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Drought in Palamu: सुखाड़ के मुहाने पर पलामू! जून में औसत से कम हुई बारिश, कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुई खेती

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Published : Jul 8, 2023, 7:01 PM IST

Updated : Jul 8, 2023, 7:13 PM IST

पलामू में किसानों को सूखे का डर सताने लगा है. जून महीने में यहां बेहद कम बारिश हुई है. ऐसे में किसानों को लगने लगा है कि पिछले साल की तरह इस बार भी जिला की चपेट में ना आ जाए.

Farmers fear drought in Palamu
Farmers fear drought in Palamu

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पलामू: एक बार फिर पलामू सुखाड़ के मुहाने पर खड़ा है. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि पलामू में खेती की हालात बेहद खराब है. 2022 में पलामू सम्पूर्ण सुखाड़ क्षेत्र घोषित हुआ था. 2023 के जून महीने में भी पलामू के इलाके में औसत से बेहद कम बारिश हुई है. जून महीने में यहां सामान्य तौर पर 152.4 मिलीमीटर रिकॉर्ड की जाती है, लेकिन इस साल 26.6 मिलीमीटर ही बारिश रिकॉर्ड की गई है. जुलाई के महीने में पलामू में सामान्य तौर पर 344.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है, लेकिन शुक्रवार तक 69.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है.

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2022 में पलामू के सभी इलाकों में औसत से 82 प्रतिशत कम बारिश हुई थी. 2023 में यहां मानसून 20 जून के आस पास पहुंचा, जिसके बाद कुछ इलाकों में औसत बारिश हुई है. लेकिन कई इलाकों में बेहद कम बारिश हुई है. अच्छी बारिश नहीं होने के बाद पलामू के किसानों को चिंता सताने लगी है. 2022 में किसानों ने हिम्मत कर के फसल लगाई थी, लेकिन बारिश नहीं होने के बाद उन्हें नुकसान हुआ.

70 फीसदी किसान बारिश पर निर्भर: पलामू में करीब 1.32 लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती होती है. 70 प्रतिशत किसान सिंचाई के लिए प्राकृतिक जलस्रोत पर निर्भर हैं. बारिश नहीं होने से वे सीधे प्रभावित होते हैं. बारिश नहीं होने के कारण जिले की अधिकांश नदियों में जलस्तर नहीं बढ़ा है. कोयल और अमानत जैसी नदियों में बारिश के बाद थोड़ा पानी तो आया है लेकिन यह उतना नहीं है कि नहरों तक पानी पहुंच पाए. मनातू के किसान रामदास यादव दुखी मन से बताते हैं कि पानी नहीं है इसलिए धान की फसल लगाने की हिम्मत नहीं है. टांड़ भूमि पर होने वाले फसलों को लेकर कुछ उम्मीद है, लेकिन सब भगवान भरोसे ही है. वहीं किसान लखन तुरी भी कहते हैं कि धान का बिचड़ा उन्होंने नहीं किया है, पिछले वर्ष नुकसान हो गया था.

पलामू में 51 हजार हेक्टेयर में धानरोपनी, 27 हजार हेक्टेयर में मक्का का लक्ष्य: 2023 में पलामू में 51 हजार हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया है. वहीं 27 हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती का लक्ष्य रखा गया है. कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर अब तक 1811 क्विंटल धान के बीज, जबकि 2500 किलो मक्का के बीज का वितरण किया गया है. 15 जुलाई के बाद से पलामू में धानरोपनी के आंकड़े निकलकर सामने आने लगते हैं.

पलामू जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश कुमार मांझी ने बताया कि मौसम विभाग ने सामान्य बारिश को लेकर भविष्यवाणी की है, लेकिन फिलहाल पलामू में बारिश कम हुई है. किसानों के बीच धान और मक्का के बीज अनुदान पर वितरण किए गए हैं.

Last Updated :Jul 8, 2023, 7:13 PM IST
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