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माओवादियों ने बदला कम्युनिकेशन का तरीका, संचार के लिए सोशल नेटवर्किंग का कर रहे इस्तेमाल!

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 14, 2023, 4:41 PM IST

Maoists using social networking for communication in Palamu
पलामू में माओवादी कम्युनिकेशन के लिए सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल कर रहे

Naxalites changed their communication system in Palamu. पलामू में माओवादी कम्युनिकेशन के लिए सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक दूसरे से संपर्क साधने के लिए नक्सली मोबाइल इस्तेमाल के तरीके में बदलाव के साथ साथ वो चिट्ठी का सहारा भी ले रहे हैं.

पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी झारखंड और बिहार में अंतिम सांसे गिन रहे हैं. माओवादी खुद का वजूद बचाने के लिए अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने संचार यानी कम्युनिकेशन के तरीके को बदल दिया है.

माओवादियों ने मोबाइल के इस्तेमाल के तरीके को भी बदला है. हाल के दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादियों के खिलाफ कई जानकारी इकट्ठा की है. जिसमें यह बात भी निकल कर सामने आई है कि माओवादियों ने कम्युनिकेशन के तरीके को बदला है. सुरक्षा एजेंसी को जानकारी मिली है कि माओवादियों के टॉप कमांडर मोबाइल कॉलिंग की जगह कम्युनिकेशन के लिए सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा माओवादियों ने पुराने तरीके को भी अपनाया है और चिट्ठी के माध्यम से एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं.

माओवादी के टॉप कमांडर ही दस्ता के खाने और रहने का कर रहे इंतजामः यह भी जानकारी निकलकर सामने आई है कि माओवादियों के टॉप कमांडर खुद ही पूरे दस्ते के लिए रहने और रहने का इंतजाम कर रहे है. दस्ता के किसी भी अन्य सदस्य को मोबाइल और अपने उपकरणों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. टॉप कमांडर दस्ता के लिए खाना और अन्य सामग्री का इंतजाम कर रहा है.

पलामू जोन में माओवादी के तीन दस्ता सक्रिय है. लातेहार, गुमला, लोहरदगा इलाके में छोटू खरवार, झारखंड बिहार सीमा पर नितेश यादव और पलामू लातेहार एवं चतरा सीमा पर मनोहर गंझू के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है. तीनों टॉप कमांडर ही इलाके में माओवादियों को जोड़ रहे हैं. इसके अलावा सारंडा के इलाके में भी माओवादियों ने इसी तरीके को अपनाया है. झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाके में मिला कर 130 से 140 की संख्या में माओवादी बचे हैं. जिसमें 100 के करीब अकेले सारंडा में हैं.

पुलिस के पास है बेहतर तकनीक, नेटवर्क को किया जा रहा मजबूतः पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि पुलिस के पास बेहतर तकनीक है. इस तकनीक को वरीय अधिकारियों के साथ-साथ नीचे के अधिकारियों को भी साझा किया जा रहा है. जिससे माओवादियों के खिलाफ कारगर तरीके से अभियान चलाया जा सके.

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