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हाथियों के इलाज के लिए झारखंड में नहीं हैं एक्सपर्ट, राम भरोसे गजराज

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Published : Aug 7, 2022, 5:35 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 8:57 PM IST

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झारखंड का राजकीय पशु(state animal) है हाथी. लेकिन राजकीय पशु (state animal) की देखभाल के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. आलम यह है कि इनके इलाज के लिए कोई एक्सपर्ट भी नहीं है.

पलामूः झारखंड वन्य जीव और वन संपदा के लिए विश्व भर में चर्चित है. पलामू, लातेहार और गढ़वा के जंगल एक दूसरे से सटे हुए हैं और इसका एक बड़ा भाग हाथी के कॉरिडोर (Elephant Corridor) के रूप में जाना जाता है. लेकिन अब इस कॉरिडोर में लगातार हाथियों के बीमार होने की खबर निकल कर सामने आ रही है. पिछले एक वर्ष में इस कॉरिडोर में बीमारी से दो हाथियों की मौत हो चुकी है. मौत के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने वन्य विभाग के अधिकारियों पर कड़ी टिप्पणी भी की थी. हाथी के कॉरिडोर में पलामू और लातेहार सीमा पर एक बार फिर से हाथी के बीमार होने की खबर निकल कर सामने आई है. इस हाथी का भी इलाज (treatment of elephants) ग्रामीणों के सहारे चल रहा है. यह हाथी पिछले एक सप्ताह से बीमार है और लंगड़ा के चल रहा है.


पलामू, गढ़वा और लातेहार में सक्रिय है आधा दर्जन से अधिक झुंडः पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में हाथियों के छोटे-बड़े आधा दर्जन से अधिक झुंड सक्रिय हैं. अकेले पलामू टाइगर रिजर्व (palamu tiger reserve) के इलाके में 120 से 140 अधिक हाथी हैं, लेकिन इनके इलाज के लिए कोई भी एक्सपर्ट नहीं है. वन्य जीव विशेषज्ञ प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव बताते हैं कि बीमार होने पर हाथियों का इलाज भगवान भरोसे है. पूरे इलाके में कोई भी एक्सपर्ट नहीं है जो हाथियों का इलाज कर सके. उन्होंने बताया कि कई इलाकों में हाथियों का इलाज वेटरनरी डॉक्टर के माध्यम से करवाया जाता है जो सही नहीं है. वेटनरी डॉक्टर वन्य जीवों का इलाज करने में सक्षम नहीं होते हैं. 2021 में पीटीआर के इलाके में हाथी के बीमार होने पर कोलकाता से एक्सपर्ट को बुलाया गया था, लेकिन वह भी हाथी को बेहोश करने के लिए डॉट नहीं लगा पाया.

देखें स्पेशल रिपोर्ट



बीमार हाथियों के इलाज के लिए दी जा रही ट्रेनिंग, बेतला में बनेगा रेस्क्यू सेंटरः हाथियों के लगातार बीमार होने के बाद विभाग अब सचेत हुआ है. पलामू, लातेहार के सीमावर्ती क्षेत्र में बोकारो से वन्य जीव डॉक्टर को तैनात किया गया है. यही डॉक्टर बीमार हाथियों का इलाज करेंगे. वहीं 10 वेटनरी डॉक्टरों को वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट के माध्यम से ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे वन्यजीवों का इलाज कर सके. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क में रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है, जहां वन्य जीवों के बीमार होने पर उनका इलाज किया जा सकेगा. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बेतला नेशन पार्क में वन्यजीवों के इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है, जहा एक्सपर्ट की तैनाती की जाएगी.



बीमार हाथी का ग्रामीणों ने किया इलाजः पलामू और लातेहार की सीमा पर बालूमाथ के इलाके में एक बीमार हाथी का स्थानीय ग्रामीणों ने कई दिनों तक इलाज किया. ग्रामीणों ने कटहल अनाज में दवाईयां मिलाकर हाथी को खिलाया है. हाथी काफी दिनों से बीमार है और लंगड़ा कर चल रहा है.

Last Updated :Aug 7, 2022, 8:57 PM IST
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