नौनिहालों पर दें ध्यानः लैपटॉप-मोबाइल का लगातार इस्तेमाल डाल रहा बुरा असर, जानिए क्या कहते हैं नेत्र चिकित्सक

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Published : Jul 27, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 7:30 PM IST

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संक्रमण के इस काल हर किसी पर जान की आफत है. ऐसे में कुछ आदतें हमारे लिए और हमारे बच्चों के लिए घातक साबित हो रहे हैं. लगातार लैपटॉप और मोबाइल फोन का इस्तेमाल आपके बच्चों की आंखों पर बुरा असर डाल सकता है. क्या कुछ और खतरा है और इसके लिए उपाय क्या है, जानिए ईटीवी भारत (Etv Bharat) पर लोहरदगा के नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर रणधीर कुमार सिंह (Dr. Randhir Kumar Singh, ophthalmologist) से.

लोहरदगा: कोरोना की वजह से लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जीवनशैली के साथ-साथ लोगों की दिनचर्या में भी तब्दीली आई है. कोविड-19 (Covid-19) की वजह से लॉकडाउन (Lockdown) लगा है. अनलॉक की प्रक्रिया में शर्तों के साथ कई संस्थान और प्रतिष्ठान खोले जा रहे हैं. लेकिन स्कूल-कॉलेजों में अब तक ताला लगा है. ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) को वैकल्पिक माध्यम बनाकर पढ़ाई चल रही है. मोबाइल-लैपटॉप (Mobile-Laptop) जैसे गैजेट्स का नौनिहालों पर बुरा असर पड़ रहा है. इनका लगातार इस्तेमाल उनकी आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.

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आज हर बच्चा प्रत्येक दिन कम से कम दो से तीन घंटा का समय ऑनलाइन क्लास के नाम पर कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर बिताता है. इसका कैसा और कितना असर बच्चों की आंखों और मन-मस्तिष्क पर पड़ रहा है, इसको लेकर ईटीवी भारत ने लोहरदगा के नेत्र चिकित्सक से बात की. नेत्र चिकित्सक डॉक्टर रणधीर कुमार सिंह ने कई बातें बताई कि कैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (Electronic Gadgets) का लगातार इस्तेमाल बच्चों की आंखों पर बुरा असर डाल रहा है, वो किस तरह की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इसके अलावा डॉक्टर ने हम इससे बचाव और आंखों की सुरक्षा के उपाय भी सुझाए हैं.

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बच्चों की आंखों पर पड़ रहा इफेक्ट
स्कूलों में ऑफलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा दिए जाने के बजाए कोरोना के संक्रमण से उन्हें बचाने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लिया गया. जिसका असर बच्चों की आंखों पर पड़ने लगा है. बच्चों की आंखों पर इसके साइड इफेक्ट नजर आ रहे हैं. नेत्र चिकित्सक के पास अब ज्यादातर मामले बच्चों से जुड़े हुए ही पहुंच रहे हैं. डॉक्टर्स की मानें तो ऑनलाइन एजुकेशन (Online Education) के लिए मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर के माध्यम से जो रास्ता चुना गया है, उसने बच्चों की आंखों पर होने वाली परेशानियों को बढ़ा दिया है.

सामान्य से करीब 25 प्रतिशत ज्यादा मामले अब बच्चों से जुड़े हुए ही सामने आ रहे हैं. व्हाट्सएप और अन्य ऐप के माध्यम से चलने वाले ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चों की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इसके अलावे बच्चों की मनोस्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव नजर आने लगा है.

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बच्चों में किस प्रकार की आ रही है समस्या
मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस की वजह से बच्चों पर कई असर नजर आने लगा हैं. सबसे अधिक असर आंखों पर पड़ रहा है. मोबाइल के माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों की आंखों में ज्यादा समस्याएं दिखाई दे रही है. आंखों पर पड़ने वाले दबाव की वजह से सिर दर्द की समस्या हो रही है.

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बच्चों की आंखों पर बुरा असर

इन उपकरणों के लगातार इस्तेमाल से कई बार बच्चे मानसिक तनाव का भी शिकार हो रहे हैं. आंखों पर ज्यादा जोर पड़ रहा है. हर एक बच्चा कम से कम तीन घंटे मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर पर बिताता है. ज्यादा समय मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर में बिताने की वजह से बच्चों की आंखों में जलन, रूखापन, खुजली, थकान, लालीपन, आंसू आना, सिर दर्द देखने में परेशानी होना, जैसी समस्याएं सामने आने लगी है.

ऑनलाइन क्लास की वजह से बच्चों की आंखों पर काफी ज्यादा असर पड़ रहा है. इसके अलावा उनके मन-मस्तिष्क पर भी असर पड़ने लगा है. आंखों से संबंधित मामले बच्चों से जुड़े हुए ज्यादा नेत्र चिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं. ऐसे में आंखों की सही देखभाल, व्यायाम और मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की वजह से आंखों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए नेत्र चिकित्सक ने कई उपाय बताए हैं.

बच्चों की आंखों पर असर
बच्चे पढ़ाई के लिए मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप का इस्तेमाल तो करते ही हैं. इसके अलावा दिनभर घर रहने की वजह से उनका ज्यादातर वक्त इन्हीं गैजेट्स पर बितता है. जिसका असर धीरे-धीरे उनकी आंखों पर पड़ने लगता है. शुरुआती दौर में दिखाई देने वाले लक्षण में- आंखों में जलन, देखने में समस्या, आंसू आना, सिर दर्द, आंखों में रूखापन और उससे खुजली होना, बच्चों में चिड़चिड़पन के साथ मानसिक दबाव आना, पावर चश्मे का नंबर बढ़ना, मनोस्थिति पर प्रतिकूल असर दिखाई देने लगता है.

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कैसे करें बचाव, क्या करें उपाय
आज के जमाने में मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप हमारे जीवन का अहम हिस्सा है. बिना इसके हमारा काम अधुरा है. इसलिए जरूरी है कि हम अपनी आदतों में कुछ तब्दीली करके इन गैजेट्स का इस्तेमाल करें और बच्चों को भी इससे अवगत कराएं. इसके अलावा बच्चों की जीवनशैली में भी बदलाव लाकर आंखों की इन समस्याओं पर काबू किया जा सकता है.

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क्या करें उपाय

इसके लिए नेत्र चिकित्सक कई उपाय सुझाए हैं, जिनमें व्यायाम को खास तवज्जो दिया गया है, नियमित रूप से शारीरिक कसरत के साथ-साथ आंखों की एक्सरसाइज भी होती रहे, मॉर्निंग वॉक करें, मोबाइल के बजाय लैपटॉप या कंप्यूटर पर पढ़ने का प्रयास करें, हर आधे घंटे में कम से कम 5 से 7 मिनट का ब्रेक जरूर लें.

अल्प विराम के दौरान आंखों को पानी से ठंडे पानी से धोयें, पढ़ाई के दौरान कमरे में रोशनी की समुचित व्यवस्था रखें, परेशानी होने पर चिकित्सक की सलाह लें, डॉक्टरी सलाह पर आई ड्राप डालें, मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर को लगातार देखने का प्रयास ना करें और एक निश्चित दूरी बनाकर अपना काम करें. इन सुझावों पर अगर गौर करें तो इन गैजेट्स के इस्तेमाल के साथ-साथ नौनिहालों की आंखों की रोशनी लंबे समय तक बरकरार रखी जा सकती है.

Last Updated :Jul 27, 2021, 7:30 PM IST
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