ETV Bharat / state

झारखंड वन विभाग में नौकरी के नाम पर बिहार के युवकों को दिया गया फर्जी नियुक्ति पत्र, पलामू-गढ़वा में दिया जा रहा था ट्रेनिंग

author img

By

Published : Nov 22, 2022, 8:23 PM IST

झारखंड वन विभाग में नौकरी (Job in Jharkhand Forest Department) के नाम पर बिहार के युवकों से ठगी किया गया है. पलामू पुलिस ने बताया कि अपहरण कांड की जांच में इस मामले का पता चला. गिरोह संचालक की तलाश की जा रही है और शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा.

Jharkhand Forest Department
झारखंड वन विभाग में नौकरी के नाम पर बिहार के युवकों को दिया गया फर्जी नियुक्ति पत्र

पलामूः झारखंड वन विभाग में नौकरी (Job in Jharkhand Forest Department) दिलवाने के नाम पर बिहार के युवकों को निशाना बनाया जा रहा था. इस गिरोह ने बिहार के 26 युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था. इसके बाद गढ़वा और पलामू सीमावर्ती इलाके में नियुक्ति पत्र दिए युवकों को ट्रेनिंग दिया जा रहा था. इसका खुलासा पलामू पुलिस ने की है. दरअसल, तीन दिनों पहले गढ़वा के रहने वाले विमलेश कुमार दुबे का बिहार के पीड़ित युवकों ने अपहरण कर लिया था. इस मामले की जांच में पुलिस जुटी तो वन विभाग में नौकरी दिलवाने के खेल का खुलासा हुआ.

यह भी पढ़ेंः अगवा पत्थर कारोबारी को पुलिस ने करवाया मुक्त, गढ़वा के गैंग ने किया था अपहरण

वन विभाग में नौकरी दिलवाने के नाम पर बिहार के पटना, भभुआ, सासाराम, रोहतास और कैमूर आदि जिलों के दो दर्जन से अधिक युवकों से तीन-चार लाख रुपये की वसूली की गई. इस गिरोह के लोगों ने युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र देने के साथ साथ ट्रेनिंग दिया. गढ़वा के रहने वाले विमलेश कुमार दुबे के नेतृत्व में सभी को ट्रेनिंग दिया जा रहा था. इस दौरान सभी को बॉडी फिटनेस से संबंधित ट्रेनिंग करवाई जा रही थी. पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस गिरोह का संचालन पटना के रहने वाले सत्येंद्र कुमार उर्फ शैलेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू कर रहा था. फिलहाल शैलेंद्र उर्फ गुड्डू फरार है.

देखें पूरी खबर


विमलेश कुमार दुबे 2016 से 2018 तक वन विभाग में अनुबंध पर सर्वेयर की नौकरी किया था. इससे उन्हें वन विभाग की प्रक्रिया और ट्रेनिंग के लिए जमीन खोजना आसान था. फर्जी ट्रेनिंग कैंप गढ़वा के रंका जंगल में चल रहा था. यह इलाका पलामू के चैनपुर से सटा हुआ है. बिहार के लोगों को पहले गढ़वा में लाया गया था और उन्हें होटल में रखा गया. इसके बाद विमलेश कुमार दुबे ने सभी को रंका के इलाके में रखा, जहां बॉडी फिटनेस की ट्रेनिंग दी जा रही थी.


पलामू पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि पटना के रहने वाले गुड्डू और विमलेश गिरोह का संचालन कर रहे थे. विमलेश निजी कार्य से एक वर्ष पहले पटना गया था, जहां उसकी मुलाकात गुड्डू से हुई थी. शुरुआत में गुड्डू ने विमलेश को नौकरी दिलवाने का झांसा दिया था. इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई. विमलेश के गिरोह में आधा दर्जन सदस्य शामिल थे, जो पटना के रहने वाले हैं. गुड्डू ने विमलेश के मोबाइल नंबर दिया था. इस नंबर पर सिर्फ बिहार के लोगों से ही बातें होती थी. गुड्डू ने विमलेश को निर्देश दिया था कि इस नंबर से स्थानीय या किसी और व्यक्ति को कॉल नहीं करना है.



गिरोह के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार के गिरोह ने झारखंड वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी देने की झांसा देकर ठगी किया है. पीड़ित युवकों की ट्रेनिंग गढ़वा के इलाके में दी जा रही थी. उन्होंने कहा कि गिरोह से जुड़े कई महत्वपूर्ण नाम मिले हैं, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि 16 युवकों के नाम मिले है, जो ठगी के शिकार हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.