ETV Bharat / state

पलामू टाइगर रिजर्व अगले 10 वर्षो के लिए कार्ययोजना कर रहा तैयार, गांव का रिलोकेशन, ग्रास लैंड, मंडल डैम कैचमेंट प्लान प्राथमिकता

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 30, 2023, 7:26 AM IST

Updated : Aug 30, 2023, 2:06 PM IST

पलामू टाइगर रिजर्व एक बार फिर से बाघों और वन्यजीवों के लिए अच्छा वातावरण तैयार करने की योजना शुरू कर रहा है. इसमें गांव का रिलोकेशन के अलावा ग्रास लैंड और मंडल डैम कैचमेंट एरिया को लेकर योजना तैयार की जा रही है.

environment-being-prepared-for-wildlife-with-tigers-in-palamu-tiger-reserve
environment-being-prepared-for-wildlife-with-tigers-in-palamu-tiger-reserve

पलामू: पीटीआर यानी पलामू टाइगर रिजर्व में एक बार फिर से बाघों और वन्यजीवों के लिए वातावरण तैयार करने की योजना पर कार्य शुरू हुआ है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ कुलवंत सिंह ने हाल में ही इस इलाके का दो दिन का दौरा किया. उनके इस दौरे के बाद पलामू टाइगर रिजर्व ने एक साथ कई बिंदुओं पर अपने कार्य योजना को शुरू कर दिया है. पीटीआर आने वाले 5 से 10 वर्षों के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है. इस योजना के तहत बाघों के लिए बेहतर हैबिटेट और अन्य वन जीवों के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाना है.

इसे भी पढ़ें: Palamu News: जंगल छोड़ घनी आबादी की ओर बढ़ रहे बंदरों का तांडव, जानिए क्या है वजह

पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जिसके आसपास के इलाकों में 300 से अधिक गांव मौजूद हैं. जिसमें कोर एरिया में करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव है जिमका रीलोकेशन का प्रस्ताव है. शुरुआती रीलोकेशन के लिए कुजरूम और लटू गांव का चयन किया गया था. 2011 जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार पलामू टाइगर रिजर्व में 1.67 लाख मवेशी मौजूद हैं. जो वन्य जीवों के लिए बड़ा खतरा है.

वहीं यहां के प्रबंधन ग्रास लैंड को भी बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें वो चार इलाकों में ग्रास लैंड विकसित कर रहे हैं और हिरण के लिए सॉफ्ट रिलीज सेंटर बना रहे हैं. पत्र में फिलहाल 2 प्रतिशत के करीब ही ग्रास लैंड है. जबकि टाइगर रिजर्व में ग्रासलैंड 10 से 12 प्रतिशत है. प्रबंधन ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए मंडल डैम कैचमेंट प्लान और रेलवे लाइन के डाइवर्ट को लेकर भी प्राथमिकता के आधार पर योजना तैयार किया है.

इसे लेकर पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि प्रबंधन 5 से 10 वर्षों की कार्य योजना को तैयार कर रही है. ताकि बाघ और अन्य वन्य जीवों के लिए बेहतर हैबिटेट बन सके. जिसमें बाघ को इलाका छोड़कर नही जाना पड़ेगा. गांव का रिलोकेशन, ग्रासलैंड, इको टूरिज्म, रेलवे लाइन, पानी की उपलब्धता, सुरक्षा, मंडल डैम, समेत कई बिंदुओं पर एक कार्य योजना तैयार किया गया है.

Last Updated :Aug 30, 2023, 2:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.