लातेहार में भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर ने किया सरेंडर, डीसी-एसपी ने माला पहनाकर किया स्वागत

लातेहार में भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर ने किया सरेंडर, डीसी-एसपी ने माला पहनाकर किया स्वागत
Naxalite surrendered in Latehar. लातेहार में भाकपा माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है. माओवादियों के कमांडर रैंक के एक माओवादी ने सरेंडर कर दिया है. इस दौरान लातेहार एसपी और डीसी ने बाकी के नक्सलियों से भी झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठाने की अपील की है.
लातेहारः भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के एरिया कमांडर रैंक का नक्सली जितेंद्र नगेसिया ने शुक्रवार को लातेहार डीसी हिमांशु मोहन और एसपी अंजनी अंजन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. डीसी और एसपी ने जितेंद्र नगेसिया को गुलदस्ता भेंट कर और माला पहनकर स्वागत किया.
वर्ष 2018 में जुड़ा था भाकपा माओवादी संगठन सेः दरअसल, वर्ष 2018 में जितेंद्र नगेसिया भाकपा माओवादी संगठन के साथ जुड़ा था. जितेंद्र माओवादियों के बड़े नक्सली अरविंद जी के साथ भी काम कर चुका है. जितेंद्र मुख्य रूप से बूढ़ापहाड़ और आसपास के एरिया में सक्रिय था और यहां विभिन्न नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था, लेकिन हाल के वर्षों में पुलिस की बढ़ती दबिश के कारण बूढ़ापहाड़ के एरिया में नक्सलियों का रहना मुश्किल हो गया था. इसी बीच नक्सलियों के बड़े कमांडरों के आत्मसमर्पण किए जाने के बाद जितेंद्र ने भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाते हुए सरेंडर करने की योजना बनाई. इसके लिए उसने पुलिस के बड़े अधिकारियों से संपर्क साधा और पूरी जानकारी लेने के बाद शुक्रवार को लातेहार डीसी हिमांशु मोहन और एसपी अंजनी अंजन के समक्ष सरेंडर कर दिया.
आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्य धारा में जुड़े नक्सली: इधर, इस संबंध में लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि जितेंद्र नगेसिया पिछले कई दिनों से माओवादी नक्सली संगठन से जुड़कर बूढ़ापहाड़ के एरिया में सक्रिय था, लेकिन पुलिस के द्वारा बूढ़ापहाड़ के एरिया में चलाए गए ऑपरेशन ऑक्टोपस के बाद नक्सलियों का उस इलाके में रहना मुश्किल हो गया था. इसके अलावा पुलिस के द्वारा जन सरोकार से जुड़े हुए कार्य भी लगातार किए जा रहे हैं. इसके अलावा झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर जितेंद्र नगेसिया ने आत्मसमर्पण कर दिया. एसपी ने कहा कि क्षेत्र में सक्रिय अन्य नक्सली भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं और सरेंडर कर समाज के मुख्य धारा से जुड़ जाएं.
गलत तरीके से कमाई करने की मानसिकता बदलनी होगी-डीसी:इधर डीसी हिमांशु मोहन ने कहा कि समाज में कुछ लोग की मानसिकता हो गई है कि सरकार द्वारा चलायी जा रही विकास योजना में अपराधिक तरीका अपनाकर वसूली किया जाए. यह तरीका पूरी तरह गलत है और जो लोग ऐसा करते हैं, वह पुलिस और प्रशासन के टारगेट पर आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि कमाई का शॉर्टकट रास्ता सही नहीं होता. इसलिए सभी लोगों से अपील है कि अपराध के रास्ते को कमाई का साधन न बनाएं, बल्कि मेहनत कर काम करें और अपने और अपने परिवार को खुशहाल रखें. उन्होंने नक्सलियों से भी अपील की कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं और मुख्य धारा में लौटकर देश के विकास में सहयोग करें.
नक्सलियों ने बनाया था दबाव, मजबूरी में शामिल हुआ था संगठन में: इधर, आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सली जितेंद्र नगेसिया ने बताया कि वर्ष 2018 में नक्सलियों ने गांव में आकर युवाओं पर दबाव डालकर संगठन में शामिल कराया था. उसने बताया कि बूढ़ापहाड़ के एरिया में नक्सली अरविंद जी के साथ भी वह काम कर चुका है. जितेंद्र ने बताया कि जब उन्हें सरकार की आत्मसमर्पण नीति की जानकारी मिली तो उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता छोड़ दिया और आत्मसमर्पण कर दिया.
इन पुलिस पदाधिकारियों की सरेंडर में भूमिका रही अहमः नक्सली को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित करने में डीएसपी दिलु लोहरा, लातेहार पुलिस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार, छिपादोहर थाना प्रभारी अभिषेक कुमार, बारेसांड थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, सब इंस्पेक्टर रणजीत राम काशी महली आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
