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Giridih News: फटी है दीवार, छत भी बदहाल, जोखिम में नौनिहालों की जान

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Published : May 11, 2023, 6:51 AM IST

Updated : May 11, 2023, 8:25 AM IST

bera Anganwadi Center of Giridih in bad condition
bera Anganwadi Center of Giridih in bad condition

गिरिडीह के एक मोहल्ला के बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र के जर्जर भवन में पढ़ रहे हैं. भवन की दीवारें फट चुकी हैं. छत भी बदहाल है. कहा जाए तो जान जोखिम में डालकर बच्चे पढ़ रहे हैं.

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गिरिडीहः एक तरफ मधुबन के सिंहपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र की चर्चा देश स्तर पर होती है. मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस केंद्र में सेविका व सहायिका द्वारा सांप-सीढ़ी खेल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के तरीके की तारीफ भी कर चुके हैं. 10 महीने बाद सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी इस केंद्र पर पहुंचते हैं. कहा जाए तो सिंहपुर का यह केंद्र बताता है कि बाल विकास की सेवा इस जिले में कितनी बेहतर है. इसके विपरीत शहर से सटा बेड़ा आंगनबाड़ी केंद्र विभाग की पोल खोल रहा है.

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इस केंद्र का भवन न सिर्फ जर्जर है बल्कि जमींदोज होने की कगार पर भी है. भवन जर्जर होने के बाद भी बच्चे इसी के अंदर बैठ कर आरम्भिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. कहा जाए तो जान जोखिम में डालकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. निगम के क्षेत्र में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र बेड़ा का क्रम संख्या 91 है. इस केंद्र के जिस कमरे में बच्चे अध्ययन करते हैं और जहां बच्चों का भोजन बनता है उसकी दीवार जगह जगह फट चुकी है. छत भी जर्जर है और बारिश होने पर बूंदें कमरे के अंदर टपकने लगती है.

पांच-छह वर्षों से यह स्थितिः इस विषय पर सेविका चंपा देवी से बात की गई. इन्होंने बताया कि पिछले पांच-छह वर्षों से केंद्र इस तरह से बदहाल है. यहां बच्चों को पढ़ाने में भी डर लगता है. वैसे यहां पर 25 बच्चों का नामांकन है लेकिन जर्जर भवन के कारण 5-6 बच्चे ही यहां आते हैं. बच्चे अपने अभिभावक के साथ केंद्र आते हैं और अभिभावक तब तक केंद्र के बाहर बैठे रहते हैं जब तक छुट्टी नहीं होती है. बताया कि भवन की स्थिति की सूचना कई दफा विभाग को दी गई है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं.

क्या कहते हैं वार्ड पार्षदः स्थानीय वार्ड पार्षद रामचंद्र दास का कहना है कि भवन जर्जर है और इसे मरम्मत करने के लिए कई दफा विभाग को कहा गया लेकिन कोई सुनने वाला नहीं. बताया कि यहां पर नया भवन भी बन रहा था लेकिन वह अधूरा है. बताया कि भवन का मेटेरियल सप्लायर ही भाग गया जिसके बाद भवन अधूरा रह गया.

नहीं मिलता मरम्मत का फंडः सीडीपीओ मुनेश्वरी बाड़ा ने बताया कि इस भवन की मरम्मत करवाने के लिए कई दफा फंड की डिमांड की गई. लेकिन फंड मिला ही नहीं. उन्होंने कहा कि फंड मिलने के बाद ही मरम्मत किया जा सकता.

Last Updated :May 11, 2023, 8:25 AM IST
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