खूंटी: जिले में 24 अप्रैल से लॉकडाउन है, हर तरफ सन्नाटा पसरा है. लोग घरों में कैद है लेकिन सदर अस्पताल के महिला वार्ड में किलकारियां गूंज रही है. लॉकडाउन के अवधि में सदर अस्पताल में रविवार शाम तक लगभग 250 बच्चों ने जन्म लिया है. लॉकडाउन के बावजूद खूंटी सदर अस्पताल का मातृ- शिशु विभाग इन दिनों गुलजार है. लॉकडाउन में परेशानी के बावजूद खूंटी जिले के डॉक्टर नर्स पूरी संजीदगी से जच्चा बच्चा की स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने में जुटे हैं.
दो महीनों में 212 माताओं का कराया गया प्रसव
कोरोना काल मे नवजात शिशुओं को धरती में आने में कोई परेशानी न हो इसे लेकर जिले के डॉक्टर, नर्स पूरी तरह एहतियात बरत रहे हैं. सुरक्षा और सावधानी के साथ सेनिटाइजेसन की प्रक्रिया अपनाते हुए मातृ शिशु विभाग में अच्छी तरह देखभाल की जा रही है. सदर अस्पताल में मार्च और अप्रैल में अब तक कुल 212 धातृ माताओं का संस्थागत प्रसव कराया गया.
सामान्य रोगों के इलाज में भी हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
बता दें कि सामान्य रोगों के मरीज का इलाज भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया जाता है. सामान्य रोगियों के इलाज के लिए अलग भवन होने के कारण संक्रमण की आशंका नहीं है. इसके साथ ही जिले के दूर दराज से पहुंचने वाले धातृ माताओं और अन्य रोगियों की इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही.
खूंटी में अब तक कोरोना का कोई भी मरीज नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है लेकिन अब भी लगातार स्वास्थ्य विभाग लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखने और जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही बाहर आने की हिदायत दे रहे हैं. इसके साथ ही सिविल सर्जन ने जिले के ग्रामीण इलाकों में मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि, ग्रामप्रधान, नगर पंचायत के वार्ड पार्षदों को लोगों के बीच कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए आगे आने को कहा है.
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सदर अस्पताल में अपने नवजात बच्चे को गोद मे लिए महिलाओं और उनके परिजन लॉकडाउन के कारण खुशी नहीं मना पा रहे है. यही कारण है सदर अस्पताल में किलकारियां के अलावा कुछ सुनाई नहीं दे रहा.