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सदर अस्पताल में तड़पती रही गर्भवती, दूसरे दिन ऑपरेशन, तीसरे दिन जच्चा-बच्चा दोनों की मौत

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Published : Sep 10, 2019, 6:37 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 10:03 PM IST

गढ़वा सदर अस्पताल में एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. बता दे कि 22 वर्षीय रीता देवी को सदर अस्पताल गढ़वा में भर्ती कराया गया था. जहां पूरे दिन वो दर्द से तड़पती रही पर उसे देखने वाला कोई नहीं था. उसके साथ भी कोई नहीं आया था. दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन ने उसका ऑपरेशन कराया, तब तक उसका बच्चा मर चुका था. तीसरे दिन महिला की भी मौत हो गई.

महिला का शव

गढ़वा: सदर सदर अस्पताल में एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. दर्द से कराहती रीता देवी नाम की 22 वर्षीय महिला सदर अस्पताल में दिन भर तड़पती रही. दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन ने उसका ऑपरेशन कराया, तब तक उसका बच्चा मर चुका था. तीसरे दिन महिला ने भी दम तोड़ दिया.

जच्चा-बच्चा की मौत

कोई नहीं था महिला के साथ
जानकारी के अनुसार, गर्भवती रीता देवी को गढ़वा डंडई प्रखंड से 108 एम्बुलेंस से सदर अस्पताल भेजा गया था. उसे शनिवार को सदर अस्पताल लाया गया था. उसके साथ कोई नहीं था. इस कारण उसका ऑपरेशन नहीं किया गया. उसे ब्लड की भी जरूरत थी. रविवार को सिविल सर्जन ने पहल कर उसका ऑपरेशन कराया. उसके यूटरस से मृत बच्ची को बाहर निकाला गया. सोमवार की देर रात महिला की भी मौत हो गई. मंगलवार को लावारिस की तरह उसकी लाश सदर अस्पताल के बरामदे में पड़ी रही.

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'पहले ही काफी देर हो गई थी'
सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि महिला ने बताया था कि उसका पति बाहर कमाने गया है. जब उसे फोन कर इसकी जानकारी दी गई तो उसने यहां आने से इनकार कर दिया. उसके बाद उसने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया. महिला को बचाने की काफी कोशिश की गई, लेकिन पहले ही काफी देर हो चुकी थी.

Intro:गढ़वा।गढ़वा सदर सदर अस्पताल में एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी। हुआ यूं कि दर्द से कराहती रीता देवी नामक 22 वर्षीया महिला सदर अस्पताल में दिन भर तड़पती रही। दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन ने उसका ऑपरेशन कराया तब तक उसका बच्चा मर चुका था। तीसरे दिन महिला के भी प्राण पखेरू उड़ गए।


Body: बताया जाता है कि गर्भवती रीता देवी को डंडई प्रखण्ड से 108 एम्बुलेंस से सदर अस्पताल भेजा गया था। बीएसटी में पति का नाम सन्तोष सिंह, टन्डवा, रमना अंकित है। वह शनिवार को सदर अस्पताल आयी थी। उसके साथ कोई अभिभावक नहीं थे, इस कारण उसका ऑपरेशन नहीं किया गया। उसे ब्लड की भी जरूरत थी। रविवार को सिविल सर्जन ने पहल कर उसका ऑपरेशन कराया। उसके यूटरस से मृत बच्ची को बाहर निकाला गया। सोमवार की देर रात्रि में रीता की भी मौत हो गयी। मंगलवार को लावरिस की तरह उसकी लाश सदर अस्पताल के बरामदे में पड़ी थी।


Conclusion:सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि महिला के अनुसार उसका पति बाहर कमाने गया है। जब उसे फोन कर इसकी जानकारी दी गयी तो उसने यहां आने से इनकार कर दिया। उसके बाद उसने अपना मोबाइल ऑफ कर लिया। महिला को बचाने की काफी कोशिश की गई, लेकिन पहले ही काफी विलम्ब हो चुका था। लाश के डिस्पोजल के लिए डीसी से आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
बाइट- डॉ एनके रजक, सिविल सर्जन
Last Updated : Sep 10, 2019, 10:03 PM IST
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