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शर्मनाक: डायरिया के मरीजों को अस्पताल से किया बाहर, गंदगी और जल-जमाव वाली जगह किया गया शिफ्ट

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Published : Oct 12, 2019, 3:17 PM IST

गिरिडीह के देवरी सीएचसी में डायरिया पीड़ित मरीजों को एक ऐसे भवन में शिफ्ट कर दिया गया, जिसके बाहर कई दिनों से बारिश का पानी जमा हुआ था. भवन के आसपास गंदगी का ढेर लगा था. वहीं, संवेदनहीनता की हद तब हो गई जब मरीजों को न तो चादर और न ही मच्छरदानी उपलब्ध कराया गया.

भर्ती डायरिया के मरीज

गिरिडीहः लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बदनाम देवरी का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर से संवेदनहीन दिखा. मामला देवरी प्रखंड के मारुडीह पंचायत के रानीडीह गांव से जुड़ा है. शुक्रवार को डायरिया पीड़ित मरीजों को अस्पताल के बाहर बने एक भवन में शिफ्ट कर दिया गया. अस्पताल के बाहर जिस भवन में डायरिया पीड़ितों को शिफ्ट किया गया, उसके बाहर बारिश का पानी कई दिनों से जमा हुआ है. भवन के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

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गौरतलब है कि गंदगी और जलजमाव को नजरअंदाज करते हुए डायरिया पीड़ितों को अस्पताल के बाहर के भवन में शिफ्ट कर दिया गया. जहां पीड़ित रूबी देवी (35 वर्ष) सविता देवी (22 वर्ष), प्रिंस कुमार (10 वर्ष), छोटी कुमारी (9 वर्ष) और जिरिया देवी (40 वर्ष) का उपचार चल रहा है. जिन्हें अस्पताल भवन से बाहर बने एक भवन में शिफ्ट कर दिया गया. वहीं, अस्पताल के बाहर शिफ्ट किए गए डायरिया पीड़ितों को बेड पर चादर और मच्छरदानी भी उपलब्ध नहीं करवाया गया.

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इलाज के दौरान बिगड़ी तबियत
डायरिया पीड़ित होने के बाद देवरी सीएचसी में इलाजरत महिला हिरिया देवी (40 वर्ष) की तबीयत अचानक बिगड़ गई. महिला की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर उपचार के लिए गिरिडीह भेज दिया गया. इधर डायरिया से पीड़ित मरीजों को अस्पताल से बाहर के भवन में शिफ्ट किए जाने की सूचना पर देवरी के सीओ अजय तिर्की, उप प्रमुख भीखन मंडल, पंचायत समिति सदस्य उदय कुमार सिंह मौके पर पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना. इस दौरान इलाजरत मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल से बाहर शिफ्ट कर दिए जाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, इस दौरान अंचलाधिकारी ने मरीजों के बेड पर चादर और मच्छरदानी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया.

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गांव में कैंप लगाकर पीड़ितों का उपचार
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुशलकांत की अगुवाई में गांव में कैंप लगाकर उपचार किया गया. इसे लेकर डॉ कुशलकांत ने बताया की रानीडीह गांव में डायरिया फैलने के बाद लगातार कैंप लगाकर पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है. गांव में 7 लोगों का उपचार किया गया. वहीं, जलजमाव की जगह पर डीडीटी का छिड़काव करवाया गया. जलकूपों में ब्लीचिंग डलवाया गया. पीड़ित लोगों को ओआरएस घोल, मैट्रोन व जिंक टेबलेट उपलब्ध करवाया गया है.

बता दें कि अब तक कुल 26 लोग डायरिया से पीड़ित हो चुके हैं. अस्पताल प्रशासन ने जलजमाव स्थल पर मरीजों को शिफ्ट किए जाने को लेकर कहा कि अस्पताल में पानी की कमी के कारण डायरिया पीड़ित मरीजों को अलग रखा गया है. इस मामले को लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने नाराजगी जाहिर की है.

