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महागठबंधन की सरकार में युवाओं को न नौकरी मिली और न ही बेरोजगारी भत्ता, भाजपा विधायक अनंत ओझा ने वादाखिलाफी का लगाया आरोप

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 18, 2023, 5:09 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 5:38 PM IST

BJP MLA Anant Ojha targeted government in matter of providing jobs and employment to youth
BJP MLA Anant Ojha targeted government in matter of providing jobs and employment to youth

BJP MLA Anant Ojha targeted government. भाजपा विधायक अनंत ओझा ने युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के मामले में सरकार को विफल बताया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के युवाओं से वादाखिलाफी की है.

भाजपा विधायक अनंत ओझा ने युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के मामले में सरकार पर निशाना साधा

रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही हंगामे के बीच कुछ देर ही चली. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनंत कुमार ओझा के अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से राज्य में खाली पड़े स्वीकृत रिक्त पदों, 2020 से अब तक हुई नियुक्तियों और अनुबंधकर्मियों से जुड़े प्रश्न को उठाया. जिसका जवाब मिलने के बाद सदन से बाहर आने पर भाजपा विधायक अनंत कुमार ओझा मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि अनुबंध शब्द को ही समाप्त कर देने, हर वर्ष 05 लाख नौकरी देने का वादा कर 2019 में सत्ता में आई सरकार युवाओं को नौकरी और रोजगार देने में पूरी तरह फेल रही है.

2020 से अब तक सिर्फ 11422 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसाः भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि उनके अल्पसूचित सवाल के जवाब में सरकार ने सदन को लिखित जानकारी दी है. जिसमें बताया गया है कि 2020 से अब तक झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विभिन्न विभागों के लिए 8086 पदों और झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न विभागों के 3336 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई है. इस तरह चार वर्षों में सिर्फ 11422 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई है. यह भी जानकारी दी गयी है कि सरकार की ओर से विभिन्न विभागों के 44977 रिक्त पदों पर नियुक्ति की अधियाचना की गई थी, जिसके विरुद्ध 36765 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित करने की प्रक्रिया चल रही है. भाजपा विधायक ने कहा कि हर साल पांच लाख नौकरी का वादा कर युवाओं को छलने वाली हेमंत सोरेन सरकार की पोल खुल गई है.

अनुबंध और आउटसोर्सिंग पर सरकार जवाब हास्यास्पदः भाजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से पूछा था कि क्या यह सही है कि विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में अनुबंध, आउटसोर्सिंग या संविदा पर हजारों कर्मियों से काम लिया जा रहा है ? नियमित स्वीकृत पदों के विरुद्ध वर्ष 2020 से स्थायी नियुक्तियां कम और संविदा-आउटसोर्सिंग द्वारा ज्यादा कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है. अनुबंधकर्मियों के स्थायी समायोजन पर सरकार विचार कर रही है या नहीं. इन सभी प्रश्नों के उत्तर अस्वीकारात्मक मिले हैं. ऐसे में साफ है कि राज्य की सरकार के मुखिया ने सत्ता में आने के लिए 2019 में राज्य के पढ़े लिखे युवाओं को ठगने का काम किया है. अनुबंध शब्द को ही राज्य से हटा देने की बात कहने वाले हेमंत सोरेन की सरकार के चार वर्षों में जहां युवाओं को नौकरी और रोजगार नहीं मिला, वहीं अनुबंधकर्मियों का सपना भी टूट गया है. नौकरी नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी खोखला साबित हुआ है.

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Last Updated :Dec 18, 2023, 5:38 PM IST
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