चुने आवेदन आ रहे हैं. पूर्व की सरकार ने 11 लाख राशन कार्ड डिलीट कर दिया लेकिन हमारी सरकार ने अतिरिक्त 20 लाख हरा राशन कार्ड बनाया.

  • रोटी, कपड़ा के बाद हमें लाखों लोगों के लिए आवास देने की ओर बढ़े। केंद्र सरकार से हमने आग्रह किया मगर हमारी एक नहीं सुनी गयी। केंद्र सरकार द्वारा दिए आवास बहुत छोटे होते हैं इसलिये अबुआ आवास के अंतर्गत लोगों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए 3 कमरों का आवास दिया जा रहा है।
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रोजगार सृजन योजना का उठाएं लाभ: सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के फायदे गिनाए. पहली बार इस योजना मद में बहुत कम पैसे रखे थे. बाद में पता चला कि नौजवान काम करने को तैयार हैं. लिहाजा, इसको ध्यान में रखते हुए इस योजना में अतिरिक्त पैसे का प्रावधान किया. आप आवेदन दीजिए. सरकार आपको पूंजी मुहैया कराएगी.

पर्यावरण की छाती पर हो रहा है अत्याचार: किसान भगवान भरोसे खेती-बाड़ी कर रहे थे. पर्यावरण में परिवर्तन हो रहा है. दिसंबर माह चल रहा है. ठंड नहीं पड़ रही है. पहले दिसंबर आते-आते लोग ठिठुरने लगते थे. प्रकृति से छेड़छाड़ का यह नतीजा है. जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए हमारी सरकार जितना काम कर रही है, उतना काम शायद ही देश का कोई राज्य कर रहा हो. किसानों ने एक साल तक दिल्ली में सरकार को घेरकर रखा था. दर्जनों की जानें भी चली गई. अगर वो कानून लागू हो जाता तो देश में कोई किसान नहीं दिखता. कुछ षडयंत्रकारी लोग देश के अन्नदाता को ही मार देना चाहते हैं. सुनियोजित तरीके से वन अधिकार कानून बदल दिया जाता है. जंगल में रहने वालों को बेदखल करने की कार्ययोजना बनती है. आपको सजग रहना होगा. नहीं तो ऐसा काला कानून बन जाएगा कि जीवन भर रोते रह जाएंगे.

  • आज हम गर्व से, सीना ठोक कर कह सकते हैं कि लोगों की मूलभूत समस्याओं का निदान हो रहा है। रोटी, कपड़ा और मकान सभी की जरूरत का हिस्सा है। लाखों बुजुर्ग, निराश्रित महिला और दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ मिला है। शिविरों में पेंशन के आवेदन आने बहुत कम हो गए हैं। यह सफलता है, इस बात का… pic.twitter.com/keAH637IJr

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किसान, नौजवान और बच्चियां होंगी सशक्त: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किसानों के लिए बिरसा हरित ग्राम, मुख्यमंत्री पशुधन, दीदी बाड़ी योजना शुरु की है. पहले गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर दिया जाता था. अब हमारी सरकार भैंस का भी वितरण करेगी. सभी जानवरों का बीमा पहले से होगा. पहले बीमारु जानवर दिया जाता था. जानवर मर जाते थे. दोबारा पशुपालन का काम नहीं कर पाते थे. अब जानवर मरेगा तो उसका पूरा पैसा आपको मिलेगा.

महंगाई आसमान छू रही है. गरीबों की हालत बिगड़ती जा रही है. हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरु की है. अब हर गांव शहर से जुड़ेंगे. इन गाड़ियों में बुजुर्ग, महिला और बच्चों का भाड़ा नहीं लगेगा. करीब एक करोड़ लोग मुफ्त में इन बसों में सफर करेंगे. कॉलेज, स्कूल आ जा सकेंगे. शहर और गांव में नहीं रहेगा फर्क. अब बच्चे गांव से शहर जाकर पढ़ाई कर पाएंगे.

रांची/कोडरमा: कुछ षड्यंत्रकारी ऐन केन प्रकारेण झूठ-सच बोलकर आपकी आंखों में धूल डालने का काम करते हैं. अभी चुनाव आने वाला हैं. तरह-तरह से झूठ बोले जाएंगे. जब कोई बड़ा आदमी बोलता है तो हम गरीबों को सच लगने लगता है. अपनी आंखों की पट्टी को खोलें. कोडरमा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने एक ओर सरकार की योजनाओं से हो रहे फायदे गिनाए तो दूसरी ओर केंद्र और पूर्व की सरकारों पर जमकर निशाना साधा.

  • मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आने-जाने के लिए योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बुजुर्गों, आंदोलनकारियों, छात्र-छात्राओं, विधवा महिला, दिव्यांग आदि को किराया नहीं देना पड़ेगा। अपने ग्रामीण क्षेत्रों को हम शहरी क्षेत्रों के बराबर… pic.twitter.com/8pCQ4hpNd9

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उन्होंने कहा कि आज जितना बड़ा आदमी, उतना बड़ा झूठ. ये प्रचलन हो गया है. सीमावर्ती क्षेत्र बिहार में जाकर देख लें. वहां क्या हाल है. झारखंड बने 23 साल हो गये. कुछ समय बाद 25 साल का हो जाएगा. अब तक इस राज्य का सिर्फ खून चूसा गया, ताकतवर बनाने की कोई कोशिश नहीं हुई. इसलिए हर दिन हमारी नजर हमारी जड़ों पर है. पिछड़ेपन को मिटाना हमारी प्राथमिकता है.

केंद्र देती थी मुर्गीखाना, हम देंगे इंसानों वाला आवास: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जिन गरीबों को आवास मिलना था, उन्हें केंद्र ने नहीं दिया. नाक रगड़ते रह गये. इसलिए अबुआ आवास के नाम से अपनी योजना शुरु की. भारत सरकार से भी अच्छा आवास देंगे. केंद्र सरकार मुर्गी खाना देती थी. हम तीन कमरे का इंसानों वाला आवास देंगे. जबतक गांव मजबूत नहीं होगा, तबतक राज्य मजबूत नहीं होगा.

  • अपने आप को अगड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी ने वर्षों यहां राज किया और झारखण्ड को जानबूझकर पिछड़ा किया। पूर्व की सरकारों ने आर्थिक, शैक्षणिक, और सामाजिक रूप से लोगों को अधिकारों से वंचित रखने का काम किया।
    पूर्व में हमारी राज्य की बेटियों को गरीबी के कारण स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर… pic.twitter.com/t2snqpGfTF

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दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने बना दिया पिछड़ा: मुख्यमंत्री ने फिर सावित्री बाई फूले योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बेटियां हमारे राज्य की धरोहर हैं. देश के सबसे पिछड़े राज्य में झारखंड है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वालों ने इस राज्य को चलाया है लेकिन इसको सबसे पिछड़ा राज्य बना दिया. इसका मतलब हेडमास्टर ठीक नहीं था. पहली की सरकारों का फंडा था कि अगर आप मजबूत हो जाएंगे, तो हक और अधिकार की मांग करेंगे. हमारी सरकार बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी.

डीवीसी के अत्याचार से दिलाएंगे मुक्ति: मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी का बकाया निकलता है तो कई जिलों की बिजली काट देते हैं. लेकिन हमारा बकाया नहीं देते. अजीब मामला है. इसलिए हमने भी कमर कस लिया है. इन जिलों में अपना ट्रांसमिशन लाइन लगाना शुरु कर दिया है. डीवीसी एरिया में राज्य सरकार अपनी बिजली पहुंचाएगी. अपना बिजली अपने पास रखो भाई, उसको अचार के बोयाम में रखो और खा लो. कोडरमा में अभ्रक के नाम पर ढिबरा निकला है. कुछ लोग आए थे. समस्या का निदान निकालने की कोशिश की. लेकिन कुछ षड्यंत्राकारियों ने बड़ी चतुराई से हमारी व्यवस्था पर पानी फेरने का काम शुरु कर दिया. अब हवा उड़ा दिया कि इस अभ्रक में यूरेनियम के तत्व पाए जाते हैं. कुछ शैतानी लोग कोडरमा जिला के अभ्रक खदान का निदान नहीं चाहते हैं. दो नंबर के जरिए अपनी जेब भरना चाहते हैं. हम इसका रास्ता निकाल लेंगे. यहां के अभ्रक व्यवसाय को पैरों पर खड़ा करेंगे. 1932 के आधार पर नियोजन नीति बनाते हैं तो कोर्ट कचहरी में भेज देता है. हमारे कानून को लागू नहीं होने देते. इसकी वजह से नौकरियों में बाहर से लोग आ जाते हैं. ये लड़ाई खत्म नहीं होगी.

  • रोटी, कपड़ा के बाद हमें लाखों लोगों के लिए आवास देने की ओर बढ़े। केंद्र सरकार से हमने आग्रह किया मगर हमारी एक नहीं सुनी गयी। केंद्र सरकार द्वारा दिए आवास बहुत छोटे होते हैं इसलिये अबुआ आवास के अंतर्गत लोगों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए 3 कमरों का आवास दिया जा रहा है।
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बकाया मांगने पर दिखाया जाता है झुनझुना: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के कोयले से देश जगमगाता है. लेकिन हमारे गांव अंधेरे में डूबे रहते हैं. केंद्र पर हमारा 1.36 लाख करोड़ बकाया है. लेकिन ये नहीं देते. क्या अपना अधिकार मांगना गलत है. जिस दिन एकमुश्त यह पैसा मिल जाता तो राज्य के माथे पर लगा पिछड़ापन हट जाता. ये पैसा मिला होता तो 12 सौ वाला गैस सिलेंडर 500 रुपए में देते. वो पैसा मिला होता तो नौजवानों को 10-10 लाख रुपए स्वरोजगार के लिए देते. वो पैसे मिलता तो लाखों एकड़ खेत तक पानी पहुंचाते. हमारी सात पीढ़ी बैठकर खा सकती थी. लेकिन सिर्फ झुनझुना दिखाया और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने लगे.

