लातेहारः झारखंड का लातेहार जिला वो है, जो हमेशा नक्सलियों की करतूत की वजह से सुर्खियों में रहा करता है. शहर छोटा जरूर है, पर यहां रह रहे लोगों की सोच काफी बड़ी और बदलते दौर की है. जिन्होंने अपनी सोच की बदौलत हर सरहद को पार कर अपना डंका बजाया है. लातेहार के ऋषि अग्रवाल का नाम भी कुछ ऐसे ही लोगों में शुमार है.
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जहां चाह होती है, वहां से राह जरूर मिल जाती है. लातेहार जैसे छोटे जगह के रहने वाले 17 वर्षीय ऋषि अग्रवाल ने इस बात को साबित कर दिया है. उसने सोशल प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर गेमिंग वीडियो अपलोड कर लोगों को दीवाना बना दिया है. आज इस मंच पर ऋषि का दबदबा है, जिससे ये साबित होता है कि नेम और फेम के लिए उम्र और प्लेटफार्म की कोई बंदिश नहीं होती है.
लातेहार जिला मुख्यालय के निवासी बिजनेसमैन अजय अग्रवाल के 17 वर्षीय पुत्र ऋषि अग्रवाल इन दिनों यूट्यूब पर धूम मचाए हुए हैं. उन्होंने ऑनलाइन गेम से संबंधित एक यूट्यूब चैनल बनाया. गेम से संबंधित उनके कंटेंट इतने अच्छे होते हैं कि कुछ ही समय में उनके लगभग 35 लाख से भी अधिक सब्सक्राइबर हो गए. हालांकि इस मुकाम को हासिल करने में ऋषि को कई तरह की कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, पर ऋषि लक्ष्य से भटके नहीं और धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ने लगे.
क्रिकेट से लगाव, घर वाले देते पढ़ाई का दबाव
ऋषि अग्रवाल का क्रिकेट के प्रति काफी लगाव रहा, वो एक अच्छे क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन घरवाले हमेशा उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने का दबाव देते. ऋषि को मोबाइल पर गेम खेलना भी अच्छा लगता था, पर अपना मोबाइल नहीं रहने के कारण वह गेम भी नहीं खेल पाते.
भाई ने दिया था मोबाइल
ऋषि अपने बड़े भाइयों से काफी घुले-मिले हैं. उसने अपने भाई रुपेश से मोबाइल दिलवाने की बात कही. ऋषि के भाई रुपेश बताते हैं कि ऋषि ने जब उनसे मोबाइल मांगा तो उसने एक ही शर्त रखी कि मोबाइल गेम के साथ-साथ अच्छे से पढ़ाई भी करनी होगी. जब ऋषि ने अच्छे से पढ़ाई करने का वादा किया तो उसे मोबाइल दिलवाया. सबको लगता था कि मोबाइल गेम से उसकी पढ़ाई पर बुरा पड़ेगा, पर ऋषि ने पढ़ाई में भी अच्छा किया और मैट्रिक की परीक्षा में 80% अंक हासिल किए.
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बड़े भाई मनीष ने दिया गेमिंग वीडियो बनाने का आइडिया
मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता देख ऋषि के बड़े भाई मनीष अग्रवाल ने उसे गेमिंग वीडियो बनाने की सलाह दी. मनीष बताते हैं कि छोटे भाई को जब ऑनलाइन गेम के प्रति लगाव देखा तो तो उसे सलाह दी. ऋषि वीडियो गेमिंग बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करे. उन्होंने गेमिंग वीडियो की स्क्रिप्ट भी खुद ही तैयार कर देने लगे. देखते ही देखते ऋषि का वीडियो काफी फेमस होता गया और उसके चैनल ऋषि गेमिंग (Rishi Gaming) के 35 लाख सब्सक्राइबर हो गए.
पिता रहते थे नाराज
ऋषि के पिता अजय अग्रवाल बताते हैं कि ऋषि हमेशा मोबाइल अपने पास रखता था. जिससे उन्हें काफी चिंता होती थी, उन्हें लगता था कि उनका बेटा गलत कर रहा है. लेकिन ऋषि ने पढ़ाई के साथ साथ इस क्षेत्र में भी काफी अच्छा काम करके परिवार का नाम रोशन किया.
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रिश्तेदार भी हैं गदगद
ऋषि के बड़े चाचा संजय अग्रवाल ने बताया कि जब वो कहीं बाहर जाते हैं तो लोग उनसे ऋषि के बारे में पूछते हैं और कहते हैं कि आप उनके चाचा हैं, हमें ऋषि से बात करवाइए. इस समय उन्हें काफी खुशी होती है, उन्हें अपने भतीजे पर फक्र होता है.
लॉकडाउन में अचानक हुआ फेमस
ऋषि बताते हैं कि 2 साल से वो ऑनलाइन गेमिंग वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करते थे. लेकिन उन्हें अधिक सफलता नहीं मिली. कोरोना की वजह से जब देश में लॉकडाउन लगा, उसी दौरान अचानक उनके यूट्यूब चैनल में सबस्क्राइबर्स की संख्या बढ़ने लगी. वर्तमान में 35 लाख से अधिक लोग उनके सब्सक्राइबर बन गए हैं.
डीसी भी करते हैं तारीफ
लातेहार उपायुक्त अबू इमरान भी ऋषि अग्रवाल की तारीफ करते हैं. डीसी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आप अच्छा काम करें उसे मेहनत और लगन के साथ करें. उन्होंने ऋषि की सोच की सरहाना की है.