ETV Bharat / state

Campaign To Save Culture Of Jharkhand: चित्रकार महावीर शामी दीवारों पर उकेर रहे चित्रकारी के रंग, झारखंड की संस्कृति को बचाने का दे रहे हैं संदेश

author img

By

Published : Feb 20, 2023, 2:06 PM IST

http://10.10.50.75//jharkhand/20-February-2023/jh-gir-01-chitarkari-pkg-jhc10019_20022023112328_2002f_1676872408_275.jpg
Mission To Save Culture Of Jharkhand

झारखंड की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए चित्रकार महावीर शामी ने मुहिम शुरू कर दी है. झारखंड की विलुप्त होती संस्कृति से वे काफी चिंतित थे. वर्तमान में महावीर गांव-गांव घूम कर दीवारों पर चित्रकारी कर लोगों को संस्कृति की जानकारी दे रहे हैं.

देखें पूरी खबर

गिरिडीह, बगोदर: चित्रकार महावीर शामी ने झारखंड की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए नौकरी छोड़कर दीवारों पर चित्रकारी उकेरना शुरू कर दिया है. महावीर गांव-गांव घूम-घूमकर चित्रकारी कर रहे हैं. झारखंड की लोक कला, पर्व-त्योहार, सभ्यता-संस्कृति आदि इनकी चित्रकारी में शामिल हैं. वैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन आदि का भी संदेश अपनी चित्रकला से चित्रकार महावीर शामी दे रहे हैं. इसके अलावा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आदि की भी चित्र दीवारों पर उकेर कर महापुरुषों के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं.

ये भी पढे़ं-Road Safety Campaign In Giridih:गिरिडीह पुलिस ने विद्यार्थियों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया, सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने की अपील

कलाकार की चहुंओर हो रही है प्रशंसाः चित्रकार महावीर शामी के द्वारा दीवारों में उकेरी जाने वाली चित्र जीवंत प्रतीत होती हैं. महावीर शामी की पहचान माटी चित्रकार के रूप में है. महावीर शामी फिलहाल बगोदर प्रखंड की तिरला पंचायत सचिवालय की दीवारों पर चित्रकारी कर रहे हैं. पंचायत सचिवालय की दीवारों पर चित्रकारी होने से भवन आकर्षक और सुंदर दिखने लगा है. उनकी इस कला की क्षेत्र के लोग दिवाने हो गए हैं. उनकी काफी प्रशंसा हो रही है.

झारखंड की विलुप्त होती संस्कृति को बचाने के लिए प्रोफेसर की नौकरी छोड़ीः माटी चित्रकार झारखंड के धनबाद जिले के कपूरिया अंतर्गत बांधडीह गांव के रहने वाले हैं. शिक्षा की बात करें तब इन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय छतीसगढ़ से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स में स्नातकोत्तर और बीएचयू बनारस से चित्रकला में स्नातक कर चुके हैं. चित्रकार महावीर शामी बताते हैं कि डिग्री लेने के बाद लातेहार और देवघर के कॉलेज में वे बतौर प्रोफेसर के रूप में नियुक्त थे. झारखंड की विलुप्त होती सभ्यता और संस्कृति को देखते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और चित्रकारी के माध्यम से झारखंड की सभ्यता और संस्कृति को बचाने के अभियान में जुट गए हैं.

झारखंड के 32 हजार गांवों में चित्रकारी का है लक्ष्यः बताया कि एक साल पूर्व धनबाद जिले से ही उन्होंने अभियान की शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों की दीवारों में चित्रकारी उकेरी जा रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी के लिए यह चित्रकारी झारखंड की सभ्यता और संस्कृति की पहचान बनेगी. उन्होंने बताया कि झारखंड के 32 हजार गांवों में चित्रकारी का लक्ष्य है. फिलहाल झारखंड के छह जिलों के 31 गांवों में चित्रकारी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि चित्रकारी मेरा मिशन बन चुका है, यह पेशा नहीं है. हां इसके बदले में कोई उपहार के रूप में दे देता है, तब मैं उन्हें स्वीकार कर लेता हूं. वैसे उन्हें चित्रकारी के लिए जो भी बुलाता है उन्हें चित्रकारी के लिए जरूरत सामग्रियां उन्हें उपलब्ध करानी पड़ती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.