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Palamu News: उत्तर कोयल मुख्य नहर का काम बंद, बिहार और झारखंड की सैकड़ों एकड़ भूमि की सिंचाई पर मडराया संकट

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Published : Jul 24, 2023, 3:11 PM IST

Palamu News
Palamu North Koyal main canal work

बिहार और झारखंड में एक बार फिर से जलसंकट गहराता दिख रहा है. उत्तर कोयल मुख्य नहर बंद होने से सिंचाई के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है.

पलामू: उत्तर कोयल मुख्य नहर का काम पिछले जून 2021 से बंद है. मुख्य नहर का काम बंद होने से बिहार व झारखंड की हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई पर संकट उत्पन्न हो गया है. दोनों राज्यों के किसान को खरीफ फसल के लिए भी इस वर्ष किसी तरह पानी मिल सका है. हैदरनगर प्रखंड के केवाल गांव के पास 44.20 आरडी पर नहर के टूटे भाग को बोरे में बालू भर कर बंद किया गया है. बावजूद इसके पानी का रिसाव हो रहा है.

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पानी कम पहुंचने से चितिंत किसान: ग्रामीणों ने बताया कि पानी के लगातार दबाव की वजह से कभी भी नहर टूट सकती है. जिससे गांव जलमग्न हो जायेगा. बिहार के नबीनगर व माली आदि क्षेत्र में नहर का पानी कम पहुंचने से किसानों में चिंता है. किसानों ने अभियंताओं को सूचना भी दी. मगर अभी तक स्थिति में बदलाव नहीं हुआ है. मालूम हो कि मंडल डैम निर्माण के लिए सरकार से जारी 171 करोड़ मिलने से चार दशक बाद परियोजना को रफ्तार मिलने की उम्मीद जगी थी. 2019-20 में उत्तर कोयल परियोजना से 11.15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी. उत्तर कोयल मुख्य नहर के तहत मोहम्मदगंज भीम बराज से बिहार के गया के आमस तक नहर की मरम्मत और लाइनिंग करने की योजना थी.

कई जगह टूटे हुए हैं नहर के गेट: इस काम वेबकॉस नामक कंपनी को आवंटित किया गया है. वेबकॉस ने यह काम झारखंड की कंपनी केसीपीएल को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया है. मगर कंपनी ने दो वर्ष से काम को बंद कर दिया है. किसान रामप्रवेश सिंह बताते हैं कि रबी फसल के लिए भी पानी नहीं मिला. कई जगह नहर का गेट टूटा हुआ है. काम कब शुरू होगा, यह जानकारी किसी को नहीं है.

30 महीने में पूरा करना था काम: जानकारी के मुताबिक इस कार्य को 30 महीने में पूरा करने का लक्ष्य था. इस परियोजना के तहत मरम्मत और लाइनिंग का काम 30 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. जनवरी 2019 में मंडल डैम के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए आधारशिला रखने के दौरान इस
परियोजना की शुरुआत हुई थी. परियोजना को पूरा करने के लिए झारखंड और बिहार सरकार की अंशदान भी इसमें शामिल थी. इस परियोजना की लागत करीब 500 करोड़ रुपये थी.

हुसैनाबाद के विधायक ने क्या कहा: हुसैनाबाद के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस परियोजना में केंद्र सरकार की अहम भूमिका है. इस नहर परियोजना को लेकर वह पूरे मामले में सिचाई विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी लेने का काम भी करेंगे. किसानों को खेतों तक पानी पहुंचना बेहद जरूरी है. कहा कि किन कारणों से काम बंद है उसकी समीक्षा कर बरसात के बाद काम शुरू कराया जाएगा.

इस क्षेत्र के किसान होंगे लाभान्वित: उत्तर कोयल नहर परियोजना से पलामू के हुसैनाबाद, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, जबकि बिहार के औरंगाबाद जिला के नबीनगर, माली, टडवा, अंबा, कुटुंबा, देव और गया के आमस इलाके के खेतों तक सिचाई के लिए पानी पहुंचता है. इस परियोजना से झारखंड और बिहार में 11 लाख 15 हजार 521 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.

इस वजह से इकरारनामा होगा रद्द: मगर विडंबना इस बात की है कि कंपनियों की लापरवाही और सरकार की उदासीनता की वजह से नहर की मरम्मत का काम ठप है. इस संबंध में केसीपीएल के प्रबंधन से दूरभाष पर बात करने का प्रयास किया गया. मगर प्रबंधक का मोबाइल फोन लगातार बंद मिल रहा है. किसानों ने बताया कि तीन वर्ष में भी दस प्रतिशत काम पूरा नहीं करने वाली कंपनी का इकरारनामा रद्द कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि इस तरह की कंपनी को काली सूची में डाल देनी चाहिए थी. मगर तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी पर न तो कार्य पूरा करने का दबाव दिया गया, न ही इस कंपनी पर कोई कार्रवाई ही की गई. किसानों ने कहा कि इस वर्ष काम शुरू नहीं किया गया तो वह इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को बाध्य होंगे. कंपनियों की लापरवाही से उत्तर कोयल मुख्य नहर का बंटाधार हो रहा है.

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