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2022 में लव जिहाद के कई मामले आए सामने, झारखंड के डेमोग्राफिक बदलाव को बताया जा रहा कारण

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Published : Dec 25, 2022, 6:45 PM IST

cases of love jihad in Jharkhand in 2022
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2022 अपने साथ कई बुरी यादें भी छोड़कर जा रहा है. 2022 में झारखंड में दर्जनों ऐसे मामले सामने आए जिसके बारे में कहा गया कि वे लव जिहाद का हिस्सा है (Cases of love jihad in Jharkhand ). यही नहीं झारखंड के डेमोग्राफी में जो बदलाव हो रहे हैं उसे इन घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है.

रांची: 2022 का यह गुजरता हुआ साल झारखंड में लव जिहाद की लगभग एक दर्जन घटनाओं का गवाह बना है (Cases of love jihad in Jharkhand). साहिबगंज की रबिका पहाड़िन हत्याकांड से लेकर दुमका में छात्रा को जिंदा जला डालने और बोकारो में खुद को हिंदू बताकर नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचे असलम खान से लेकर गढ़वा के अफताब अंसारी द्वारा असली नाम-धर्म छिपाकर एक हिंदू लड़की से शादी रचा लेने जैसी घटनाएं यह सवाल उठा रही हैं कि क्या इन सबके पीछे सुनियोजित साजिश है? झारखंड के कई इलाके ऐसे हैं, जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते डेमोग्राफी में आ रहे बदलाव को भी ऐसी घटनाओं की वजह के तौर पर देखा जा रहा है.

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साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में बीते 16-17 दिसंबर को आदिम जनजाति की रबिका पहाड़िन नाम की युवती की हत्या के बाद उसके शव के 50 टुकड़े कर डालने की वारदात ने हर किसी को दहलाकर रख दिया. मात्र डेढ़ महीने पहले रबिका से लव मैरिज करने वाले दिलदार अंसारी ने अपनी मां, मामा और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतारने और उसे ठिकाने लगाने के लिए दरिंदगी का ऐसा भयावह प्लॉट रचा कि उसकी हड्डियों और मांस के बचे-खुचे टुकड़ों का पोस्टमॉर्टम करते हुए डॉक्टर भी सिहर उठे. रबिका के पिता और घरवालों का आरोप है कि उसपर धर्म बदलने का दबाव डाला जा रहा था. रबिका का इनकार करना दिलदार अंसारी और उसके घरवालों को नागवार गुजरा.

इस हत्याकांड की जांच शुरू ही हुई थी कि इसी जिले के मिर्जा चौकी थाना इलाके में आदिम जनजाति की एक युवती को ब्लैकमेल कर उसका रेप करने का मामला सामने आया. आरोपी मो. सद्दाम ने युवती के मोबाइल की रिपेयरिंग के नाम पर उसे अपने जाल में फंसाया और उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बना ली. किसी को घटना की जानकारी देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे दुष्कर्म किया. घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी भी दी.

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दिसंबर महीने में ही झारखंड के बोकारो में एक प्राइवेट स्कूल की छात्रा का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए उससे दुष्कर्म करने और इसके बाद वीडियो क्लिप स्कूल की ईमेल आईडी पर भेजने वाले मोहम्मद जियाउल नाम के एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इसके पहले बोकारो में ही बीते सात दिसंबर को लव जिहाद का एक और मामला सामने आया था. असलम खान नाम के एक शख्स खुद को हिंदू बताते हुए एक गरीब परिवार को बरगलाकर उसकी नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचा था, लेकिन वरमाला के बाद मंडप पर बैठने के पहले उसकी असली पहचान सामने आ गई. फिर लोगों ने उसकी जमकर फजीहत की. उसकी पिटाई भी हुई. उसे पुलिस को सौंपने की तैयारी हो रही थी, लेकिन वह अपनी स्कॉर्पियो से भाग खड़ा हुआ.

23 अगस्त को दुमका नगर थाना क्षेत्र में शाहरुख और नईम ने 12वीं की छात्रा पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी. अपने जख्मों के साथ हॉस्पिटल में पांच दिनों तक संघर्ष के बाद छात्रा ने दम तोड़ दिया था. छात्रा का कसूर सिर्फ यह था कि शाहरुख उसपर बातचीत और दोस्ती का दबाव डालता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया था. दुमका जिले में बीते दो सितंबर को लव जिहाद की एक और भयावह वारदात सामने आई थी. दिग्घी ओपी क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई और इसके बाद उसकी लाश एक पेड़ से लटका दी गई. आरोपी अरमान नाम का युवक शादी का झांसा देकर कई महीनों से उसका यौन शोषण कर रहा था.

