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पाकुड़ः सहकारिता विभाग में करोड़ों का घोटाला, पूर्व सदस्य सचिव पर एफआईआर दर्ज

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Published : Jun 27, 2019, 7:23 PM IST

सहकारिता विभाग

गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना में 2.39 करोड़ रुपए का घोटाला और फर्जी तरीके से कमीशन राशि का हेराफेरी कर रुपये गबन किया गया है. जिसमें 4 अभिकर्ताओं के खिलाफ कुर्की जब्ती का नोटिस निर्गत किया गया है.

पाकुड़: सहकारिता विभाग की गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है. यह घोटाला अधिकारियों की लापरवाही, लैम्पस के एजेंट और सदस्य सचिव की मिलीभगत से हुआ है. इस योजना के ग्राहक अपनी जमा की गई राशि की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद राशि के भुगतान को लेकर लैम्पस का चक्कर लगा रहे हैं. जबकि, खाताधारियों की राशि का गबन करने वाले पूर्व सदस्य सचिव और वर्तमान सहायक, लैम्पस में ताला लटका कर फरार हो गए हैं.

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इस मामले को लेकर सहकारिता विभाग के पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार शाह के खिलाफ सरकारी राशि के गबन और धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. साथ ही लैम्पस के पूर्व सदस्य सचिव पर 2 करोड़ 39 लाख 59 हजार 934 रुपये गबन करने का आरोप भी लगाए गए हैं. गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना के तहत लैम्पस में राशि जमा करने वाले वैसे खाताधारी जिन्हें अभी तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है, उनके भुगतान को लेकर सहकारिता विभाग आवश्यक कार्रवाई करने में जुटी हुई है.

इस योजना में फर्जी तरीके से कमीशन राशि का हेराफेरी करने और रुपये गबन करने को लेकर 4 अभिकर्ताओं के खिलाफ कुर्की-जब्ती का नोटिस निर्गत किया गया है. वहीं, इस मामले को लेकर सहायक निबंधक कुमार गौतम ने बताया कि गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना के तहत खाता खोलकर लोगों के पैसा जमा लिए गए थे. जिसमें अभिकर्ता खाताधारी से राशि की वसूली कर लैम्पस के सदस्य सचिव के यहां जमा करते थे और सदस्य सचिव उसे बैंक खाते में जमा करते थे.

सहायक निबंधक ने बताया कि 3 करोड़ 50 लाख रुपए पब्लिक द्वारा जमा किये गये थे. जब भुगतान की नौबत आई तो ग्राहकों को यह बताया गया कि राशि ऋण के रूप में दी गई है और जैसै ही वसूली होगी भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन जांच के दौरान 80 से 85 लाख रुपये खाते में जमा पाए गए. उन्होंने बताया कि खाते से पैसा बाहर जा तो रहा था लेकिन वापस नहीं आ रहा था. जांच के दौरान उन खातों के निकासी पर रोक लगाई गई, जिसमें लैंपस द्वारा राशि भेजी जा रही थी.

सहायक निबंधक ने बताया कि जांच के बाद खातों को सीज कर 10 हजार से कम राशि वालों को भुगतान कर दिया गया, साथ ही 10 हजार से ज्यादा की राशि वाले खाताधारियों को जमा राशि का 25% राशि भुगतान किया गया है. उनहोंने बताया कि पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार शाह द्वारा 2 करोड़ 39 लाख 59 हजार 934 रुपये के गबन कर लिए जाने को लेकर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है.

वहीं, पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी रामचंद्र सिंह ने बताया कि प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी नीरज कुमार सिन्हा की लिखित शिकायत पर पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार साह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि जल्द पूर्व सदस्य सचिव को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

Intro:बाइट : कुमार गौतम, सहायक निबंधक सहयोग समितियां
बाइट : रामचंद्र सिंह, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी नगर

पाकुड़ : सहकारिता विभाग की गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला अधिकारियों की लापरवाही एवं लैंपस के अभिकर्ता एवं सदस्य सचिव की मिलीभगत से हो गया है। इस योजना के ग्राहक अपनी जमा की गई राशि की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद जहां राशि के भुगतान को लेकर लैम्पस का चक्कर लगा रहे हैं, वही खाता धारियों की राशि न्याराव्यारा करने वाले पूर्व सदस्य सचिव (वर्तमान सहायक) लैंपस में ताला लटका कर फरार हो गए हैं।


Body:सहकारिता विभाग के पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार साह के खिलाफ थाने में सरकारी राशि के गबन धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लैंपस के पूर्व सदस्य सचिव पर 2 करोड़ 39 लाख 59 हजार 934 गबन कर लिए जाने के आरोप लगाए गए हैं। सहकारिता विभाग ने गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना के तहत लैंपस में जमा करने वाले वैसे खातेदारी जिन्हें अब तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है उन्हें भुगतान किए जाने को लेकर आवश्यक कार्रवाई करने में जुटा हुआ है। इस योजना में फर्जी तरीके से इन देवताओं के कमीशन राशि को हेराफेरी कर गबन कर लिए जाने को लेकर 4 अभिकर्ताओं के खिलाफ कुर्की जब्ती को लेकर नोटिस निर्गत किया गया है। झारखंड सरकार इस महत्वपूर्ण योजना में जमा राशि गबन कर लिए जाने के कारण राशि जमा करने वाले खाताधारियों में विभाग के अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।
उक्त मामले को लेकर सहायक निबंधक सहयोग समितियां कुमार गौतम ने बताया कि गृहलक्ष्मी जमा वृद्धि योजना के तहत खाता खोलकर लोगों के पैसा जमा लिए गए थे। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अभिकर्ता खाताधारी से राशि की वसूली कर उसे लैंपस के सदस्य सचिव के यहां जमा करते थे और सदस्य सचिव द्वारा उसे बैंक खाते में जमा किया जाना था। उन्होंने बताया कि 3करोड़ 50 लाख रुपए पब्लिक द्वारा जमा किया गया और जब भुगतान की नौबत आई तो ग्राहकों को यह बताया गया कि राशि ऋण के रूप में दी गई है और वह वसूली होते ही भुगतान कर दिया जाएगा। श्री कुमार ने बताया कि मामले की लिखित शिकायत खाताधारियों द्वारा की गई और जब जांच शुरू की गई तो 80 से 85 लाख रुपये खाते में जमा पाए गए। उन्होंने बताया कि खाते से पैसा बाहर जा रहा था लेकिन खाते में पैसे वापस नहीं आ रहे थे। जांच के दौरान उन खातों के निकासी पर रोक लगाई गई जिसमें लैंपस द्वारा राशि भेजी जा रही थी। सहायक निबंधक ने बताया कि जांच के खातों को सीज किया गया और भी कराए गए 10 हजार से कम राशि वालो को भुगतान किया गया। इतना ही नहीं 10 हजार से ज्यादा की राशि वाले खाताधारियों को जमा राशि की 25% राशि का भुगतान किया गया है। श्री कुमार ने बताया कि पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार साहा द्वारा 2 करोड़ 39 लाख 59 हजार 934 रुपये के गबन कर लिए जाने को लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।


Conclusion:वहीं पुलिस निरीक्षक सह नगर थाना प्रभारी नगर रामचंद्र सिंह ने बताया कि प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी नीरज कुमार सिन्हा के लिखित शिकायत पर पूर्व सदस्य सचिव श्यामल कुमार साह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व सदस्य सचिव की गिरफ्तार किया जाएगा।
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