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पूर्वी सिंहभूम जिला के डुमरिया प्रखंड के 6 मजदूर के परिवार का हाल, टनल से सुरक्षित बाहर आने के लिए कर रहे पूजा-अर्चना

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 25, 2023, 1:57 PM IST

Dumariya block six workers family sad. उत्तराखंड टनल हादसे के बाद झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के डुमरिया प्रखंड के 6 मजदूर के परिवार का हाल बुरा है. अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए उनके घरों में सुबह शाम पूजा-पाठ का दौर चल रहा है. वहीं बुजुर्ग माता-पिता अपने पुत्र की एक झलक पाने के लिए बेताब हैं. इन परिवार का हाल जानिए, डुमरिया प्रखंड से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट से.

East Singhbhum Dumariya block six workers family sad over trapped Uttarakhand tunnel accident
उत्तराखंड टनल हादसे के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के 6 मजदूर के परिवार का दुख

डुमरिया प्रखंड से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट, उत्तराखंड टनल हादसे के बाद फंसे मजदूर के परिजनों का हाल

घाटशिलाः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल निर्माण के दौरान हुए हादसे में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के डुमरिया प्रखंड के 6 मजदूर फंसे हैं. ईटीवी भारत की टीम उन फंसे हुए मजदूरों के परिजनों के स्थिति जानने उनके घर पहुंच रही है.

सबसे पहले ईटीवी भारत संवाददाता कनाई राम हेंब्रम डुमरिया सबर बस्ती टिंकू सरदार के घर पहुंचे. लेकिन उनके परिजन घर पर नहीं थे, उनके माता-पिता खेत में काम करने गए थे और छोटा भाई भी नहीं था. उनका घर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह काफी गरीब हैं और इसी गरीबों के कारण रोजगार की तलाश में उत्तराखंड में काम करने गये हैं. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम वहां से निकलकर बंकीसोल गांव समीर नायक के घर पहुंची.

लेकिन वहां भी फंसे हुए मजदूर के परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई. आसपास के लोगों से पूछताछ के दौरान उनके चचेरे भाई से मुलाकात हो सकती है. आखिरकार शुक्रवार को मजदूर समीर नायक के चचेरे भाई विकास नायक से मुलाकात हुई. इस संबंध में हमने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी है और उम्मीद है कि जल्द ही उनके परिजन टनल से बाहर आ जाएंगे. उनकी सलामती के लिए वह रोज सुबह शाम पूजा अर्चना भी कर रहे हैं और भगवान से दुआ भी मांग रहे हैं.

विकास नायक ने बताया कि उनके चाचा उत्तराखंड पहुंच चुके हैं सुबह ही उनसे फोन पर बात हो गई है. उन्होंने भी बताया है कि जल्द ही सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा, ईटीवी भारत संवाददाता ने मजदूर समीर नायक की दीदी पार्वती नायक से भी बात की. उन्होंने बताया है कि फोन के माध्यम से ही उनको जानकारी मिली है कि उसका भाई काम के दौरान टनल में फंस गया है. उन्होंने बताया कि 14 दिन बीत गए, रोज सुनते हैं कि आज निकलेगा कल निकलेगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है. हम उम्मीद करते हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर निकलेंगे और अपने परिवार के साथ रहेंगे. उन्होंने बताया कि जैसे ही वह बाहर आएंगे उन्हें वहां काम करने नहीं देंगे और घर वापस बुला लेंगे.

कुडालुका गांव का हालः इसके बाद ईटीवी भारत की टीम वहां से दूसरा टोला भूक्तु मुर्मू के घर की तलाश में निकले. शुक्रवार करीब 1:00 बजे गांव से निकलने के बाद हमने दूसरे गांव की ओर रुक किया. वहां से करीब 25 किलोमीटर चलने पर एक पहाड़ मिला पहाड़ के नीचे हमने अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की और वहां से पैदल ही पहाड़ को पार किया. इस बीच रास्ता भटकने के बाद दूसरे गांव पहुंच गए, अब शाम होने को चली है फिर भी ईटीवी भारत की टीम ने हार नहीं मानी और दोबारा भूक्तु मुर्मू का घर ढूंढने निकली.

इस बीच रास्ते में एक बुजुर्ग व्यक्ति मिले उन्होंने रास्ता दिखाया और करीब शाम 4:00 बजे के आसपास भूक्तू मुर्मू का गांव मिल गया. गांव वालों ने पूछने पर मजदूर का घर दिखाया गया. तस्वीरों से साफ है कि मिट्टी का घर, खपड़ैल छत और उनका घर पहाड़ की तलहटी में है. घर पर बूढ़े मां-बाप उनको ना तो हिंदी समझ में आई और ना ही वह हिंदी बोल पाते. उनके पिता केवल संथाली में ही बोल पाते हैं.

ईटीवी भारत के संवाददाता ने भुक्तू मुर्मू के पिता बासेत मुर्मू से पूछा कि आपका बेटा कहां है तो उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड के बाजार में काम करने गया है. उनके सवाल किया गया कि आपके बेटा के बारे में कुछ खबर है. इस पर उन्होंने कहा कि वहां से रांची आया रांची से जमशेदपुर आया जमशेदपुर से घाटशिला आने की खबर आयी. इसके बाद घाटशिला से कोई व्यक्ति उनके घर पहुंचा और उनके पुत्र भूक्तु मुर्मू की खबर दी. इसके बाद और कुछ खबर नहीं है क्योंकि उन्होंने बूढ़े मां-बाप के पास ना तो फोन है ना कोई संचार का साधन. पहाड़ के नीचे ना मोबाइल का नेटवर्क लगता है ना और कुछ.

बुजुर्ग बासेत मुर्मू ने ईटीवी भारत संवाददाता को देखकर पूछा कि आप लोग कौन हैं तो हमने का कि हम ईटीवी भारत के रिपोर्टर हैं. इसपर उन्होंने दोबारा सवाल किया कि क्या आपको सरकार ने भैजा है. इसपर ईटीवी भारत संवाददाता ने बुजुर्ग को समझाया कि उत्तराखंड में जो मजदूर फंसे हैं उनके बारे में उनके परिजनों का हाल जान रहे हैं और उत्तरकाफी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी उनके साथ साझा कर रहे हैं.

इस पर बासेत मुर्मू ने बताया कि अभी तक केवल उनके घर दो लोग आए हैं और उनके बेटे के बारे में जानकारी ली है. पहले प्रशासन के प्रतिनिधि घाटशिला से आए थे. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम यहां पहुंची है. उन्होंने ईटीवी भारत की टीम के माध्यम से अपने पुत्र के सकुशल घर आने की गुहार लगाई. इस पर ईटीवी भारत संवाददाता ने उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो दिखाया. जिसके बाद उनको तसल्ली हुई और चेहरे पर थोड़ी खुशी नजर आई. उन्होंने कहा कि उनका बेटा जब भी बाहर आएगा हम अपने बेटे को तुरंत ही अपने घर बुला लेंगे.

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