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सरकारी गोदाम में बर्बाद हो रही है गरीबों की चीनी, विभाग ने टेक्निकल प्रॉब्लम का बनाया बहाना

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Published : Jul 15, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 3:18 PM IST

गिरिडीह के सरकारी गोदाम में लापरवाही की वजह से कई महीनों से रखी चीनी खराब हो रही है. स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद विभाग ने टेक्निकल कारणों का बहाना बनाया है.

Huge quantity of sugar getting spoiled
Huge quantity of sugar getting spoiled

गिरिडीह: जिले से आए दिन सरकारी अनाज सड़ने का मामला सामने आते रहता है. इस बार जिले के विभिन्न प्रखंड के सरकारी गोदामों में चीनी के खराब होने की खबरें सामने आयी. सरकारी गोदामों में रखी कई बोरी चीनी खराब हो रही है. कई बोरियां फट गई है तो कई बोरियों से चीनी बाहर निकल कर बर्बाद हो रही है. इन बोरियों के आस पास लगी चींटी सरकारी बदइंतजामी की गवाही दे रही है. स्थानीय लोगों ने जब इस बारे में शिकायत की तो संबंधित विभाग ने बर्बादी के लिए टेक्निकल कारणों को जिम्मेदार ठहराया है.

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खराब हो रही है चीनी: जानकारी के अनुसार जिला के गांडेय, गावां, पीरटांड, गिरिडीह सदर समेत विभिन्न प्रखंड के गोदाम में चीनी की बोरियां पड़ी हुईं हैं. इस जानकारी के बाद ईटीवी भारत की टीम ने भी पड़ताल की. ईटीवी भारत की टीम बिहार से सटे जिले के गावां प्रखंड मुख्यालय स्थित सरकारी अनाज के गोदाम पहुंची. जहां गोदाम के एक किनारे में सरकारी चीनी की बोरियां मिली, जिसमें करीब 25 क्विंटल चीनी खराब हो रही है.

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एजीएम ने बताया कारण: झामुमो से जुड़े स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनिरुद्ध उपाध्याय ने बताया कि कई महीनों से चीनी की बोरियों के पड़े रहने की शिकायत पदाधिकारियों से की गई है लेकिन, अब तक इस पर कुछ निर्णय नहीं लिया गया है. इधर इस मामले पर गावां के एजीएम ने बताया कि एसआईओ जमा नहीं करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है. एसआईओ जमा होते ही चीनी को बांट दिया जाएगा.


अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक का चीनी अब तक नहीं बंटी: एसआईओ (स्टोरेज इशू आर्डर) नहीं मिलने के कारण गोदामों में रखे-रखे चीनी खराब हो रही है. अभी तक अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक का शत-प्रतिशत चीनी उपभोक्ताओं को नहीं मिला है. जानकारी के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक का आवंटित चीनी जिला के सभी प्रखंडों को मिल गया है, लेकिन शत-प्रतिशत चीनी लाभुकों तक नहीं पहुंचा है.

अंत्योदय कार्ड के तहत मिलती है चीनी: बता दें कि अंत्योदय कार्ड (पीला कार्ड) पर प्रति कार्ड एक किलो चीनी हर माह अनुदानित दर पर देने का प्रवाधान है. ये चीनी उक्त लाभुकों को 3-3 माह में 3 किलो करके मिलती है. कार्ड पर मिलनेवाली चीनी को प्राप्त करने के लिए पीडीएस डीलर एनईएफटी के माध्यम से पैसा जमा करते है. इसके बाद जेएसएफसी द्वारा एसआईओ निर्गत होता है. जिसके बाद डीलर के दुकान तक चीनी भेजी जाती है.

Last Updated :Jul 15, 2022, 3:18 PM IST
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