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Koderma News: आत्मनिर्भरता की मिसाल बना कोडरमा का लक्ष्मीपुर गांव, ग्रामीणों ने श्रमदान कर टीसीबी, मेढ़बंदी और चेक डैम का किया निर्माण

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Published : Apr 17, 2023, 2:51 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 4:38 PM IST

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Koderma Village Became Example Of Self Reliance

कोडरमा का लक्ष्मीपुर गांव अब पूरी तरह से स्वावलंबी और आदर्श गांव बन गया है. यह करिश्मा ग्रामीणों की एकजुटता, दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत का परिणाम है. वहीं ग्रामीणों के इस प्रयास की चहुंओर प्रशंसा हो रही है.

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कोडरमाः मुस्कुराइए आप लक्ष्मीपुर गांव में हैं. लक्ष्मीपुर गांव में आपका हार्दिक स्वागत है. कोडरमा के सुदूरवर्ती गांव में लगा यह बोर्ड और उसपर लिखा संदेश लक्ष्मीपुर गांव की खुशहाली और तरक्की को बयां करने के लिए काफी है. पिछले एक साल में जिस तरह से इस गांव के ग्रामीणों ने अपनी सोच बदली और एकजुटता का परिचय देते हुए गांव को स्वावलंबी बनाया है, आज गांव की पहचान राष्ट्रीय फलक तक है.

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कभी नक्सलियों का गढ़ था गांव, आज ग्रामीण लिख रहे विकास की इबारतः जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा लक्ष्मीपुर गांव कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था. नक्सलियों के खौफ के बीच लोग विकास से कोसों दूर होते चले गए थे. इसके बाद धीरे-धीरे समय बदला और गांव के ग्रामीणों ने अपने बलबूते विकास और तरक्की का मार्ग बनाना शुरू कर दिया. हालांकि इस दिशा में जिला प्रशासन और खासकर उपायुक्त आदित्य रंजन का ग्रामीणों को भरपूर सहयोग मिला.

गांव में गर्मी में भी नहीं होती है पानी की दिक्कतः जहां गर्मी के दस्तक देते ही पहले गांव में जल संकट गहराने लगता था, वहीं अब लक्ष्मीपुर गांव में जल संरक्षण के लिए किए गए उपायों के बाद आज पूरे गांव में हरियाली नजर आती है. गांव पहुंचने वाली सड़कों की दोनों ओर लाखों पेड़-पौधे लगाए गए हैं. इसके साथ ही यहां लगभग 2500 टीसीबी, 1500 मेढबंदी और तीन लूज बोल्डर चेक डैम का निर्माण कराया गया है.

निःशुल्क शिक्षा का दान दे रहीं गांव की महिलाएंः जल संरक्षण के साथ-साथ इस गांव में शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. गांव में आंगनबाड़ी न होते हुए भी गांव की महिलाएं गांव के बच्चों को फ्री में पढ़ाती हैं. स्कूल में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए गांव की पढ़ी-लिखी महिलाएं निःशुल्क स्कूल में अपनी सेवाएं दे रही हैं.

गांव में प्रवेश करते ही होती है सुखद अनुभूतिः लक्ष्मीपुर गांव में दाखिल होते ही आपको एक सुखद अनुभूति होगी. हरियाली के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण, साफ और सुंदर सड़कें आपको इस गांव में दिखेगी. स्वच्छता अभियान के साथ ही गांव के ग्रामीणों की दिन की शुरुआत होती है और रात्रि चौपाल में अगले दिन की कार्ययोजना साथ के साथ दिन खत्म होता है. हर दिन ग्रामीणों की यही दिनचर्या है. जिसके कारण यहां के लोग एकजुट हैं और गांव का विकास हो रहा है.

Last Updated :Apr 17, 2023, 4:38 PM IST
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