मानव तस्करी की शिकार हुईं 6 बच्चियों का किया गया रेस्क्यू, अब लेंगी शिक्षा

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Published : Feb 5, 2020, 3:18 AM IST

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डीसी कार्यालय में बच्चियां ()

मानव तस्करी की शिकार हुईं गुमला की छह बच्चियों को गुमला पुलिस ने तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर दिल्ली से गुमला वापस ले आया है. वहीं सभी बच्चियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है.

गुमला: जिला की पुलिस ने मंगलवार को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर 6 बच्चियों को वापस गुमला लाकर CWC को सौंप दिया. जहां सभी बच्चियों को काउंसलिंग के बाद जिले के उपायुक्त शशि रंजन के पास ले जाया गया. उपायुक्त ने बच्चियों के अभिभावकों से बात कर उनके बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों में फिर से नामांकन कराने की बात कही.

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दलाल के चंगुल में फंसी थी बच्चियां
बता दें कि गुमला जिला से पिछले कई वर्षों से मानव तस्करी कर बड़े पैमाने पर यहां की गरीब बच्चियों को बहला-फुसलाकर देश के महानगरों में दलाल ले जाकर बेच देते हैं. यहां की गरीब बच्चियों को मानव तस्कर पैसे का लालच और महानगरों में रहकर अच्छे रहन-सहन का सजबाग दिखाते हैं. जिससे बच्चियां उनके चंगुल में फंसकर उनके साथ चली जाती हैं.

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दिल्ली से छुड़ाकर लाया गया
बता दें कि जो बच्चियां रेस्क्यू कर लाई गई हैं इनको दलालों ने एक साल पहले ले जाकर महानगरों में बेच दिया था. जब उनका कोई अता पता नहीं चल रहा था तो उनके अभिभावकों ने पुलिस से गुहार लगाई थी. जिसके बाद पुलिस और परिवार वालों ने मिलकर बच्चों का पता लगाया और फिर उन्हें वापस गुमला लाया.

स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा
इस मामले में उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि छह बच्चियों को दिल्ली से रेस्क्यू कर लाया गया है. उनके पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन गंभीर है. वर्तमान में कुछ बच्चों ने पढ़ाई छोड़ कर दलाल के चंगुल में आकर दिल्ली चले गए थे, जिनकी पढ़ाई छुटी है उनका फिर से स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा.

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स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छा
डीसी ने कहा कि कुछ बच्चों ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छा जताई है तो उनका गुमला में स्थित कौशल विकास केंद्र में नामांकन कराया जाएगा. जहां पर वे प्रशिक्षण लेंगी और फिर उनका प्लेसमेंट कराया जाएगा.

Intro:गुमला : जिला की पुलिस ने मंगलवार को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर 6 बच्चियों को वापस गुमला लाकर सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द कर दिया । जहां सभी बच्चियों का काउंसलिंग के बाद जिले के उपायुक्त के पास ले जाया गया । जहां पर उपायुक्त ने बच्चियों के अभिभावकों से बात कर उनके बच्चियों का पढ़ाई जारी रखने के लिए विद्यालयों में फिर से नामांकन करने की बात कही ।
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आपको बता दें कि गुमला जिला से पिछले कई वर्षों से मानव तस्करी कर बड़े पैमाने पर यहां की गरीब बच्चियों को बहला-फुसलाकर देश के महानगरों में दलालों के द्वारा ले जाकर बेच दिया जाता है । यहां की गरीब बच्चियों को मानव तस्कर पैसे का प्रलोभन एवं महानगरों में रहकर अच्छे रहन-सहन का सजबाग दिखाया जाता है जिसे बच्चियां उनके चंगुल में फंसकर उनके साथ चली जाती हैं । आज जो बच्चियां रेस्क्यू कर लाई गई है इनको दलालों ने एक साल पूर्व ले जाकर महानगरों में बेच दिया था । जब उनका कोई अता पता नहीं चल रहा था तो उनके अभिभावकों ने पुलिस से गुहार लगाई थी । जिसके बाद पुलिस और परिवार वालों ने मिलकर बच्चों का पता लगाया और फिर उन्हें वापस गुमला लाया ।

Conclusion:इस मामले पर जिले के उपायुक्त ने कहा कि छह बच्चियों को दिल्ली से रेस्क्यू कर लाया गया है उनके पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन गंभीर है । वर्तमान में कुछ बच्चों ने पढ़ाई छोड़ कर दलाल के चंगुल में आकर दिल्ली चले गए थे जिनके पढ़ाई छुटी है उन्हें फिर से विद्यालयों में नामांकन कराया जाएगा। वहीं कुछ बच्चों ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छा जताई है तो उन्हें गुमला में स्थित कौशल विकास केंद्र है उसमें नामांकन कराया जाएगा । जहां पर वे प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और फिर उन्हें प्लेसमेंट कराया जाएगा जिससे वे अपना जिविकोपार्जन कर सकेंगे । जिले के उपायुक्त ने अपील करते हुए कहा कि जिले के हर एक पंचायत से लेकर प्रखंड में अच्छे-अच्छे स्कूल हैं उसमें बहुत सारे शिक्षकों की नियुक्ति की गई है । ऐसे में गांव के बच्चों को उनके अभिभावक वहां भेजें ताकि बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें । साथ ही जिले में कई स्किल डेवलपमेंट सेंटर है वहां भी सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं । जो माता-पिता हैं वे अपने बच्चों को दलालों के साथ नहीं भेजे उनके भविष्य पर इससे काफी खराब असर पड़ता है ।

बाईट: शशि रंजन ( उपायुक्त ,गुमला)
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