हर जरुरतमंद को मिल रहा है पेंशन: सीएम ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर आपकी समस्याएं सुलझायी जा रही हैं. सीना ठोककर कह सकते हैं कि शिविर का नतीजा है कि सभी बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांगों को पेंशन मिल रहा है. जिस बुजुर्ग को पेंशन नहीं मिलता है, उनको बेटा-बेटी भी घर से बाहर कर देता है. पेंशन वाले काउंटर में गिने चुने आवेदन आ रहे हैं. पूर्व की सरकार ने 11 लाख राशन कार्ड डिलीट कर दिया लेकिन हमारी सरकार ने अतिरिक्त 20 लाख हरा राशन कार्ड बनाया.

  • रोटी, कपड़ा के बाद हमें लाखों लोगों के लिए आवास देने की ओर बढ़े। केंद्र सरकार से हमने आग्रह किया मगर हमारी एक नहीं सुनी गयी। केंद्र सरकार द्वारा दिए आवास बहुत छोटे होते हैं इसलिये अबुआ आवास के अंतर्गत लोगों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए 3 कमरों का आवास दिया जा रहा है।
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रोजगार सृजन योजना का उठाएं लाभ: सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के फायदे गिनाए. पहली बार इस योजना मद में बहुत कम पैसे रखे थे. बाद में पता चला कि नौजवान काम करने को तैयार हैं. लिहाजा, इसको ध्यान में रखते हुए इस योजना में अतिरिक्त पैसे का प्रावधान किया. आप आवेदन दीजिए. सरकार आपको पूंजी मुहैया कराएगी.

पर्यावरण की छाती पर हो रहा है अत्याचार: किसान भगवान भरोसे खेती-बाड़ी कर रहे थे. पर्यावरण में परिवर्तन हो रहा है. दिसंबर माह चल रहा है. ठंड नहीं पड़ रही है. पहले दिसंबर आते-आते लोग ठिठुरने लगते थे. प्रकृति से छेड़छाड़ का यह नतीजा है. जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए हमारी सरकार जितना काम कर रही है, उतना काम शायद ही देश का कोई राज्य कर रहा हो. किसानों ने एक साल तक दिल्ली में सरकार को घेरकर रखा था. दर्जनों की जानें भी चली गई. अगर वो कानून लागू हो जाता तो देश में कोई किसान नहीं दिखता. कुछ षडयंत्रकारी लोग देश के अन्नदाता को ही मार देना चाहते हैं. सुनियोजित तरीके से वन अधिकार कानून बदल दिया जाता है. जंगल में रहने वालों को बेदखल करने की कार्ययोजना बनती है. आपको सजग रहना होगा. नहीं तो ऐसा काला कानून बन जाएगा कि जीवन भर रोते रह जाएंगे.

  • आज हम गर्व से, सीना ठोक कर कह सकते हैं कि लोगों की मूलभूत समस्याओं का निदान हो रहा है। रोटी, कपड़ा और मकान सभी की जरूरत का हिस्सा है। लाखों बुजुर्ग, निराश्रित महिला और दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ मिला है। शिविरों में पेंशन के आवेदन आने बहुत कम हो गए हैं। यह सफलता है, इस बात का… pic.twitter.com/keAH637IJr

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किसान, नौजवान और बच्चियां होंगी सशक्त: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किसानों के लिए बिरसा हरित ग्राम, मुख्यमंत्री पशुधन, दीदी बाड़ी योजना शुरु की है. पहले गाय, बकरी, मुर्गी, सुअर दिया जाता था. अब हमारी सरकार भैंस का भी वितरण करेगी. सभी जानवरों का बीमा पहले से होगा. पहले बीमारु जानवर दिया जाता था. जानवर मर जाते थे. दोबारा पशुपालन का काम नहीं कर पाते थे. अब जानवर मरेगा तो उसका पूरा पैसा आपको मिलेगा.

महंगाई आसमान छू रही है. गरीबों की हालत बिगड़ती जा रही है. हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरु की है. अब हर गांव शहर से जुड़ेंगे. इन गाड़ियों में बुजुर्ग, महिला और बच्चों का भाड़ा नहीं लगेगा. करीब एक करोड़ लोग मुफ्त में इन बसों में सफर करेंगे. कॉलेज, स्कूल आ जा सकेंगे. शहर और गांव में नहीं रहेगा फर्क. अब बच्चे गांव से शहर जाकर पढ़ाई कर पाएंगे.

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