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प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीणों की गोलबंदी, प्रदर्शन कर कहा- खराब हो रही हैं नस्लें

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Published : Jun 13, 2023, 7:15 PM IST

गिरिडीह में प्रदूषण नासूर बन चुका है. औद्योगिक इलाके में प्रदूषण के कारण कई बच्चे दिव्यांग पैदा हुए हैं. खेती पर भी नकारात्मक असर पड़ा है. अब यहां के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

Protest against pollution in Giridih
Protest against pollution in Giridih
देखें पूरी खबर

गिरिडीह: जिले के औद्योगिक इलाके में प्रदूषण की मार वर्षों से पड़ती रही है. प्रदूषण के कारण यहां के लोगों की जिंदगी दूभर हो चुकी है. प्रदूषण के पीछे इस क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों को दोषी माना जाता है. इसी प्रदूषण के खिलाफ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन किया है.

फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी: यह कार्यक्रम मुफ्फसिल थाना इलाके के चतरो स्थित बालमुकुंद स्पंज एवं आयरन फैक्ट्री के समक्ष किया गया. गादी श्रीरामपुर पंचायत की मुखिया कंचन देवी, प्रतिनिधि सुनील सिंह, पंचायत समिति सदस्य शुभांकर राय, उप मुखिया रंजीत राय समेत कई पंचायत प्रतिनिधियों की अगुवाई में इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

जमीन हो चुकी है बंजर: यहां कहा कि फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण के कारण जमीन बंजर हो चुकी है. फसल तो क्या जानवरों के लिए घास भी नहीं उगता है. पूरा क्षेत्र दिनभर धूल-गर्दे से भर जाता है. इससे क्षेत्र के लोगों के साथ साथ पशु पंक्षियों को भी रहना मुश्किल हो गया है. इस औद्योगिक इलाके के बगल में अवस्थित वाटर फॉल पिकनिक स्पॉट पर भी दुषप्रभाव पड़ रहा है.

दिव्यांग पैदा हो रहे हैं बच्चे: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फैक्ट्री के लोग उसरी नदी के किनारे भी अवशिष्ट को डंप करते हैं. बताया कि प्रदूषण का असर गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ता है और कई महिलाओं ने तो दिव्यांग बच्चे को भी जन्म दिया. लोगों ने कहा कि बालमुकुंद नामक फैक्ट्री सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रही है और इसपर कंट्रोल नहीं किया गया तो लोग अमरण अनशन करने को बाध्य होंगे.

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गिरिडीह: जिले के औद्योगिक इलाके में प्रदूषण की मार वर्षों से पड़ती रही है. प्रदूषण के कारण यहां के लोगों की जिंदगी दूभर हो चुकी है. प्रदूषण के पीछे इस क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों को दोषी माना जाता है. इसी प्रदूषण के खिलाफ स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन किया है.

फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी: यह कार्यक्रम मुफ्फसिल थाना इलाके के चतरो स्थित बालमुकुंद स्पंज एवं आयरन फैक्ट्री के समक्ष किया गया. गादी श्रीरामपुर पंचायत की मुखिया कंचन देवी, प्रतिनिधि सुनील सिंह, पंचायत समिति सदस्य शुभांकर राय, उप मुखिया रंजीत राय समेत कई पंचायत प्रतिनिधियों की अगुवाई में इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

जमीन हो चुकी है बंजर: यहां कहा कि फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण के कारण जमीन बंजर हो चुकी है. फसल तो क्या जानवरों के लिए घास भी नहीं उगता है. पूरा क्षेत्र दिनभर धूल-गर्दे से भर जाता है. इससे क्षेत्र के लोगों के साथ साथ पशु पंक्षियों को भी रहना मुश्किल हो गया है. इस औद्योगिक इलाके के बगल में अवस्थित वाटर फॉल पिकनिक स्पॉट पर भी दुषप्रभाव पड़ रहा है.

दिव्यांग पैदा हो रहे हैं बच्चे: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फैक्ट्री के लोग उसरी नदी के किनारे भी अवशिष्ट को डंप करते हैं. बताया कि प्रदूषण का असर गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ता है और कई महिलाओं ने तो दिव्यांग बच्चे को भी जन्म दिया. लोगों ने कहा कि बालमुकुंद नामक फैक्ट्री सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रही है और इसपर कंट्रोल नहीं किया गया तो लोग अमरण अनशन करने को बाध्य होंगे.

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