Intro:जमुआ (गिरिडीह) । लचर स्वास्थ्य ब्यवस्था के लिए बदनाम देवरी का स्वास्थ्य महकमा का शुक्रवार को एक बार फिर से संवेदनहीन दिखा। मामला देवरी प्रखंड के प्रखंड के मारुडीह पंचायत के रानीडीह गांव से जुड़ा हुआ है। डायरिया से पीड़ित होकर अस्पताल में भरती करवाए गए मरीजों को शुक्रवार को अस्पताल से बाहर निकालकर अस्पताल से बाहर बने एक खुले भवन में शिफ्ट कर दिया गया। Body:हैरान करने वाली बात यह है की अस्पताल के बाहर जिस भवन में डायरिया से पीड़ित लोगो को शिफ्ट किया गया है। उसके बाहर बारिश का पानी कई दिनों से जमा हुआ है। भवन के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गंदगी व जलजमाव को नजरअंदाज करते हुए डायरिया पीड़ितों को अस्पताल के बाहर के भवन में शिफ्ट कर दिया गया। जहां पीड़ित रूबी देवी 35 वर्ष सविता देवी 22 वर्ष, प्रिंस कुमार 10 वर्ष छोटी कुमारी 9 वर्ष जिरिया देवी 40 वर्ष का उपचार चल रहा है। जिन्हें अस्पताल भवन से बाहर बने एक भवन में शिफ्ट कर दिया गया। 

वहीं अस्पताल के बाहर शिफ्ट किए गए डायरिया पीड़ितों को बेड पर चादर व मच्छरदानी भी  उपलब्ध नही करवाया गया। वहीं डायरिया पीड़ितों के लेकर अस्पताल आए पीड़ित के परिजन भवन के जमीन पर बैठकर मरीजों को स्वस्थ्य होने के इंतजार करते दिखे।

"इलाज के दौरान महिला की तबियत बिगड़ी"  

डायरिया से पीड़ित होने के बाद शुक्रवार को देवरी सीएचसी में इलाजरत महिला हिरिया देवी (40 वर्ष) की तबियत दोपहर में बिगड़ गयी। महिला की नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर उपचार के लिए गिरिडीह भेज दिया गया है। इधर डायरिया से पीड़ित मरीजो को अस्पताल से बाहर के भवन में शिफ्ट कर दिए जाने की सुचना पर देवरी के सीओ अजय तिर्की, उप प्रमुख भीखन मंडल, पंचायत समिति सदस्य उदय कुमार सिंह मौके पर पहुंचकर मरीजो से मिलकर मरीजो का हालचाल जाना। इस दौरान इलाजरत मरीजो के परिजनों के द्वारा बताया गया की अस्पताल से बाहर शिफ्ट कर दिए जाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मच्छरदानी व चादर नही दिया गया है।

इस दौरान अंचलाधिकारी के द्वारा मरीजो के बेड पर चादर व मच्छरदानी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया।

"गांव में कैम्प लगाकर किया गया पीड़ितों का उपचार"  चिकित्सा पदाधिकरी डॉ कुशलकांत के नेतृत्व में शुक्रवार को गांव में कैम्प लगाकर उपचार किया गया। इस बावत डॉ कुशलकांत ने बताया की रानीडीह गांव में डायरिया फैलने के बाद लगातार कैम्प लगाकर पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। शुक्रवार को गांव में सात लोगो का उपचार किया गया। साथ हीं जलजमाव स्थल पर डीडीटी का छिड़काव करवाया गया। जलकूपों में ब्लीचिंग डलवाया गया है। पीड़ित लोगो को ओआरएस घोल, मैट्रोन व जिंक टेबलेट उपलब्ध करवाया गया है।

अब तक कुल छब्बीस लोग डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं।  जलजमाव स्थल पर मरीजो को शिफ्ट किए जाने को लेकर कहा की अस्पताल में पानी के कमी के कारण डायरिया पीड़ित मरीजो को अलग रखा गया है।

Conclusion:इस मामले को लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने नाराजगी जाहिर की है.
बाइट: उप प्रमुख भीखन मंडल
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