सितंबर महीने में खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में फखरुद्दीन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि आरोपी लड़की को झांसा देकर उसका यौन शोषण कर रहा था. लड़की के अनुसार मोबाइल चैटिंग के जरिए युवक से बातचीत शुरू हुई थी. प्यार-मोहब्बत का वास्ता देकर लड़के ने यौन शोषण किया. युवक ने खुद को हिंदू बताकर उससे दोस्ती की थी. इसी महीने लोहरदगा में भी एक घटना सामने आई. रब्बानी अंसारी ने पहचान छिपाकर एक लड़की का यौन शोषण किया. बाद में रब्बानी की पहचान सामने आई तो उसने लड़की को कुएं में धकेलकर पत्थर से कुचलने की कोशिश की थी. बाद में पुलिस ने रब्बानी अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा.

सितंबर महीने में गढ़वा जिला अंतर्गत मेराल थाने में यूपी के सोनभद्र की रहने वाली हिंदू युवती ने आफताब अंसारी नाम के शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. युवती का आरोप है कि उसने खुद को पुष्पेंद्र सिंह बताकर उससे शादी की. युवती को चार साल बाद अपने पति के असली नाम और धर्म की जानकारी तब हुई, जब वह पहली बार उसके घर आई. बीते नवंबर महीने में सिमडेगा के बानो प्रखंड की एक नाबालिग आदिवासी लड़की को बरगलाकर उसका रेप करने और साजिशपूर्वक उसे मार डालने के आरोप मे चांद अंसारी नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था. इसी तरह अगस्त महीने में रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र में एक जनजातीय नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में शहरुद्दीन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया था. मार्च महीने में बोकारो जिले के पेटरवार में एक दलित नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में इरफान और सलमान नाम के दो युवकों की गिरफ्तारी हुई थी.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ऐसी घटनाओं को लव जिहाद की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताते हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के चलते ऐसे ज्यादातर मामलों में कार्रवाई नहीं होती. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी ऐसी घटनाओं को लेकर मुखर रहे हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल में ऐसी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि क्या यूपी, एमपी और दिल्ली में ऐसी घटनाएं नहीं हो रहीं? हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि अपराध की ऐसी जघन्य घटनाओं पर सरकार का रुख हमेशा सख्त रहा है. समाज के सभी वर्ग के लोगों के सहयोग से ही ऐसी घटनाएं रुकेंगी.

बहरहाल, लव जिहाद जैसी घटनाओं पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को छोड़ दें, तो भी यह सच है कि बांग्लादेश की सीमा से करीब स्थित झारखंड के पांच जिलों की डेमोग्राफी तेजी से बदली है. पिछले तीन दशकों में बांग्लादेश से लाखों की तादाद में घुसपैठिए साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिलों के अलग-अलग इलाकों में आकर बस गये हैं. इन इलाकों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर सरकारी विभागों ने केंद्र और राज्य सरकारों को समय-समय पर कई बार रिपोर्ट मिली है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1994 में साहिबगंज जिले में 17 हजार से अधिक बांग्लादेशियों की पहचान हुई थी. इन बांग्लादेशियों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे, मगर इन्हें वापस नहीं भेजा जा सका. आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि बांग्लादेश के करीब स्थित झारखंड के जिलों में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. मसलन, पाकुड़ में 2001 में मुस्लिम आबादी 33.11 प्रतिशत थी जो 2011 में 35.87 प्रतिशत हो गई.

वर्ष 2018 में झारखंड की पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में गृह विभाग ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से इलाके की बदली हुई डेमोग्राफी के मद्देनजर पूरे राज्य में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) लागू कराने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. खुफिया एजेंसियों ने भी समय-समय पर सरकारों को ऐसी रिपोर्ट भेजी है, जिनमें बांग्लादेशियों के घुसपैठ के तौर-तरीकों के बारे में विस्तृत ब्योरा दर्ज है. गृह विभाग को भेजी ऐसी ही एक रिपोर्ट में बताया गया है कि संथाल परगना के साहिबगंज व पाकुड़ में चिह्न्ति अवैध प्रवासियों ने वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवाए हैं. इन इलाकों में जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश व पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और अंसार उल बांग्ला जैसे प्रतिबंधित संगठनों की पकड़ बढ़ रही है. ऐसे कई उदाहरण हैं कि बांग्लादेश से आये लोगों ने स्थानीय महिलाओं से शादी कर ली और यहीं बस गये.

--आईएएनएस

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