ETV Bharat / state

जमशेदपुर: अस्पताल के लिए बना दी गई नई बिल्डिंग, लेकिन डॉक्टरों और दवाइयों की है कमी

author img

By

Published : Feb 24, 2019, 1:58 PM IST

जमशेदपुर: अस्पताल के लिए बना दी गई नई बिल्डिंग, लेकिन डॉक्टरों और दवाइयों की है कमी

सबसे पुराना सरकारी अस्पताल एमजीएम आए दिन समस्याओं को लेकर सुर्खियों में बना रहता है.अस्पताल में डॉक्टरों और दूसरी सुविधाओं के साथ स्पेशलिस्ट की भी जरूरत है. कुछ दवाएं अस्पताल में है लेकिन खास दवाओं की कमी है.

जमशेदपुरः साकची स्थित शहर का सबसे पुराना सरकारी अस्पताल एमजीएम आए दिन समस्याओं को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. हालांकि, अस्पताल में दूरदराज से आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए नए भवन बनाए गए और बेड की संख्या भी बढ़ी है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टरों और दवा की कमी से मरीज बेहाल हैं.

जमशेदपुर: अस्पताल के लिए बना दी गई नई बिल्डिंग, लेकिन डॉक्टरों और दवाइयों की है कमी

अस्पताल में सामान्य दवाएं एंटीबायोटिक ही मौजूद है जबकि एंटी रेबीज दवा और दवाओं के लिए मरीजों को पर्ची लिख कर दे दिया जाता है जो उन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है. एमजीएम अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि सरकार गरीबों के लिए सुविधा की बात करती है लेकिन यहां तो दवा भी बाहर से लेना पड़ता है.

ये भी पढ़ें-RIMS के जूनियर डॉक्टर ने कवरेज कर रहे पत्रकार से की मारपीट, रिम्स के निदेशक ने मांगी माफी

एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ एसएन झा ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों और दूसरी सुविधाओं के साथ स्पेशलिस्ट की भी जरूरत है. कुछ दवाएं अस्पताल में है लेकिन खास दवाओं की कमी है. उन्होंने बताया कि एंटी रेबीज दवा के बारे में बताते हुए कहा कि इसके लिए निविदा दिया गया है.

Intro:JAMSHEDPUR
JITENDRA KUMAR
9431301511

जमशेदपुर।

मुख्यमंत्री के गृह जिला का सरकारी अस्पताल एमजीएम में दवा की कमी से गरीब मरीजों को बाहर से दवा लाना पड़ रहा है।
अस्पताल के अधीक्षक का कहना है विभाग में पहले कारपोरेशन से दवा आती थी अब ऐसा नहीं है इसके लिए कई बार निवेदन भी किया जा चुका है ।


Body:जमशेदपुर के साकची स्थित गरीबों का लाइव फ्लाइट कहां जाने वाला सरकारी एमजीएम अस्पताल संसाधनों और दवा की कमी से जूझ रहा है अस्पताल में इलाज कराने आए गरीब मरीजों को बाहर से दवा लाना पड़ता है।
जमशेदपुर का सबसे पुराना सरकारी अस्पताल एमजीएम आए दिन समस्याओं को लेकर सुर्खियों में बना रहता है हालांकि पूर्व की अपेक्षा अस्पताल में दूरदराज से आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए नए भवन बनाए गए हैं बेड की संख्या बढ़ाई गई है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी और दवा की कमी से मरीज बेहाल है।
अस्पताल में सामान्य दवाएं एंटीबायोटिक ही मौजूद है जबकि एंटी रेबीज दवा और अन्य दवाओं के लिए मरीजों को पर्ची लिख कर दे दिया जाता है जो उन्हें बाहर से खरीदना पड़ता है।

एमजीएम अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों से बातचीत करने के दौरान उन्होंने बताया कि सरकार गरीबों के लिए सुविधा की बात करती है लेकिन यहां तो दवा भी बाहर से लेना पड़ता है एक मरीज ने अस्पताल द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची को दिखाते हुए कहा कि पैसे नहीं है अब तो मोबाइल बेच कर ही दवा लेना पड़ेगा ऐसे में सरकारी अस्पताल का क्या फायदा
बाईट टू बाईट मरीज के परिजन और मरीज

वहीं एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ एसएन झा ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर और अन्य सुविधाओं की जरूरत है स्पेशलिस्ट की भी जरूरत है कुछ दवाएं अस्पताल में है लेकिन अन्य दवाओं की कमी है उन्होंने बताया कि एंटी रेबीज दवा राज्य से आता था वर्तमान में निविदा किया गया लेकिन कोई शामिल नहीं हुआ है तत्काल में लोकल स्तर पर व्यवस्था की जाती है ।
अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से बताया कि पूर्व में विभाग में कारपोरेशन से दवा आती थी उससे सुविधा मिलती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है हालांकि इस संदर्भ में कई बार निवेदन किया जा चुका है।
बाईट डॉ एस एन झा अधीक्षक एमजीएम अस्पताल



Conclusion:बाहरहाल देश में स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार द्वारा कई नई योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है लेकिन सरकारी अस्पताल में सुस्त व्यवस्था के कारण गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.