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बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या मामला, 6 साल बाद आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

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Published : Aug 31, 2019, 5:43 PM IST

आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

गुमला के कामडारा थाना 2013 में 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया था. मामले में कोर्ट ने 6 साल बाद आरोपी को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.

गुमला: जिले के कामडारा थाना में 2013 में एक 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर देने का मामला दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई शनिवार को हुई. जहां आरोपी नीरज पाणिग्रही को न्यायालय-अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, सह विशेष न्यायाधीश गुमला ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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दरअसल, कामडारा थाना में 27/04/ 2013 को एक 6 साल की बच्ची के गुम होने का मामला दर्ज कराया गया था. दर्ज मामले में गुमशुदा मासूम की मां ने कहा था कि 26/04/2013 को उसकी 6 साल की बेटी अचानक से लापता हो गई. अपने आसपास के लोगों के साथ-साथ रिश्तेदारों के घरों में भी पता किया, लेकिन बच्ची कहीं नहीं मिली.

दुष्कर्म के बाद की गई थी हत्या
वहीं, गुमशुदगी की मामला दर्ज होने के दूसरे दिन 28/04/2013 को लापता बच्ची का शव बसिया थाना क्षेत्र से बरामद किया गया. जिसके बाद परिवार वालों की इसकी जानकारी हुई और उन्होंने घटनास्थल पर जाकर शव की शिनाख्त की. बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसके चेहरे को पत्थर से कुचल कर बुरी तरह से हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने कामडारा थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें नीरज पाणिग्रही नामक युवक को इस मामले पर अभियुक्त बनाया गया था.

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कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई
गुमला न्यायालय में करीब 6 साल तक मामला चलने के बाद आज अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जिसमें अभियुक्त को धारा 302 हत्या के लिए सश्रम कारावास की सजा एवं 10 हजार अर्थदंड की सजा दी गई. अर्थदंड की सजा नहीं अदा करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई गई.

न्यायालय के लोक अभियोजक ने बताया कि यह मामला 2013 का है. इसमें एक 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था. करीब 6 साल तक न्यायालय में मामला चलने के बाद आज अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

Intro:गुमला : 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर देने वाले आरोपी नीरज पाणिग्रही को न्यायालय -अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम, सह विशेष न्यायाधीश गुमला ने आज सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । इस मामले पर गुमला जिला के कामडारा थाना में 2013 को एक 6 साल की अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर देने का मामला दर्ज कराया गया था ।


Body:दरअसल कामडारा थाना में 27/04/ 2013 को एक 6 साल की बच्ची का गुम होने का मामला दर्ज कराया गया था . दर्ज मामले में गुमशुदा बच्चे की मां ने कहा था कि 26/04/2013 को उसकी 6 साल की बेटी अचानक से लापता हो गई . अपने आसपास के लोगों के साथ-साथ रिश्तेदारों के घरों में भी पता किया मगर उनकी बच्ची कहीं नहीं मिली . वही गुमशुदा का मामला दर्ज होने के दूसरे दिन 28/04/2013 को लापता बच्ची का शव बसिया थाना क्षेत्र के एक विद्यालय के पीछे टोंगरी टाँड़ में देखा गया । जिसके बाद परिवार वालों की इसकी जानकारी हुई और उन्होंने घटनास्थल पर जाकर शव की शिनाख्त की । बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी चेहरे को पत्थर से कुचल कर बुरी तरह से हत्या कर दी गई थी । जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने कामडारा थाने में मामला दर्ज कराया था । जिसमें नीरज पाणिग्रही नामक युवक को इस मामले पर अभियुक्त बनाया गया था ।


Conclusion:गुमला न्यायालय में करीब 6 साल तक मामला चलने के बाद आज अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई । जिसमें अभियुक्त को भादवि की धारा 302 हत्या के लिए सश्रम कारावास की सजा एवं ₹10000 का अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थदंड की सजा नहीं अदा करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी गई ।
जबकि भादवि की धारा 376( 2) बलात्संग के लिए सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवन काल तक) और ₹10000 का अर्थदंड की सजा दी गई । अर्थदंड की सजा अदा नहीं करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी गई ।
वहीं भादवि की धारा 201 अपराध के साक्ष्य का विलोपन तथा उसे प्रतिच्छादित करने के लिए 7 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹5000 का अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थ दण्ड की राशि अदा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी जाती है । न्यायालय ने सभी सजाएं साथ-साथ चलने एवं अर्थदंड की संपूर्ण राशि मृतका के माता-पिता को देने के लिए कहा है ।
न्यायालय के लोक अभियोजक ने बताया कि यह मामला 2013 का है । इसमें एक 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दिए जाने का मामला दर्ज हुआ था । करीब 6 साल तक न्यायालय में मामला चलने के बाद आज अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है ।

बाईट : चम्पा कुमारी ( लोक अभियोजक ,गुमला )
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